Policemen had to pay heavily for illegal extortion in Mirzapur, 29 constables and head constables were sent to the line
मिर्जापुर। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन की ओर से हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को लाइन हाजिर करने की कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस महकमें में खलबली मची हुई है। वसूली का खेल पहले से चल रहा है लेकिन अब जाकर कार्रवाई हुई है।
यहीं नहीं, मिर्जापुर से लेकर बलिया तक वाहनों से वसूली का खेल चलता है। इसमें पुलिस ही नहीं, कई विभाग के कर्मचारियों व एजेंट शामिल रहते हैं जो रात होते ही सड़कों पर निकलकर उनके क्षेत्रों से गुजरने वाले वाहनों से वसूली करने काम करते हैं। इसमें कांस्टेबल व हेडकांस्टेबल की मुख्य भूमिका अहम रहती है। इसको लेकर कई दिनों से एसपी को शिकायत मिल रही थी।
रात में चलता ‘खेल’, कई बार मिल चुकी शिकायत
मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित जड़कुड़ बार्डर व ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित भैसोड़ बलाय पहाड़ गांव से प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ी मध्यप्रदेश से अवैध बालू व गिट्टी लादकर परिवहन किया जाता है। इस अवैध कारोबार में स्थानीय पुलिस के अलावा वन विभाग की भी मिलीभगत है। ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के मीरजापुर रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित लहुरियादह गांव में बालू व गिट्टी लादकर परिवहन करने वाले ट्रकों तथा ट्रैक्टरों से रात में अवैध वसूली की जाती है।
इन पुलिसकर्मियों को किया गया लाइन हाजिर
लाइन हाजिर पुलिसकर्मियों में शहर कोतवाली के हेड कांस्टेबल सर्वेश कुमार मिश्रा, आरक्षी शुभम कुमार मौर्या, कटरा कोतवाली के आरक्षी केके पांडेय, देहात कोतवाली के हेड कांस्टेबल अजय प्रताप सिंह, चील्ह के हेड कांस्टेबल भीम कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल सुशील सिंह, आरक्षी रामानंद, पड़री के हेड कांस्टेबल बिहारी सिंह, ज्वाला सिंह, कछवां के हेड कांस्टेबल सदानंद तिवारी, चुनार के हेड कांस्टेबल नागेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल विवेक कुमार राय, हेड कांस्टेबल मुकेश चौहान, अदलहाट के हेड कांस्टेबल शैलेंद्र सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, आरक्षी संतोष खरवार, जमालपुर के हेड कांस्टेबल भानू प्रताप, हेड कांस्टेबल चंद्रशेखर सिंह, लालगंज थाने के हेड कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार सरोज व आरक्षी रंजीत कुमार सरोज शामिल हैं।
अवैध वसूली पर लगाम लगाने को एसपी ने अपनाया कड़ा रुख
आरोप है कि थानों में रहते हुए कारखासों से अवैध वसूली कराते थे। कारखासी का आशय थाने की वसूली वाला कार्य करने से होता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शिकायतें मिल रही थीं कि थानों पर तैनात मुख्य आरक्षी व आरक्षी वसूली कराते हैं। जांच के बाद चिह्नित कर इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बलिया में भी अवैध वसूली पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले 26 जुलाई को बलिया में जबरन वसूली के मामले में शामिल 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके अलावा 16 लोगों को अरेस्ट किया गया. बाद में CM योगी आदित्यनाथ ने इस केस की रिपोर्ट के आधार पर कई अफसरों का ट्रांसफर कर दिया. कुछ पुलिसकर्मियों की संपत्ति के जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
इस मामले में आरोप है कि पुलिस वाले बिहार से आने वाले ट्रक ड्राइवरों से पैसे ऐंठते थे. सभी को 24 जुलाई को रंगे हाथों पकड़ा गया. 25 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले पर रिपोर्ट सौंपी गई. इस आधार पर बलिया के पुलिस अधीक्षक और बलिया के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर कर उन्हें वेटिंग पर डाल दिया गया. इसके अलावा स्थानीय सर्कल अधिकारी को सस्पेंड किया गया.
आजमगढ़ उप-महानिरीक्षक (DIG) वैभव कृष्ण ने बताया कि छापेमारी में पता चला कि ये लोग प्रति वाहन 500 रुपए वसूलते थे और एक रात में करीब 1000 वाहन इस इलाके से गुजरते थे. उन्होंने कहा कि ये सख्त कार्रवाई पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई. आगे भी इस तरह की कोई शिकायत आएगी, तो उससे निपटा जाएगा.
ट्रकों से हर दिन करते थे 5 लाख की वसूली
बलिया में यूपी-बिहार बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों की तरफ से हर दिन 5 लाख रुपये की वसूली की जाती थी. इस पूरे वसूली रैकेट का खुलासा डीआईजी वैभव कृष्ण और वाराणसी रैंक के एडीजी ने ट्रक में खलासी बनकर किया था. इस पूरे मामले में नरही थाने के पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई थी. जिसके बाद 2 पुलिसकर्मियों सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया था.
डीआईजी वैभव कृष्ण और वाराणसी रैंक के एडीजी के मुताबिक पुलिसकर्मी दलालों की मदद से हर दिन गुजरने वाले ट्रक से 500 रुपये की वसूली करते थे. ऐसे में यहां से हर दिन करीब 1000 ट्रक गुजरते थे और पुलिसकर्मियों की तरफ से हर दिन 5 लाख की उगाही की जाती थी.
अब तक इन जिलों में पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई
बलिया वसूली रैकेट के बाद पुलिस विभाग की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही है. अब तक बलिया, सीतापुर, बाराबंकी, वाराणसी के कई थानों के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. बताया जाता है इन थानों पर पिछले कई वर्षों से तैनात पुलिसकर्मियों का तबादला नहीं हुआ है.