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मनोरमा खेडकर के खिलाफ इस मामले में FIR दर्ज, ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के बाद अब उसकी मां भी मुश्किल में…

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FIR filed against Manorama Khedkar in this case, after trainee IAS Pooja Khedkar, now her mother is also in trouble…

पुणे। महाराष्ट्र की विवादित ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पुणे ग्रामीण पुलिस ने पूजा की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर के साथ पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मनोरमा के खिलाफ मामला एक किसान को पिस्तौल से धमकाने के आरोप में दर्ज किया गया है।
एफआईआर पौड पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय किसान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है। किसान ने आरोप लगाया कि उसे मनोरमा खेडकर ने धमकाया था।

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आर्म्स एक्ट के तहत लगाए गए आरोप

पौड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनोज यादव ने बताया कि एफआईआर आईपीसी की धारा 323, 504, 506 के तहत दर्ज की गई है। मनोरम खेडकर पर आर्म्स एक्ट के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

मनोरमा का पिस्तौल लहराते वीडियो वायरल

दरअसल, एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ​​मनोरमा पिस्तौल लहराते हुए किसानों को धमकाती हुई नजर आ रही हैं। यह मामला पुणे के मुलशी तालुका के धडावली गांव की है जहां पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने जमीन खरीदी है। बता दें कि पूजा खेडकर के पिता भी रिटायर्ड अफसर हैं और वह राजनीति में अपना हाथ आजमा चुके हैं।

पुणे से वाशिम जिले में हो चुका है ट्रांसफर

IAS पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के कारण खेडकर का ट्रांसफर किया है. पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूजा खेडकर की शिकायत की थी. अब उन्हें वाशिम जिले की एडिशनल असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली है.

प्रोबेशन के दौरान IAS पूजा ने क्या मांगें रखी थीं?

पुणे में अपने प्रोबेशन के दौरान पूजा खेडकर ने कई विशेषाधिकारों की मांग की थी, जो प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलते. इस दौरान पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, अपनी गाड़ी पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का बोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, एक ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की. यहां तक ​​कि उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया.

डॉ. खेडकर के पिता रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं, उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्टर के कार्यालय पर पूजा की मांगों को पूरा करने के लिए दबाव डाला. इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो इसके लिए परिणाम भुगतने होंगे

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