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चोरी करने गया चोर, मशहूर लेखक के घर में जब पता चला तो चोर ने लौटाया सामान; माफी मांगते हुए लिखा इमोशनल नोट

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The thief went to steal, but when he was discovered in the house of a famous writer, he returned the goods; wrote an emotional note apologizing

मुंबई। मुंबई में एक साहित्य प्रेमी चोर के द्वारा चोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। चोर ने एक प्रसिद्ध कवि के घर से समाना चुराया और जब उसको पता चला कि जिस घर में वह चोरी किया है, वह घर एक प्रसिद्ध मराठी लेखक का है तो चोर को बहुत पछतावा हुआ। चोर ने चोरी का सारा कीमती सामान लौटा दिया।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि एक चोर को उस समय पश्चाताप हुआ जब उसे पता चला कि जिस घर से उसने कीमती सामान चुराया था वह एक प्रसिद्ध मराठी लेखक नारायण सुर्वे का है और उसने अपना कीमती सामान लौटा दिया। पुलिस ने बताया कि जिस घर से चोर ने LED टीवी समेत कीमती सामान चुराया है वह नारायण सुर्वे का था और यह रायगढ़ जिले के नेरल में स्थित है।

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चोर को चोरी करने पर हुआ पछतावा

चोर यहीं नहीं रुका जब वह अगले दिन चोरी करने के मकसद से कुछ और सामान चुराने आया तो उसने एक कमरे में नारायण सुर्वे की तस्वीर और उनसे जुड़ी यादगार चीजें देखीं। तब चोर को पता चला कि यह मशहूर कवि का घर है। इसके बाद चोर को पछतावा हुआ और उसने जो भी सामान चुराया था, उसे वापस लौटा दिया।

चोर ने माफी मांगते हुए लिखा नोट

कवि के मौत के बाद उनकी बेटी सुजाता और उनके पति गणेश घारे अब इस घर में रहते हैं। वह अपने बेटे के पास विरार गए थे और उनका घर 10 दिनों से बंद था। नेरल पुलिस थाने के निरीक्षक शिवाजी धवले ने बताया कि सुजाता और उनके पति जब रविवार को विरार से लौटे तो उन्हें चोर का माफी वाला यह ‘नोट’ मिला।

84 साल के उम्र में प्रसिद्ध कवि सुर्वे का हुआ था निधन

सुर्वे एक प्रसिद्ध कवि थे जिनका 16 अगस्त, 2010 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सुर्वे एक प्रसिद्ध मराठी कवि का साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। मुंबई में जन्मे सुर्वे की कविताओं में शहरी मजदूर वर्ग के संघर्षों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।

मराठी लेखक थे नारायण सुर्वे

पुलिस ने बताया कि चोर ने रायगढ़ जिले के नेरल में स्थित नारायण सुर्वे के घर से एलईडी टीवी समेत कीमती सामान चुराया था। मुंबई में जन्मे सुर्वे एक प्रसिद्ध मराठी कवि और सामाजिक कार्यकर्ता थे। अपनी कविताओं में शहरी मजदूर वर्ग के संघर्षों को स्पष्ट रूप से दर्शाने वाले सुर्वे का 16 अगस्त 2010 को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। सुर्वे की बेटी सुजाता और उनके पति गणेश घारे अब इस घर में रहते हैं। वह अपने बेटे के पास विरार गए थे और उनका घर 10 दिनों से बंद था।

कई दिनों से खाली था घर

कई दिनों से घर बंद देखकर चोरी घर में घुसा और एलईडी टीवी समेत कुछ सामान चुरा ले गया। अगले दिन जब वह कुछ और सामान चुराने आया तो उसने एक कमरे में सुर्वे की तस्वीर और उन्हें मिले सम्मान आदि देखे। चोर को बेहद पछतावा हुआ। पश्चाताप स्वरूप उसने चुराया गया सामान लौटा दिया। इतना ही नहीं, उसने दीवार पर एक छोटा सा ‘नोट’ चिपकाया, जिसमें उसने महान साहित्यकार के घर चोरी करने के लिए मालिक से माफी मांगी। नेरल पुलिस थाने के निरीक्षक शिवाजी धवले ने बताया कि सुजाता और उनके पति जब रविवार को विरार से लौटे तो उन्हें यह ‘नोट’ मिला।

सुर्वे ने बताया श्रमिकों का संघर्ष

उन्होंने बताया कि पुलिस टीवी और अन्य वस्तुओं पर मिले उंगलियों के निशान के आधार पर आगे की जांच कर रही है। बचपन में माता-पिता को खो चुके सुर्वे मुंबई की सड़कों पर पले-बढ़े थे। उन्होंने घरेलू सहायक, होटल में बर्तन साफ ​​करने, बच्चों की देखभाल करने, पालतू कुत्तों की देखभाल, दूध पहुंचाने, कुली और मिल मजदूर के रूप में काम किया था। अपनी कविताओं के माध्यम से सुर्वे ने श्रमिकों के संघर्ष को बताने का प्रयास किया।

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