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Parliament Monsoon Session: विपक्ष का हंगामा संसद में , बजट पर भेदभाव का आरोप

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Parliament Monsoon Session: Opposition creates ruckus in Parliament, accuses discrimination in budget

संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.)’ के घटक दलों के सांसदों ने बुधवार को केंद्रीय बजट में विपक्षी शासित राज्यों के साथ किए गए कथित “भेदभाव और अन्याय” के खिलाफ संसद भवन परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए।

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बजट पर विपक्ष का आरोप

विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि यह बजट जनविरोधी है। उन्होंने कहा, “बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है। किसी को न्याय नहीं मिला है।”

सरकार का पक्ष

केंद्रीय बजट पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “बजट शानदार है और सभी ने इसका स्वागत किया है। विपक्ष गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये का आवंटन पूरे देश के लिए है, न कि सिर्फ 1-2 राज्यों के लिए।”

विपक्ष का विरोध

खड़गे के आवास पर मंगलवार शाम I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक में संसद के भीतर और बाहर विरोध जताने का फैसला किया गया था। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक का कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बहिष्कार करेंगे। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष एम. के. स्टालिन और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी इस बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

किसने क्या कहा?

संजय राउत (शिवसेना UBT): “बजट देश का होता है, यह देश का बजट नहीं है। बजट सरकार बचाने के लिए नहीं होता है।”

जया बच्चन (समाजवादी पार्टी): “हम चाहते हैं कि वे (केंद्र) सच बोलें और युवाओं को गुमराह न करें। उन्होंने राज्यों को भी गुमराह किया है। बिहार को कुछ नहीं मिला है।”

राजीव शुक्ला (कांग्रेस): “बजट में सभी राज्यों को छोड़ दिया गया है और सिर्फ दो राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।”

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष): “यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है। उन्होंने किसी को कुछ नहीं दिया।”

संसद में बजट पर चर्चा के बीच विपक्ष ने सरकार पर भेदभाव और अन्याय के आरोप लगाए हैं। सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए बजट को देश के विकास के लिए बताया है। फिलहाल, संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के बीच जारी है।
बजट के खिलाफ इंडिया गठबंधन के विरोध पर, डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा, कल के बजट (Budget) ने विपक्ष शासित राज्यों को वंचित कर दिया है, विशेष रूप से तमिलनाडु को जो कुछ भी देना दिया गया. उसे नकार दिया गया. केंद्रीय बजट देश का बजट नहीं यह गठबंधन का बजट है…”

इंडिया गठबंधन के नेता केंद्रीय बजट 2024 को भेदभावपूर्ण बताते हुए संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वह सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार की मांग कर रहे हैं.

संसद भवन के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेता मौजूद हैं. हाथों में बैनर लिए ये नेता अपने राज्यों के लिए बजट में हिस्से की मांग कर रहे हैं.

बजट में भेदभाव पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश को कुछ देने की बात तो भूल जाइए, बजट में इसका नाम भी नहीं लिया गया. सरकार बचाने के लिए वब कुछ लोगों को फंड दे रहे हैं और दूसरों को अनदेखा कर रहे हैं.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “बजट में भारत सरकार ने हमारे अनुरोध पर विचार नहीं किया. यह अनुरोध हमने हमने बजट से पहले चर्चा के दौरान किया था. ”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया. उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट था. अपने बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री ने कहा कि देश की मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है और 4 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, जिसमें मुख्य मुद्रास्फीति 3.1 प्रतिशत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इसे “‘#बजटफॉरविकसितभारत” कहा. उन्होंने का कि यह बजट समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा, समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाएगा और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा.

एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि हेल्दी सोच रखने वाला कोई भी व्यक्ति” 2024 के बजट की आलोचना नहीं करेगा. उनके मुताबित, यह बजट ‘आत्मनिर्भर’ भारत के लिए अब तक की सबसे मजबूत नींव रखेगा, क्योंकि प्रधानमंत्री पहले ही 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण रख चुके हैं.

बजट में टैक्स व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं. नई टैक्स व्यवस्था में स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 कर दिया गया है और बॉर्डर रेंज इनकम ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए टैक्स स्लैब में संशोधन किया गया है. सैलरी क्लास अब नए स्लैब के तहत इनकम में 17,500 तक की बचत कर सकेगा.

बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए भी बहुत कुछ दिया गया है. एनडीए के सहयोगी दलों वाले राज्यों के लिए कई अहम परियोजनाओं को शामिल किया गया है. बिहार के लिए, बजट में एक्सप्रेसवे और एक पावर प्लांट के विकास की बात कही गई है. जबकि आंध्र प्रदेश में विकास के लिए पर्याप्त फंज समेत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है.

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