First know the weather conditions, if Monsoon is coming to Uttarakhand, then read the news for moment to moment updates
देहरादून। Monsoon in Uttarakhand: पिछले पांच दिनों से उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। जिससे पहाड़ी इलाकों के साथ ही मैदानी इलाकों में मौसम सुहावना हो गया है। लेकिन दुश्वारियां भी बढ़ी हैं। वहीं मौसम विभाग ने सात और आठ जुलाई को भी भारी बारिश की आशंका जताई है।
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।
चारधाम यात्रा बार-बार बंद हो रहे हैं। वहीं उत्तरकाशी और नैनीताल जिले में पुल भी बह गए। नैनीताल में शनिवार को रामनगर-रानीखेत हाईवे पर पनियाली नाला पर बना पुल भारी वर्षा के कारण ध्वस्त हो गया। जिससे कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। अगर आप भी मानसून में उत्तराखंड आने की सोच रहे हैं तो पहले मौसम की जानकारी ले लें। उसके बाद ही अपनी यात्रा प्लान करें।
Uttarakhand Weather Update
कुमाऊं में वर्षा का क्रम जारी है। करीब 60 से अधिक सड़कें मलबा आने से बाधित हैं। चीन सीमा तक पहुंचने वाली दो सड़कें पांच दिन से बाधित हैं। नैनीताल में झील का जलस्तर चार फीट हो गया है। 12 फ़ीट होने पर झील ओवरफ्लो होने लगती है। सीमांत में काली,गोरी व सरयू उफान पर हैं और चेतावनी लेवल के आसपास बह रहीं हैं।टिहरी में रात से बंद बदरीनाथ राजमार्ग तोता घाटी में वाहनों के लिए खोल दिया गया है।भूस्खलन से जौनसार बावर में 18 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसके चलते बाहरी मंडी में जाने वाली कृषि उपज से भरे वाहन जगह-जगह फंसे हैं। 18 मोटर मार्ग बंद होने से करीब 100 से अधिक गांव का संपर्क शहर से कट गया है। मार्ग बंद होने का असर विकास नगर के मुख्य बाजार के कारोबार पर भी पड़ता है।
ऋषिकेश में चेतावनी रेखा के निकट जाने के बाद गंगा के जलस्तर में अब कमी आई है। शनिवार को सुबह से ही ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा था, जो देर रात 10:00 बजे चेतावनी रेखा 339.50 के करीब 339.16 मीटर तक पहुंच गया था। चेतावनी रेखा से महज 34 सेमी नीचे तक आने के बाद गंगा की जल स्तर में कमी होने लगी। रविवार सुबह 9:00 बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से 75 सेमी नीचे 338.75 मीटर पर आ गया था। फिलहाल पिछले 20 घंटे से ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र में वर्षा नहीं हो रही है।
चमोली में जोशीमठ पांडुकेश्वर के बीच टयापुल के पास बाधित हाईवे से मलबा हटाने का काम शुरू।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। वर्षा की संभावना बनी हुई है । गंगोत्री और
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। गत शनिवार की दोपहर से लेकर अभी तक जनपद में वर्षा नहीं हुई है।
टिहरी में ऋषिकेश – बदरीनाथ राजमार्ग तोताघाटी में मलबा आने से बंद है। मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में 30 लिंक रोड भी बंद हैं। अभी बारिश थमी है। जिले में बीएसएनएल की सेवाएं भी बाधित हैं।
पौड़ी में अभी वर्षा रुकी है, बादल छाए हैं। जिले में 19 मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, तीन जिला मार्ग और बाकी ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।
रुड़की में शहर और आसपास के क्षेत्रों में हल्के बादल छाए हुए हैं, बारिश की संभावना है।
हल्द्वानी में रविवार को भी बारिश का दौर जारी है।
रुद्रप्रयाग में बारिश रुकी हुई है। गौरीकुंड हाईवे व बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारू है। जनपद में 16 मोटर मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं।
आठ जुलाई तक इसी प्रकार बना रह सकता है वर्षा का दौर
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आठ जुलाई तक वर्षा का दौर इसी प्रकार बना रह सकता है। रविवार को चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी में भी कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
पुलिस-प्रशासन की अपील नदियों के पास न जाए लोग
पहाड़ों में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों को जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वो नदी-नालों के पास न जाए. लेकिन कुछ लोग पुलिस-प्रशासन की इस अपील पर ध्यान नहीं दे रहे है, जिसका उन्हें कई बार खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस वजह से कई बार उनकी जान भी चली जाती है. वहीं,
हरिद्वार में बीते दिनों आया था सैलाब
ऐसा ही कुछ बीते दिनों ऋषिकेश में हुआ था. यहां भी गंगा में नहाते समय हरियाणा के दो युवक डूब गए थे, जिसकी लाश अगले दिन मिली थी. इसके साथ ही बीते दिनों हरिद्वार में आई बढ़ा में पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा था, जब सूखी नदी में अचानक से पानी का सैलाब आ गया था, और वहां खड़ी दर्जनों गाड़ियां पानी के बहाव में तिनके की तरह बह गई थी. उससे पहले तीस जून को भी केदारनाथ मार्ग पर मंदाकिनी नदी में एक व्यक्ति बह गया था, जिसका शव भी करीब 24 घंटे बाद मिला था.
पहाड़ों पर बढ़ा भूस्खलन का खतरा
बरसात में पहाड़ों पर सफर करना काफी खतरनाक साबित होती है. क्योंकि इस दौरान पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती है. बीते दिनों मैक्स वाहन भी भूस्खलन की चपेट में आ गया था. हादसे के वक्त वाहन में करीब 9 लोग सवार थे, जिनसे से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक की शिनाख्त यूपी के मुरादाबाद निवासी असलम के रूप में हुई थी.
30 जून को कुमाऊं में एक और घटना घटी. यहां झरने के नीचे नहा रहा 17 साल का नाबालिग अचानक से बह गया. बताया गया था कि बारिश के कारण झरने का पानी अचानक से बढ़ गया और नाबालिग उसी में बह गया. ऐसे ही एक घटना राजधानी देहरादून में भी हुई थी. यहां भी 30 जून को अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के पास नदी में पैर फिसलने से युवक की डूबकर मौत हो गई थी. युवक की उम्र करीब 18 साल थी.
ऋषिकेश में दंपति गंगा में डूबे
ऋषिकेश के पास नीम बीच पर भी ऐसा ही हादसा हुआ था. यहां भी गंगा में नहाते समय महिला अचानक से पानी के तेज बहाव में बहने लगी. महिला को बचाने के लिए चक्कर में उसका पति की डूब गया. दोनों के शव अभीतक नहीं मिले है. उत्तरकाशी के मताली में भी तेज बहाव में 23 साल का युवक बह गया था. युवक की लाश तो मिल गई थी, लेकिन उसकी अभीतक शिनाख्त नहीं हो पाई है.
खाई में गिरी टैकर
बीती तीन जुलाई को भी एक व्यक्ति मौसम की वजह से हादसे का शिकार हो गया था. बताया गया था कि रुद्रनाथ ट्रैक पर गए ट्रेकिंग दल के एक सदस्य का बारिश के कारण पैर फिसल गया था, जिससे वो सीधा खाई में गिरा. जिसका शव एसडीआरएफ ने निकाला था. मृतक की शिनाख्त मेरठ निवासी अमरेंद्र सिंह के रूप मे हुई थी.
चार जुलाई को श्रीनगर में महिला अलकनंदा में बही
बीती चार जुलाई को पौड़ी जिले के श्रीनगर में भी महिला अलकनंदा नदी में बह गई थी, जिसका शव एसडीआरएफ ने निकाला था. महिला की शिनाख्त शाखा देवी केशव के रूप में हुई थी.
गोमुख में बहे दो कावड़िए
दो दिन पहले भी यूपी के 40 कावड़िए भी गंगोत्री गोमुख ट्रैक पर फंस गए थे, जिसमें से 38 का तो एसडीआरएफ ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया था, लेकिन दो पानी में बह गए थे, जिनका अभीतक कुछ पता नहीं चल पाया है. बताया जा रहा है कि लकड़ी का पुल पार करते हुए दोनों कावड़िए बह गए थे. इसके अलावा हरिद्वार में भी गड्ढे में गिरने से युवक की मौत हो गई थी.
गुच्छूपानी के पास टापू में फंस गए थे 10 लोग
दो दिन पहले गुच्छूपानी के पास करीब दस लोग अचानक से नदी का जल स्तर बढ़ने से टापू पर फंस गए थे, जिनका एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया था. वहीं चंपावत जिले में पांच जुलाई को एक महिला नदी पार करते हुए अचानक से गिर गई और पानी के तेज बहाव में बह गई थी.
दो युवक चट्टान के नीचे दबे
6 जुलाई को भी चमोली जिले में बड़ा हादसा हुआ. यहां चमोली कर्णप्रयाग मार्ग पर दो बाइक सवार दो लोग पहाड़ से गिरी चट्टान के चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. दोनों की शिनाख्त निर्मल शाही (36) और सत्यनारायण 50 निवासी हैदराबाद के रूप में हुई है.
अभी जारी रहेगा बारिश का कहर
उत्तराखंड को फिलहाल तो बारिश से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग की माने तो आगे भी बारिश का प्रकोप जारी रहेगा. वहीं बारिश में जानमाल का कम से कम नुकसान हो, इसके लिए एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हर जिले में एसडीआरएफ की टीम तैनात है. संवेदनशील क्षेत्र में विशेष सर्तकता बरती जा रही है. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि बरसात के दिनों नदी-नालों से दूर रहे. चारधाम पर जाने वाले श्रद्धालु भी बेहद सावधानी के साथ ही यात्रा करें.