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दर्द से चीखते श्रद्धालुओं पर बरसाते रहे गोलियां बस खाई में न गिरती तो शायद किसी को जिंदा नहीं छोड़ते आतंकी, जहां-तहां बिखरे मिले शव

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The terrorists kept raining bullets on the devotees screaming in pain, if the bus had not fallen into the ditch, perhaps no one would have been left alive, bodies were found scattered here and there

शिवखोड़ी से कटड़ा जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर हुए बर्बरतापूर्ण आतंकी हमले ने हर किसी को हिला कर रख दिया है। आतंकी यहां इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे डालेंगे, यह शायद किसी ने सोचा तक नहीं था।
कभी 90 के दशक में जब आतंकी जब जी चाहे, वहीं पर निर्दोष लोगों का खून बहा देते थे। इस हमले ने लोगों के दिल से वह वहम भी निकाल दिया है कि आतंकी यहां आने वाले यात्रियों या पर्यटकों को कभी निशाना नहीं बना सकते। इस घटना से आतंकियों के मजबूत नेटवर्क और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।

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अचानक हो गई गोलीबारी, टूटने लगे बस के शीशे

इस घटना में घायल दिल्ली की यात्री भवानी सिंह ने बताया कि कटड़ा में छोटे-छोटे समूह में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मिलकर इस बस को कटड़ा से शिवखोड़ी आने-जाने के लिए लिया था। हंसी-खुशी और पूरे भक्तिभाव से भोलेनाथ के दर्शन कर वे वापस कटड़ा की तरफ रवाना हुए थे।
अचानक से एक स्थान पर पहुंचने पर बस के शीशे टूटने और भीतर बैठे यात्रियों को गोलियां लगने से उनकी चीख-पुकार मच गई। इसी बीच बस में बैठे कुछ लोग चिल्लाकर झुकने के लिए कहने लगे।

‘बस का खाई में गिरना जीवनदान बना’

इस घटना में बचे खुशकिस्मत यात्रियों के मुताबिक बस का खाई में गिरना कई यात्रियों के लिए जीवनदान बन गया. अगर बस सड़क पर ही रहती तो गोलियां बरसा रहे आतंकी शायद ही किसी को जिंदा छोड़ते. यात्रियों के मुताबिक जैसे ही बस नीचे खाई में गिरी, चीख पुकार मच गई. यात्रियों के मुताबिक आतंकी नीचे गिरती बस पर भी अंधाधुंध फायरिंग करते रहे. यही नहीं जब बस नीचे खाई में गिरी हुई थी और यात्रियों में चीख पुकार मची हुई थी, उस दौरान भी कुछ समय तक आतंकी गोलियां बरसाती रही. मौक पर मिले खाली कारतूस भी इस बात की गवाही दे रहे हैं. इस हमले में नौ यात्रियों की मौत हुई है. इसमें दो बच्चे भी हैं, जिसमें एक दो से तीन साल का है. स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों की मदद की.
घायल यात्रियों में नोएडा का भी एक यात्री है. यात्रियों के मुताबिक जब बस से छिटककर यात्री इधर- उधर जा गिरे तो आतंकी उनको गोलियों से निशाना बनाने लगे. कुछ यात्रियों ने पेड़ और पत्थरों के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई. सियासी के जिला अस्पताल में भर्ती एक घायल यात्री के मुताबिक इस दौरान उसकी पीछ पर गोली लगी. अगर वह छिपते नहीं, जीवित बचना मुमकिन नहीं था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने हमले के बारे में भयावह विवरण साझा किए. एक व्यक्ति ने बताया कि कैसे बस पर 25 से 30 गोलियां चलाई गईं, उसके बाद बस खाई में गिर गई.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने लाल रंग का मफलर पहने एक नकाबपोश हमलावर को बस पर गोलीबारी करते देखा था. तेरयाथ के अस्पताल में भर्ती बनारस के एक घायल तीर्थयात्री ने बताया, ‘‘हमें शाम चार बजे निकलना था, लेकिन बस शाम साढ़े पांच बजे निकली और अचानक बस पर गोलीबारी की गई.”
जिला अस्पताल में भर्ती उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार ने बताया, ‘‘मैं बस चालक के बगल में बैठा था और वाहन घने जंगलों से नीचे की ओर आ रहा था, तभी मैंने देखा कि सेना जैसे कपड़े पहने और काले कपड़े से अपना चेहरा व सिर ढके एक व्यक्ति बस के सामने आया और उसने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.”
उन्होंने कहा, ‘‘गोलीबारी में चालक को गोली लगी और बस खाई में गिर गई. बस पर कई मिनट तक गोलीबारी हुई.’

ड्राइवर को गोली लगने के बाद बस खाई में गिर गई

इस हमले में बस के ड्राइवर को गोली लगने के बाद बस खाई में गिर गई। हालांकि उसके बाद भी आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी, लेकिन खाई में चट्टानों तथा पेड़ों की ओट लेकर कई लोगों ने अपनी जान बचा ली।
कुछ घायलों ने बताया कि अगर बस खाई में ना गिरती तो सड़क पर निहत्थे यात्रियों में से शायद आतंकी किसी को भी जीवित नहीं छोड़ते।
खाई में कुछ लोगों के शव पेड़ पर लटके थे तो कुछ शव चट्टानों पर जहां-तहां बिखरे थे। घटना का मंजर इतना वीभत्स था कि देख कर प्राण हलक में अटक गए थे।

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