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SC से अंतरिम जमानत, अरविंद केजरीवाल को ED केस में ,लेकिन नहीं हो सकेंगे रिहा, मामला बड़ी बेंच को गया

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SC grants interim bail to Arvind Kejriwal in ED case, but he will not be released, matter goes to larger bench

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई है।
अब सीएम केजरीवाल को लेकर तीन सदस्यों की बेंच सुनवाई करेगी। बताया गया कि बड़ी बेंच की सुनवाई तक केजरीवाल बाहर रहेंगे।
वहीं, केजरीवाल को जमानत मिलने से आप कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल बन गया है। हालांकि, पहले ही उम्मीद थी कि सीएम केजरीवाल को जमानत मिल सकती है।

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आबकारी नीति मामले में मिली है जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है।
आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।
बता दें कि सीबीई वाले में मामले में अब 17 जुलाई को सुनवाई होगी। तब तक अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे।

आप ने अपने एक्स अकाउंट पर डाली पोस्ट

आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि झूठे केस लगाकर सच को कब तक कैद में रखोगे मोदी जी, पूरा देश आपकी तानाशाही को देख रहा है। ईडी (ED) कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट सब मानते हैं। यह भी लिखा कि केजरीवाल को ED ने झूठा फंसाया गया है। आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य की जीत है। “तानाशाही मुर्दाबाद”

सिर्फ पूछताछ से गिरफ्तारी नहीं हो सकती

जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने फैसले मे तीन सवाल तय करते हुए मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेजा है. केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उसे आदेश को चुनौती दी है, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत के द्वारा घोटाले मामले मे केजरीवाल को दिए गए समन को सही माना था.
कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के कारण पद छोड़ने का निर्देश नहीं दे सकती हैं, यह उनका खुद का फैसला होगा. साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि सिर्फ पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी की अनुमति नहीं दी जा सकती
वहीं, केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने बताया कि सीबीआई मामले में 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई है. इस मामले में फैसला आने के बाद ही पता चल सकेगा कि क्या केजरीवाल बाहर आएंगे या नहीं? हालांकि, केजरीवाल के जेल से बाहर आने की संभावनाएं प्रबल हैं.

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहे हैं. वह चुने हुए नेता हैं और वह इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वही करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने फैसले में चुनावी फंडिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं.
कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 19 और 45 के तहत ईडी के अधिकारों का हवाला दिया है. अदालत ने पीएमएलए की धारा 19 के प्रावधानों के पालन को लेकर भी सवाल खड़ा किया है.

कोर्ट ने कहा कि हमने जमानत के सवाल को एग्जामिन नहीं किया है बल्कि पीएमएलए की धारा 19 के मापदंड़ों को परखा है. इन धाराओं की विस्तृत व्याख्या करने की जरूरत है. पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी के नियमों की भी व्याख्या करने की जरूरत है. हमने पीएमएलए की धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर को समझाया है. पीएमएलए की धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक राय है और इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है. वहीं, धारा 45 का उपयोग अदालत ही कर सकती है.

बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 19 ईडी को ये अधिकार देती है कि अगर सबूतों के आधार पर एजेंसी को लगता है कि कोई व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी है तो वो उसे गिरफ्तार कर सकती है. ऐसी गिरफ्तारी के लिए एजेंसी को बस आरोपी को कारण बताना होता है.
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर सत्यमेव जयते कहा.

 

 

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