Home Blog खाद्य उत्‍पाद महंगे होने से आई तेजी, मई में बढ़कर हुई 2.61...

खाद्य उत्‍पाद महंगे होने से आई तेजी, मई में बढ़कर हुई 2.61 फीसदी थोक महंगाई दर 15 महीने की ऊंचाई पर,

0

The rise in prices of food products led to wholesale inflation rising to 2.61% in May, a 15-month high.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मई महीने के थोक महंगाई (WPI Inflation Data) के आंकड़े जारी किए हैं। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में थोक महंगाई में दर में लगातार तेजी है।
12 तारीख को जारी रिटेल महंगाई में मामूली गिरावट आई थी। लेकिन, थोक महंगाई दर में तेजी बरकरार है।
होलसेल प्राइस इंडेक्स (Wholesale Price Index) यानी डब्ल्यूपीआई (WPI) आधारित महंगाई मई में 2.61 प्रतिशत थी।
खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने वृद्धि हुई है।

Ro No - 13028/44

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में कहा कि

मई 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

इन चीजों के बढ़े दाम

मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 फीसदी रही, जो पिछले महीने 23.60 फीसदी थी। प्याज की महंगाई दर 58.05 फीसदी रही, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 फीसदी रही। इसके अलावा मई में दालों की महंगाई दर 21.95 फीसदी बढ़ी है।
ईंधन और बिजली बास्केट में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल के 1.38 प्रतिशत से मामूली कम है। मैन्यूफैक्चरड प्रोडक्ट में मुद्रास्फीति 0.78 प्रतिशत थी, जो अप्रैल में (-) 0.42 प्रतिशत से ज्यादा थी।

पिछले महीने कैसे थी थोक महंगाई दर

अप्रैल 2024 में 1.26 फीसदी रही थी, यह 13 महीने के उच्चतम स्तर था। वहीं,मार्च 2024 में डब्ल्यूपीआई 0.53 फीसदी था। अगर फरवरी की बात करें तो इस महीने थोक महंगाई 0.20 फीसदी थी और जनवरी में 0.27 फीसदी थी।

मई में कैसे थी रिटेल महंगाई

मई में रिटेल महंगाई 4.75 फीसदी रही, यह 12 महीने का निचला स्तर पर है। वहीं, अप्रैल 2024 में रिटेल महंगाई 4.83 प्रतिशत थी।

खाने-पीने के सामान महंगे होने से बढ़ी थोक महंगाई दर

खाने-पीने के सामान खासकर सब्जियों और मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक महंगाई दर मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 फीसदी हो गई है. थोक मूल्य सूचकांक-होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर अप्रैल में 1.26 फीसदी थी. मई 2023 में यह शून्य से नीचे 3.61 फीसदी रही थी.

रिटेल महंगाई दर घट रही तो थोक महंगाई दर बढ़ने से हैरानी

मई में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी मई के रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों के विपरीत है. इस हफ्ते की शुरुआत में जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है जो एक साल का सबसे निचला स्तर है.

क्यों बढ़ी है थोक महंगाई दर-जानिए मंत्रालय का जवाब

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “मई 2024 में महंगाई दर बढ़ने की मुख्य वजह खाने-पीने के सामान के दाम, फूड आर्टिकल्स की मैन्यूफैक्चरिंग महंगी, कच्चे पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, मिनिरल, ऑयल एंड मैन्यूफैक्चरिंग आदि की कीमतों में बढ़ोतरी रही है.”

खाने-पीने के सामान की महंगाई दर बढ़ी

WPI आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 9.82 फीसदी बढ़ी है जबकि अप्रैल में यह 7.74 फीसदी थी. मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 फीसदी रही, जो अप्रैल में 23.60 फीसदी थी. प्याज की महंगाई दर 58.05 फीसदी, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 फीसदी रही. दालों की महंगाई दर मई में 21.95 फीसदी रही.

फ्यूल एंड पावर सेक्टर की महंगाई दर

फ्यूल एंड पावर सेक्टर में महंगाई दर 1.35 फीसदी रही है जो अप्रैल के 1.38 फीसदी से मामूली कम रही है. मैन्यूफैक्चर्ड गुड्स में महंगाई दर 0.78 फीसदी रही, जो अप्रैल में शून्य से नीचे 0.42 फीसदी थी.

RBI रखता है महंगाई दर के आंकड़ों पर नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मॉनिटरी पॉलिसी तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल महंगाई दर को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को बरकरार रखने का फैसला किया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here