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Bundelkhand Expressway :पर्यावरण संरक्षण के साथ बिजली भी पैदा करेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, एक लाख घरों में की जा सकेगी बिजली की आपूर्ति

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Bundelkhand Expressway: Bundelkhand Expressway will generate electricity along with environmental protection, electricity can be supplied to one lakh houses

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लखनऊ: योगी सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेस-वे बनाने का काम तेज कर दिया है. इसकी वजह से बुंदेलखंड यूपी का सबसे लंबा सोलर पार्क बनेगा. बुंदेलखंड में 2028 तक 36 हजार एकड़ में नोएडा की तर्ज पर नया औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी चल रही है.

यहां लगभग 36 हजार एकड़ क्षेत्र में नया औद्योगिक शहर बसाने की सरकारी कोशिश जारी है, जबकि राज्य के सबसे लंबे सोलर पार्क भी बुंदेलखंड से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर बनाया जाना है. इस सोलर पार्क को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे लगभग 1700 हेक्टेयर में बनाया जाएगा. यह उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी UPO की देख-रेख में बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट मॉडल पर विकसित किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है.

सीएम के सामने पेश हुई पूरी रिपोर्ट

यूपीडा ने पिछले साल अगस्त में अपनी प्री-फिजिबिलिटी के लिए एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किया था, जिसमें नौ संस्थाओं ने प्रस्ताव भेजे थे. इनमें से एक, मेसर्स ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट, ने फरवरी में यूपीडा के अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी. यूपीडा के अधिकारियों ने हाल ही में इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने पेश किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस क्षेत्र को सोलर फार्म बनाना चाहते हैं और इसे सोलर एक्सप्रेस-वे बनाना चाहते हैं.

सोलर एक्सप्रेसवे बनाना चाहते हैं योगी
मुख्यमंत्री योगी पूरे क्षेत्र को सोलर फार्म के रूप में स्थापित करके इसे सोलर एक्सप्रेसवे बनाना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार यूपीडा की ओर से इस सोलर पार्क के लिए 1,700 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। ये भूमि इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिज-वे और सर्विस रोड के बीच है। मुख्य कैरिज-वे और सर्विस रोड के बीच उपलब्ध भूमि की औसत चौड़ाई 15-20 मीटर है। यहीं पर सोलर पार्क निर्मित किया जाएगा।

2,500 करोड़ से अधिक रुपये होंगे खर्च

इस पूरे क्षेत्र में सोलर रेडिएशन दर 5 से 5.5 केडब्ल्यूएच प्रति स्क्वायर मीटर प्रतिदिन है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां सोलर पार्क को विकसित करने में तकरीबन 2,500 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। इसके लिए कंपनियों को 25 साल के लीज पर भूमि आवंटन की व्यवस्था होगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर विकसित होने वाले सोलर पार्क से 450 किलोवॉट ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा, जो करीब 1 लाख उपभोक्ताओं की आवश्यक्ता को पूरा कर सकेगा।
एक लाख घरों में की जा सकेगी बिजली की आपूर्ति

एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर विकसित होने वाले सोलर पार्क से 450 किलोवाट ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा, जिससे एक लाख घरों में बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। एक्सप्रेस-वे पर बांदा और जालौन में औद्योगिक कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है।

साथ ही इसके किनारों पर पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर और नीम के 25,000 पौधे लगाए जाएंगे। वहीं बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 36,000 एकड़ में नोएडा की तर्ज पर नया औद्योगिक शहर बसाने की कवायद की जा रही है। इसे 2028 तक विकसित करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है।

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