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South Africa: जूलियस मालेमा को मिले सिर्फ 44 वोट, सिरिल रामफोसा फिर बने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति,जानें कैसे हैं भारत से रिश्ते

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South Africa: Julius Malema got only 44 votes, Cyril Ramaphosa again became the President of South Africa, know how are the relations with India

सिरिल रामफोसा को एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति चुना गया है। दक्षिण अफ्रीकी संसद ने शुक्रवार को 7वीं संसद की नेशनल असेंबली की पहली बैठक में सिरिल रामफोसा को राष्ट्रपति चुना है। रामफोसा अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद मदुमसेनी एनटुली ने राष्ट्रपति पद के लिए रामफोसा के नाम का प्रस्ताव रखा और मुख्य न्यायाधीश रेमंड जोंडो की अध्यक्षता में हुई प्रक्रिया के दौरान इंकाथा फ्रीडम पार्टी के नेता और सांसद वेलेंकोसिनी हलाबिसा ने समर्थन किया।

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अफ्रीकी कांग्रेस को नहीं मिला बहुमत

अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को कहा कि गठबंधन सरकार बनाने और दो सप्ताह पहले चुनाव में पार्टी को 30 साल बाद बहुमत नहीं मिला है। इसके बाद राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए मुख्य विपक्षी दल और अन्य दलों के साथ उसकी व्यापक सहमति बन गई है।

रामफोसा को मिले 282 वोट

दक्षिण अफ्रीका में लोगों ने 29 मई को मतदान किया। 399 मतपत्रों की गिनती की गई। इनमें 12 अवैध मतपत्र मिले थे। दक्षिण अफ्रीका की समाचार एजेंसी के मुताबिक रामफोसा को 283 वोट मिले। वहीं आर्थिक स्वतंत्रता सेनानियों के नेता जूलियस मालेमा को केवल 44 वोट मिले।

नहीं मिला बहुमत तो बनी गठबंधन की सरकार

अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि इस बार के चुनाव में पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए मुख्य विपक्षी दल और अन्य दलों को मिलाकर सरकार बनाई जा रही है. दक्षिण अफ्रीका में जो सरकार बनाई गई है, वो राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है और विपक्षी पार्टियों ने भी सिरिल रामफोसा का समर्थन किया है, क्योंकि पिछले दिनों हुए चुनाव में उनकी पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी, हालांकि सबसे ज्यादा सीटें लाने में कामयाब रही थी.दक्षिण अफ्रीका की संसद ने सत्तारूढ़ अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच गठबंधन के बाद सिरिल रामफोसा को देश का राष्ट्रपति फिर से चुन लिया है.

पहली बार राष्ट्रपति कब बने थे रामफोसा?

रामफोसा ने पहली बार 15 फरवरी 2018 और इसके बाद 22 मई 2019 को राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. 1994 में दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले चुनाव के बाद से अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख राजनीतिक ताकत रही है. अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि सिरिल रामफोसा को राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया है.
दक्षिण अफ्रीका में आजादी के बाद सबसे पहला चुनाव 1994 में हुआ था, उसके बाद से ANC ने हमेशा 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए थे.

भारत को लेकर क्या है स्टैंड?

भारत के साथ सिरिल रामफोसा ने मजबूत संबंध बनाए हैं. जब भारत ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की तो BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका ही गए थे और राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत को बधाई दी थी. रामफोसा ने भारत की कामयाबी को अपने देश की कामयाबी करार दिया था. उन्होंने लैंडिंग के बाद घोषणा की थी, कि वह प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठना चाहते है, ताकि चंद्रयान की अच्छी भावनाएं उन पर भी पड़े.

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