50 people were taken into custody, Bharatpur became a hub of religious conversion! There was a fierce fight between the two sides, then there was a huge uproar,
भरतपुर. उत्तर प्रदेश से सटे पूर्वी राजस्थान के भरतपुर जिले में धर्म परिवर्तन कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां एक बार फिर बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है. इससे गुस्साए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया. बाद में जमकर मारपीट और बवाल हो गया. उसमें थप्पड़ और मुक्के सब चले. सूचना पर पंहुची. हालात देखकर एकबारगी उसके भी हाथ पांव फूल गए. पुलिस ने जैसे-तैसे करके उस पर काबू पाया. वहां से 40 से 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वे सभी धर्म परिवर्तन के मामले से जुड़े हुए थे.
जानकारी के मुताबिक सीएम भजनलाल शर्मा के गृह जिले में यह धर्मातंरण का यह मामला शुक्रवार को भरतपुर शहर के मथुरा गेट थाना इलाके के संगम विहार में सामने आया. यहां के फाटक नंबर 39 पर रविंद्र नाम के शख्स के घर में धर्म परिवर्तन का यह पूरा खेल खेला जा रहा था. इसका स्थानीय लोगों ने खुलासा किया. यहां बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराए जाने की सूचना पर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए. वहां जिस घर में सत्संग चल रहा था उसमें करीब 40 लोग शामिल थे.
पहले झड़प और फिर मारपीट हो गई
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की सत्संग में शामिल लोगों से पहले झड़प और फिर मारपीट हो गई. हंगामे की सूचना पर मथुरा गेट थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस उपाधीक्षक सिटी सुनील प्रसाद भी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने धर्म परिवर्तन करने के मामले से जुड़े करीब 40 से 50 लोगों को हिरासत में ले लिया. बाद में उनको थाने ले जाकर पूछताछ की गई. इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं.
रविन्द्र नाम के शख्स ने चर्च फाउंडेशन बना रखा है
विहिप के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह का आरोप है कि यहां लंबे समय से धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है. रविन्द्र नाम का शख्स यह सब करवा रहा है. उसने अपने नाम से चर्च फाउंडेशन बना रखा है. उसके तार सीधे चंडीगढ़ से जुड़े हुए हैं. करीब 4 साल पहले रविंद्र को उसके गांव के लोगों ने गांव से बाहर निकाल दिया था. क्योंकि उसने हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया था. हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को नाली में बहाकर अपमान किया था. इसके कारण गांव के लोगों ने उसे निकाल दिया था. तभी से वह भरतपुर में रहकर धर्म परिवर्तन का खेल खेल रहा है.
करीब 8 साल से यहां धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीते करीब 8 साल से यहां धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा था. रुपयों का लालच देकर और बीमारी ठीक करने का बहाना बनाकर लोगों को बुलाया जाता है. फिर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता. लेकिन अभी तक कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई. भरतपुर में बीते कुछ समय में धर्म परिवर्तन के 5 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस उपाधीक्षक शहर सुनील प्रसाद ने बताया कि धर्म परिवर्तन की सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी. वहां से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. उनसे पूछताछ की जा रही है. जांच में जो भी सामने आएगा उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट में ये कहा
निरंजनसिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह निवासी भवनपुरा हाल एसटीसी हाउसिंग बोर्ड ने थाना मथुरा गेट में दर्ज कराई रिपेार्ट में कहा है कि 5 जुलाई को सुबह 11 बजे फाटक नंबर 39 पर रविंद्र कुमार निवासी अजान हाल रेलवे फाटक 39 एवं उसकी पत्नी व एक अन्य व्यक्ति एक मकान में चंघई सभा कर रहे थे। सभा में करीब 100 महिला-पुरुष और बच्चे शामिल थे। रिपोर्ट में आरोप है कि उक्त लोग सभा में आए निम्न तबके के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे थे। साथ ही लालच दे रहे थे कि जो लोग ईसाई धर्म अपनाएंगे उन्हें 10 हजार रुपए बोनस हर माह दिया जाएगा।
26 लोग हिरासत में
सीओ सिटी सुनील प्रसाद ने बताया कि जानकारी मिली कि एक मकान में धर्म परिवर्तन सभा चल रही थी, वहां झगड़ा हो गया है। इस पर पुलिस ने मौके से उत्तेजित हो रहे 26 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। जो आरोपी हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है, ताकि उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित कर कानूनी कार्रवाई की जा सके। उक्त मामले में निरंजन सिंह ने एक एफआइआर भी दर्ज कराई है। इस पर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
भरतपुर में पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं
उल्लेखनीय है कि भरतपुर जिले में इससे पहले भी कई बार धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ चुके हैं. भरतपुर में बीते 11 फरवरी को भी इस तरह का मामला सामने आया था. हाईवे के किनारे होटल सोनार हवेली में करीब 400 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. सूचना पर विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ता और अन्य लोग पहुंचे. धर्म परिवर्तन करा रहे लोगों को पकड़ा और बाद में पुलिस के हवाले किया. इस मामले में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी. दूसरा मामला चिकसाना थाना इलाके में सामने आया था. वहां एक घर में पति-पत्नी धर्म परिवर्तन करा रहे थे. लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा रहा था. उसका भी खुलासा विश्व हिंदू परिषद ने किया था. बाद में लोगों को पुलिस के हवाले किया. शहर के विकास नगर में भी धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया था. वहां पर चंगेजी सभा का आयोजन कर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था.
5-5 सौ का लालच देकर बुलाए लोग
घर के अंदर मौजूद लोगों ने बताया कि हमें यहां आने के लिए 5-5 सौ रुपये दिए गए हैं। यह घर रवि कुमार का है, जिसे उसके गांव से इसलिए भगाया गया था क्योंकि उसने हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया था। गांव से आकर पिछले 4 साल से रवि यहां रहकर धर्म परिवर्तन का काम कर रहा था। उसके घर के अंदर ईसा मसीह के पोस्टर लगे हुए हैं। पकड़े गए लोगों में एक व्यक्ति अपने आप को अलवर CMHO का भाई बताया, पुलिस को घर के अंदर से ईसा मसीह के छपे हुए कैलेंडर मिले हैं।
हिरासत में लिए गए लोगों में एक का कहना था कि हमारे साथ विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट की गई है। हम अपने भाई के यहां आये हुए थे।
20 महिलाओं समेत 28 लोग हिरासत में
एक दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने घर में प्रवेश किया और वहां कुछ लोगों की पिटाई कर दी. जिसके बाद धर्म परिवर्तन और हंगामे की सूचना पर मथुरागेट पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. वहां से 20 महिलाओं समेत 28 लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस को शिकायत में बताया गया कि रीको इलाके में एक घर में लोग धर्म परिवर्तन के लिए इकट्ठा हुए हैं, जिसके बाद कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. डीएसपी सुनील शर्मा ने कहा कि मामले की आगे की जांच की जा रही है.
धर्म परिवर्तन की मिली थी सूचना
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सूचना मिली थी कि एक घर में धर्मांतरण का काम चल रहा है और सभा में करीब 100 लोग एकत्र हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक टीम वहां गई थी और कार्रवाई के लिए पुलिस को भी बुलाया गया था. लाखन सिंह ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के कुछ लोगों को उस घर में भेजा गया तो एक महिला ने बताया कि हम यहां लाइब्रेरी चलाते हैं. लेकिन जब वे अंदर घुसे तो पता चला कि लोगों का वहां ईसाईकरण किया जा रहा था.
लाखन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदू लोगों को इलाज के नाम पर बुलाकर सभा की जा रही थी और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति पूजा छोड़कर ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा था.