कांकेर । विगत सप्ताह ज़िला उत्तर बस्तर उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल तथा माननीय सदस्य डाकेश्वर सोनी की बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फ़ैसले में न केवल एक विधवा स्त्री के साथ इंसाफ़ किया बल्कि ज़िला परिवहन अधिकारी को भी अर्थदण्ड से दंडित किया। मामला इस प्रकार बताया जाता है कि फ़रियादी प्रमिला लावत्रे पति स्वर्गीय कृष्णा लावत्रे निवासी ग्राम कंडेल (चारामा) ने 18 10 2017 को हीरो डीलक्स मोटरसाइकिल राठौर ऑटोमोबाइल्स चारामा से संपूर्ण विक्रय मूल्य 56,900 का भुगतान कर ख़रीदा था। ज़िला परिवहन अधिकारी काँकेर के द्वारा फ़रियादी से पंजीयन शुल्क प्राप्त क़र उक्त हीरो मोटरसाइकिल को फ़रियादी के नाम पंजीयन कर नंबर सीजी 19 बीजी 3573 प्रदान किया था। इसके पश्चात अचानक ही, आश्चर्यजनक तरीक़े से ,बिना किसी आधार के, अनधिकृत रूप से 19. 8 .2021 को विरोधी पक्ष टोकेश्वर लावत्रे के नाम से ट्रांसफर कर दिया जबकि फ़रियादी ने उक्त मोटरसाइकिल का विक्रय या अंतरण विरोधी पक्ष टोकेश्वर लावत्रे को किया ही नहीं था। फ़रियादी प्रमिला लावत्रे के पति कृष्णा लॉटरी को उक्त मोटरसाइकिल को ट्रांसफर करने के संबंध में कोई अधिकार था ही नहीं क्योंकि उनकी मृत्यु तीन अगस्त 2021 को हो चुकी थी। इसके बाद 19 अगस्त 2021 को जिला परिवहन अधिकारी के द्वारा उक्त मोटरसाइकिल को विरोधी पक्ष क्रमांक 2 टोकेश्वर लावत्रे के नाम से ट्रांसफर किया जाना अनुचित एवं अव्यवहारिक है, जिसका कोई भी दस्तावेज टोकेश्वर के पास नहीं है। आरटीओ के उक्त कृत्य से परेशान होकर फ़रियादी ने वकील के माध्यम से विरोधी पक्षों को 11 4 2022 को नोटिस भिजवाया लेकिन नोटिस का कोई जवाब इन्होंने नहीं दिया। अनधिकृत रूप से वाहन का कब्ज़ा टोकेश्वर को दिए जाने के कारण फ़रियादी को आर्थिक तथा मानसिक परेशानी उठानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता आयोग में गुहार लगाई। जहां उनके साथ न्याय हुआ। विद्वान न्यायाधीशों -अध्यक्ष तथा सदस्य- ने अपने फ़ैसले में स्पष्ट निर्देश दिया है कि ज़िला परिवहन अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गई है और बिना किसी अधिकृत दस्तावेज, बिना सम्यक जांच निरीक्षण के मोटरसाइकिल का ट्रांसफर टोकेश्वर के नाम कर दिया गया जो कि वास्तविक वाहन मालिक के अधिकारों का उल्लंघन है और परेशानी का कारण है, जिसके लिए उसे क्षतिपूर्ति राशि भी दी जानी चाहिए। फ़रियादी को उसके स्वामित्व की वाहन सीजी 19 बीजी 3573 का पंजीयन बिना किसी शुल्क के उनके नाम पर पुनः नामांतरित कर संपूर्ण दस्तावेज आदेश दिनांक से एक माह के भीतर प्रदान कर ज़िला उपभोक्ता आयोग को सूचना प्रदान करनी होगी। आरटीओ द्वारा उपरोक्त अनुतोष का परिपालन करने में असफल रहने की स्थिति में दस्तावेज प्रदान करने के दिनांक तक प्रतिदिन 100 की दर से जुर्माना अदा करना होगा। टोकेश्वर को वाहन का भौतिक कब्ज़ा आदेश दिनांक से एक माह के भीतर प्रदान कर उपभोक्ता आयोग को सूचना प्रदान करनी होगी । उपरोक्त आदेश का पालन करने में असफल रहने की स्थिति में प्रतिदिन 100 की दर से जुर्माना अदा करेगा। ज़िला परिवहन अधिकारी पर 10000 अर्थ दंड आरोपित किया जाता है जो कि एक माह के भीतर उन्हें उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करना होगा । टोकेश्वर लावत्रे द्वारा फ़रियादी को हुई मानसिक पीड़ा तथा परेशानी के संबंध में क्षतिपूर्ति राशि 10000 एक माह के भीतर प्रदान करनी होगी । ज़िला परिवहन अधिकारी फ़रियादी का परिवाद व्यय 3000 वहन करेंगे। उपर्युक्त फ़ैसले से ज़िले की आम जनता में प्रसन्नता है तथा उपभोक्ता आयोग के प्रति लोगों के मन में सम्मान बढ़ा है।..