Home Blog उल्लास कार्यक्रम की अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न

उल्लास कार्यक्रम की अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न

0

Inter-departmental coordination committee meeting of Ullas programme concluded

रायपुर, 23 सितम्बर 2024/ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

Ro No - 13028/44

श्री परदेशी ने बताया कि उल्लास कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु अंतर्विभागीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के अनुसार भारत सरकार द्वारा केन्द्र प्रवर्तित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम प्रदेश में स्वीकृत किया गया है। इसके तहत प्रौढ़ शिक्षा एवं जीवंत पर्यांत शिक्षा प्रमुखता से शामिल किया गया है। प्रौढ़ शिक्षा के नाम के स्थान पर अब सबके लिए शिक्षा रखा गया है। कार्यक्रम के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शामिल किए जाने का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवी आधारित मानदेय का प्रावधान नही है। एक लाख स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
स्वयंसेवी कॉलेज, स्कूल के छात्र-छात्राएं, युवा, महिला, डीएड-बीएड के विद्यार्थी एवं अन्य कोई भी स्वयंसेवी शिक्षक बन सकते है। उल्लास कार्यक्रम के तहत राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय है।  माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पिछले 8 सितंबर 2024 को उल्लास साक्षर केन्द्रों का वर्चुअल शुभारंभ कर दिया गया है। उल्लास केन्द्रों में शिक्षार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थित, नवाचारी गतिविधियों से अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। उल्लास साक्षरता केन्द्रों के लिए शासकीय भवनों का उपयोग किया जाएगा। सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने विभाग के अतर्गत संचालित योजनाओं के हितग्राहियों को शत-प्रतिशत साक्षर करने की जिम्मेदारी लें।

इस कार्यक्रम के प्रमुख घटकों में बुनयादी शिक्षा, जीवन कौशल, डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, मतदान साक्षरता व स्वास्थ्य, स्वच्छता, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा एवं सतत् शिक्षा शामिल है। इस कार्यक्रम में राज्य शासन के सभी विभागों का सहयोग जरूरी है। बैठक में बताया गया कि शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में, पंचायत राज संस्थाओं के माध्यम से इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। इस वर्ष करीब 10 लाख असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में उल्लास कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी श्री प्रशांत पांडेय ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। बैठक में उल्लास कार्यक्रम के तहत ग्राम सभाओं में उल्लास शपथ दिलाने और छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातियों में साक्षरता के लिए विशेष रणनीति बनायी जाएगी।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की उप सचिव फरिहा आलम सिद्धीकी सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन, उच्च शिक्षा, आदिम जाति विकास, वित्त, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण, श्रम, उद्योग, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं पशुपालन, जनसम्पर्क, सहकारिता, जल संसाधन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, परिवहन, कौशल विकास, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक एवं विधि एवं विधायी कार्य विभाग और महासमुंद, राजनांदगांव, कांकेर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा के जिला परियोजना अधिकारी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण, लोक शिक्षण संचालनालय, एससीईआरटी और शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा अन्य अधिकारी शामिल हुए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here