You will have to come to school in any case, new rule implemented in government schools, government school teachers in UP will have to do online attendance from today, if there is a delay…
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में तैनात सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में नया आदेश जारी किया गया है। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, अब शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई के स्थान पर आठ जुलाई से ही स्कूल की डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की परेशानियों को समझते हुए निर्धारित समय से 30 मिनट देर तक हाजिरी बनाने की सुविधा दी है। हालांकि, देरी से विद्यालय पहुंचने वाले शिक्षकों और कर्मचारी को इसका कारण भी बताना होगा।
नया आदेश जारी
पहले 18 जून के आदेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को 15 जुलाई से डिजिटल उपस्थिति बनाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन नए आदेश में आठ जुलाई से ही इसका पालन करने की बात कही गई है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि पांच जुलाई को जारी आदेश का 18 जून को जारी निर्देशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बता दें कि 18 जून को प्रेरणा पोर्टल पर ‘डिजिटल रजिस्टर्स’ नाम से विकसित माड्यूल की जानकारी साझा करते हुए विद्यालय स्तर पर व्यवहार में लाई जाने वाली 12 डिजिटल पंजिकाओं के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए थे।
पहले पूरी हो शिक्षकों की मांग
शिक्षक संगठनों का कहना है कि पहले शिक्षकों की ईएल, सीएल, हाफ डे जैसी मांग पूरी की जाए, उसके बाद डिजिटल अटेंडेंस लागू करें. उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि इस समय बारिश का वक्त है, कई जगह प्राकृतिक आपदा भी आ रही है. ऐसे में डिजिटल अटेंडेंस की वजह से अगर कोई समय स्कूल नहीं पहुंचा तो उसका वेतन कटेगा.
राज्यसभा सांसद ने बताया अच्छी पहल
उधर राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि एक अच्छी पहल की गई है. विरोध करने से पहले शिक्षकों इसे लागू होने देना चाहिए. जब भी कोई नई व्यवस्था लागू होती है तो लोग विरोध करते हैं. डिजिटल अटेंडेंस एक अच्छी पहल है, शिक्षकों को इसका स्वागत करना चाहिए.
महानिदेशक ने जारी किया आदेश
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर व छात्र उपस्थिति रजिस्टर सहित 14 रजिस्टर डिजिटल कर दिए गए हैं। ऐसे में अब शिक्षकों की कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।
जियो मैपिंग पर उठाए सवाल
उधर, शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं कि वह इसे नहीं लगाएंगे क्योंकि समस्याएं बहुत हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि कई स्कूलों की जियो मैपिंग ऐसी की गई है कि शिक्षक स्कूल में है लेकिन टैबलेट के माध्यम से उपस्थिति रजिस्टर खोलने पर वह कई किलोमीटर दूर बताया जा रहा है।
फिर प्रेरणा पोर्टल पर अभी तक फेस रिकग्निशन सिस्टम का लिंक भी नहीं भेजा गया है। दरअसल, शिक्षक संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में वह विरोध न कर सकें, इसलिए दबाव बनाने को स्कूली शिक्षा महानिदेशालय इसे पहले से लागू कराने पर अड़ गया है।
मांगें नहीं हुई हैं पूरी
शिक्षकों का कहना है कि उनके देर से विद्यालय पहुंचने में अर्द्ध अवकाश की सुविधा, तीन बार लगातार देर से आने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की सुविधा व अर्जित अवकाश दिए जाने संबंधित मांगें पूरी किए बिना ही इसे लागू कराया जा रहा है।
दूरदराज के स्कूलों में बारिश के मौसम में शिक्षक खासकर महिला शिक्षकों को कहीं पेड़ गिरने और कहीं जल जमाव होने के कारण कठिनाई होती है। ऐसे में देर से पहुंचने पर वेतन काटा गया तो विरोध होगा।