Aayushi challenged NTA in the High Court, did not get NEET result even after scoring 715 out of 720 marks, NTA told the reason,
लखनऊ। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस बार नीट (राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा) का जो परिणाम घोषित किया है, उस पर लगातार आरोप लग रहे हैं। मेडिकल की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का भरोसा उठने लगा है। रविवार को लखनऊ की आयुषी पटेल ने एक्स पर अपनी ओएमआर शीट दिखाते हुए आरोप लगाया है कि उनके साथ स्कैम हुआ है। दोबारा से अपनी ओएमआर का मूल्यांकन कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में रिट भी दाखिल कर दी है। इसकी मंगलवार (11 जून) को सुनवाई है।
मोहान रोड बुद्धेश्वर पिंक सिटी की रहने वाली आयुषी पटेल नीट के एडमिट कार्ड को दिखाते हुए बताया, ”चार जून को जब रिजल्ट आया, मेरा रिजल्ट नहीं खुल रहा था। स्क्रीन पर दिखा रहा था कि योर रिजल्ट इज नाट जेनरेटेड। मुझे लगा कि 23 लाख बच्चे हैं, साइट पर ट्रैफिक बढ़ने से रिजल्ट जनरेट नहीं हो रहा है। एक घंटे बाद मेरे पास एनटीए से ईमेल आया। इसमें लिखा गया है कि रिजल्ट जनरेट नहीं हो सकता, क्योंकि उन्हें मेरी ओएमआर शीट डैमेज मिली है।”
आयुषी ने बताया, ” इतना सुनने के बाद पूरा परिवार और मैं अवाक रह गई। बहुत झटका लगा। मेरे परिवार के लोगों ने मुझे अवसाद में जाने से संभाला। मेरे मामा हाई कोर्ट में एडवोकेट हैं। उनके माध्यम से एनटीए को मेल पर दोबारा रिप्लाई भेजा। ओएमआर शीट अगर फटा है तो उसे दिखाया जाए। 24 घंटे के भीतर ओएमआर मिला। ओएमआर देखने से लग रहा है कि उसे जान-बूझकर फाड़ा गया है। ओएमआर शीट में जो भी सवाल हल करने के बाद गोला बनाया गया था, वह सभी स्पष्ट दिख रहे थे। इसे चेक किया तो नीट में 715 अंक आ रहे थे। इससे पहले जब मैंने एनटीए के जारी आंसर सीट से चेक किया था, उसमें भी इतने अंक थे। अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। मंगलवार को सुनवाई है।” आयुषी के पोस्ट पर बहुत से लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए सिस्टम पर रोष जताया है।
मेरा पढ़ाई और परीक्षा से उठ गया है भरोसा
आयुषी ने बताया कि उसका यह तीसरा प्रयास था। पहले प्रयास में 535 अंक आए थे। दूसरी बार 517 अंक आए थे। तीसरी बार 715 अंक आ रहे थे। तीन साल पूरी मेहनत की है। न्याय दिलाएं। मेरा पढ़ाई और नीट से पूरी तरह से भरोसा उठ चुका है। मैंने पूरी पढ़ाई की। सही से खाना-पीना और सोना भी नहीं किया। केवल पढ़ी हूं। सभी साक्ष्य हैं। मेरा दोबारा से पेपर चेक हो। मेरा भी रैंक में नाम आता, लेकिन मेरा रिजल्ट भी नहीं दिया गया।
आयुषी ने लगाए ये आरोप
लखनऊ में एक छात्रा ने NTA की परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाल दी है. लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने भी लाखों छात्रों की तरह इस बार नीट की परीक्षा दी, लेकिन 4 जून को जब रिजल्ट आया तो उसमें आयुषी का रिजल्ट देने से मना कर दिया गया. वजह यह बताई कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी. ओएमआर शीट कैसे फट गई इस बारे में आयुषी को कुछ नहीं पता. नीट परीक्षा के बाद जो आंसर की जारी हुई उसमें आयुषी को 720 में 715 नंबर आ रहे हैं, लेकिन NTA का कहना है कि आयुषी का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा.
4 जून को देर शाम जब आयुषी ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो उसमें NTA की तरफ से जवाब आया कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी लिहाजा रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता है. यह पढ़ने के बाद आयुषी के अरमानों पर पानी फिर गया. उनके पैरों तले धरती खिसक गई कि यह क्या हुआ, उसकी तो आंसर की में सिर्फ एक सवाल गलत था. इसलिए उसके 720 में 715 नंबर आ रहे थे. इस बार तो उसका एमबीबीएस में सरकारी कॉलेज मिलना तय था, लेकिन NTA ने रिजल्ट जारी करने से मना कर आयुषी के सपनों को चकनाचूर कर दिया.
मेल पर एनटीए ने भेजा सबूत
आयुषी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसकी ओएमआर शीट फट कैसे सकती है. उसने तो परीक्षा में बहुत सावधानी से ओएमआर शीट में गोले भरे थे और जमा की थी. परीक्षा केंद्र पर तैनात लोगों ने भी सख्ती और सतर्कता के साथ उसकी ओएमआर शीट जमा भी करवाई थी फिर ओएमआर शीट कैसे फट गई. आयुषी के मामा पेशे से हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में अधिवक्ता है. मामा को संपर्क किया तो उन्होंने 4 जून को ही NTA को तीन लीगल और सात नोटिस ई-मेल पर भेजे, जिसमे आयुषी की ओएमआर शीट मेल पर देने को कहा गया. 24 घंटे बाद जब NTA का मेल आया तो आयुषी और उसका पूरा परिवार हैरान रह गया.
फटी हुई निकली ओएमआर शीट
मेल पर भेजी गई ओएमआर शीट वाकई में फटी हुई थी. आयुषी के द्वारा भरे गए ओएमआर शीट के गोले भी साफ दिखाई पड़ रहे थे जिसको देखने के बाद ही आयुषी ने मांग रखी है कि ओएमआर शीट फटने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और अगर ओएमआर शीट फट भी गई है तो उसका रिजल्ट ना रोका जाए. अपनी इसी डिमांड को लेकर आयुषी ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाली है. जब तक उसकी ओएमआर शीट को लेकर हाई कोर्ट कोई निर्णय नहीं देती है तब तक नीट के जारी रिजल्ट पर आगे की प्रक्रिया रोक दी जाए.
दुखी मां ने कहा- मेरी बेटी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए
आयुषी के पिता संतोष पटेल की आलमबाग में एक छोटी सी मेडिकल स्टोर की दुकान है. मां शशी पटेल ग्रहणी हैं. बेटी सुबह 7 बजे कोचिंग जाती है और शाम को घर लौटती है. घर लौटकर भी भरपेट खाना नहीं खाती, ताकी फिर रात में नींद ना आ जाए, लेकिन उसकी इस मेहनत पर NTA की लापरवाही से पानी फिरता नजर आया तो आयुषी की मां शशि और सभी बेहद दुखी हो गए. मां कहती हैं कि बेटी ने इतनी मेहनत की उसने ईमानदारी से परीक्षा दी तो उसका रिजल्ट भी आना चाहिए. मेरी बेटी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए. अब हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी है.