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Jagannath Rath Yatra 2024: इन संदेशों के जरिए भेजें अपने प्रियजनों को जगन्नाथ रथ यात्रा के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं,

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Jagannath Rath Yatra 2024: Send wishes to your loved ones on the auspicious occasion of Jagannath Rath Yatra through these messages,

नई दिल्ली। ओडिशा के पुरी में हर साल प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। यह समय हर किसी के लिए बेहद खास होता है, जिसका लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। यह पवित्र यात्रा भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इसकी खूबसूरत शुरुआत आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है।
इस साल यह (Jagannath Rath Yatra 2024) 7 जुलाई, 2024 यानी आज से शुरू हो रही है, तो चलिए इस शुभ अवसर को और भी खास बनाने के लिए यहां दिए गए शुभ संदेशों के जरिए अपने प्रियजनों को बधाई देते हैं।

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जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं –

रथ यात्रा के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को एक सुखद और शांतिपूर्ण दिन की शुभकामनाएं, जय जगन्नाथ।

रथयात्रा के शुभ दिन की शुभकामनाएं, भगवान जगन्नाथ आपको और आपके परिवार को आशीर्वाद दें।

जगन्नाथ प्रभु की दिव्य उपस्थिति आपको समृद्धि, शांति और आनंद का आशीर्वाद प्रदान करें, शुभ रथ यात्रा! जय जगन्नाथ।

शुभ जगन्नाथ यात्रा, आपका जीवन सौहार्दपूर्ण और सफल रिश्तों से भरा रहे।

आपको भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान से भरी जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं।

भगवान जगन्नाथ आपको और आपके परिवार को बुरी नजर और सभी नकारात्मक ऊर्जा से बचाएं, जय जगन्नाथ।

यह शुभ समय भगवान जगन्नाथ के प्रति भक्ति और भाव से भरा हो, शुभ रथ यात्रा।

भगवान आपको प्रचुरता और समृद्धि का आशीर्वाद दें, जय जगन्नाथ।

इस रथ यात्रा पर आपको और आपके परिवार को भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त हो, जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं।

प्रभु जगन्नाथ आपको सच्चाई और नैतिकता का आशीर्वाद प्रदान करें, शुभ रथयात्रा।

जगन्नाथ स्वामी आपको जीवन में शांति और सुकून का आशीर्वाद प्रदान करें, जय जगन्नाथ।

यह यात्रा आपके जीवन में खुशी और प्यार लाए, जय जगन्नाथ।

रथ यात्रा के इस शुभ दिन पर आपको शांति और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त हो, शुभ रथयात्रा।

आपकी रथ यात्रा सुरक्षित और अद्भुत हो, जय जगन्नाथ।

जगन्नाथपुरी रथ यात्रा की विशेषताएं

हर साल पुरी की रथयात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को प्रारंभ होती है. इस रथ यात्रा के लिए भगवान श्रीकृष्ण, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के लिए नीम की लकड़ियों से रथ तैयार किए जाते हैं. सबसे आगे बड़े भाई बलराम का रथ, बीच में बहन सुभद्रा और पीछे जगन्नाथ श्रीकृष्ण (Shri Krishna) का रथ होता है. इन तीनों रथों के अलग-अलग नाम व रंग होते हैं. बलराम जी के रथ को तालध्वज कहा जाता है और इसका रंग लाल और हरा होता है. देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पद्मरथ कहा जाता है और यह रथ काले या नीले रंग का होता है. भगवान जगन्नाथ का रथ नंदिघोष या गरुड़ध्वज कहलाता है और यह रथ पीले या लाल रंग का होता है. नंदिघोष की ऊंजाई 45 फीट ऊंची होती है, तालध्वज 45 फीट ऊंचा और देवी सुभद्रा का दर्पदलन पथ तकरीबन 44.7 फीट ऊंचा होता है.

जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में परिजनों को भेजिए विशेज

नगर पुरी के नाथ हैं जगत के आधार,
राम, कृष्ण, कल्की यही नारायण अवतार
जगन्नाथ रथ यात्रा की मंगलमय शुभकामनाएं.

श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के शुभ दिन
और अद्भुत पावन पर्व पर
आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.

गुलाब की महक, फूलों के हार,
भक्तो का प्यार और श्रद्धा से,
खुशियों से भर जाए हमारा यह त्यौहार,
जगन्नाथ स्वामी की यात्रा पर बहुत सारा प्यार
हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा.

जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ,
सब के सिर पर तेरा हाथ
संग संग सदा नाथ का साथ,
कैसे कोई हो सकता है अनाथ
जय जगन्नाथ.

जब जब होवे धर्म की हानि
तब तब अवतार लेवे भगवन
कर देवे मर्दन पापियों की मुक्ति
देवे हम पृथ्वी वासियों को
बोलो जगन्नाथ प्रभु की जय

चन्दन की खुशबु, रेशम का हार,
भादों की सुगंध, बारिश की फुहार,
दिल की उम्मीदें, अपनों का प्यार
मंगलमय हो आपको भगवान जगन्नाथ का त्यौहार

हे प्रभु जगन्नाथ थाम मेरा हाथ,
अपने रथ में ले चल मुझे साथ,
लुभाए न मुझको अब कोई पदार्थ,
मेरा तो बस अब एक ही स्वार्थ,
धर्म युद्ध हो या कर्म युद्ध तू बने सारथी, मैं बनूं पार्थ
अपने रथ में ले चल मुझे साथ
जय जगन्नाथ.

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