Eyewitness narrates the story of seeing the fire in the baby care center, ‘My husband and I were shot while trying to save the children…’
देश की राजधानी के विवेक विहार इलाके में एक बेबी केयर अस्पताल में आग लगने से 7 नवजातों की मौत हो गई. स्थानीय लोग और फायर डिपार्टमेंट की टीम ने अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर से 12 शिशुओं को रेस्क्यू किया था, जिनमें से बाद में 7 की मौत हो गई. प्रशासन और पुलिस इस भीषण अग्निकांड की छानबीन में जुटी है. वहीं, इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने चौंकाने वाली बात कही है. उनका कहना है कि बाहर एक गाड़ी में रखे सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि उससे बेबी केयर हॉस्पिटल में भी आग लग गई. देखते ही देखते इस आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पूरे अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया. कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही हॉस्पिटल में आग में घिर गया.
भगत सिंह सेवा दल के चेयरमैन जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि आग एक वैन में रखे सिलेंडर ब्लास्ट से लगी. वैन की छत को उड़ाकर सिलेंडर आसपास बिखर गया. शंटी ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि उनके घर तक पहुंच गई. इसके बाद यहां आकर उन्होंने पीछे से बेबी केयर हॉस्पिटल का शीशा तोड़कर बच्चों को निकाला. उन्होंने बताया कि यह कोई एग्जिट प्लान नहीं था. बेबी केयर सेंटर के बाहर पहुंची हेमा नाम की महिला ने बताया कि 20 तारीख को यहां उनकी बहन के न्यू बॉर्न बेबी को एडमिट कराया गयाथा. वह नवजात का पता लगाने यहां आई हैं, लेकिन अभी कुछ जानकारी नहीं मिल पा रही है.
बेबी केयर सेंटर आगजनी में अब तक
अस्पताल के मालिक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
अस्पताल का लाइसेंस सही था या नहीं, इसकी जांच हो रही.
घटना के चश्मदीदों ने रूह कंपा देने वाली कहानी बताई है.
12 शिशुओं को रेस्क्यू किय गया, जिनमें से 7 की मौत हो गई.
‘लगा जैसे आतंकवादी हमला हो गया’
पूर्वी दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर दिल दहला देने वाले खुलासे हो रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने चौंकाने वाली बात बताई है. बेबी केयर अस्पताल में जब आग लगने की घटना हुई थी, तब चश्मदीद रवि वर्मा वहीं मौजूद थे. उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त बहुत जोर की आवाज आई. आवाज इतनी तेज थी कि लगा जैसे आतंकवादी हमला हो गया है. रवि की मानें तो पूरी की पूरी गलती अस्पताल प्रशासन की है, जिसने नियमों की अनदेखी की है.
पहले से की जा रही थी शिकायत
विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में आग और धमाके कितने तेज थे, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है सेंटर की तीसरी बिल्डिंग के शीशे टूट गए. इसमें घर में मौजूद तीन लोग घायल हो गए. बृजेश गोयल ने बताया कि धमाकों से उनके घर के शीशे टूट गए और कांच लगने से उन्हें इंजुरी हो गई. उन्होंने बताया कि आग बहुत भयंकर थी. सिलेंडर के टुकड़े आसपास गिरे थे. उनके घर में भी टुकड़े आए और उनके शीशे टूट गए. गोयल ने बताया कि पहले से इसकी शिकायत की जा रही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
जब आतंकियों ने किया हमला
फराह ने बताया कि गर्मियों की छुट्टियों में वह अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गई थी. 19 मई को वह पहलगाम में एक रिजॉर्ट में रुके थे. दिन में पहलगाम घूमने के बाद वह शाम को रिजॉर्ट आ गए. रात में परिवार के लोग एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे. उनके बच्चे बाहर थे. इस दौरान उन्हें कुछ आवाज सुनाई दी. उन लोगों ने सोचा कि यह आवाज तारों की टकराने की होगी. लेकिन, जब उन्होंने देखा कि बाहर आतंकी हमला हुआ है और गोलियां चल रही हैं, वह तुरंत बच्चों को बचाने के लिए भागे.
पति-पत्नी को लगी गोलियां
फरहा और उनके शौहर तबरेज जब बाहर बच्चों को बचाने आए तो वह आतंकियों की फायरिंग की चपेट में आ गए. फरहा ने बताया कि दोनों को आतंकियों की गोली लग गई. उनके कंधे और पति तबरेज की आंखों में गंभीरे चोटे आईं. हमले से वह बुरी तरह घबरा गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे. फायरिंग करने के बाद आतंकी वहां से फरार हो गए. फरहा कहती हैं कि घटना के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने उनकी बड़ी मदद की. उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. वहां उसका इलाज किया गया. तबरेज की आंखों में गंभीर चोट आने पर उन्हें चेन्नई रेफर कर दिया. फरहा ने सरकार से अपने पति के लिए आंखें डोनेट कराने की मांग की है.
हमले की तस्वीर अब भी जहन पर
फरहा ने बताया कि जिस तरह का मंजर उन लोगों को कश्मीर में नजर आया था, उस मंजर की दास्तान तो हम लोग बयां ही नहीं कर सकते. वो हालात काफी खौफनाक और डरावने थे. फरहा ने बताया कि जब परिवार के लोग एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे. इस दौरान कुछ आवाज सुनाई दी, हम लोगों ने सोचा कि यह आवाज तारों की टकराने की होगी. लेकिन जब हम लोगों ने देखा कि गोलियां चल रही है, तो बच्चों को बचाने के लिए गए, तो हम लोगों की गोली लग गई. मेरे कंधे में गोली लगी है और मेरे पति की आंखों में. इसके बाद हम लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे, तो वहां के लोगों, पुलिस और सेना ने हम लोगों का काफी सहयोग किया.
पीएम मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा से गुहार
जयपुर लौटने के बाद फरहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने इस दौरान हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य का भी जिक्र किया. फरहा ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि उनके पति के इलाज के लिए जल्द से जल्द सरकार आई डोनेशन की व्यवस्था करें.