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छत्तीसगढ़ ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर फिर लहराया परचम,कांकेर जिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड के लिए हुआ चयनित

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Chhattisgarh once again raised its flag at the national level in the field of fisheries, Kanker district was selected for the Best Inland District Award

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

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रायपुर, 19 नवम्बर 2024 / छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड के लिए चुना गया है। कांकेर जिले को यह राष्ट्रीय अवार्ड 21 नवंबर विश्व मात्स्यिकीय दिवस के अवसर पर मिलेगा। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित कार्यक्रम यह सम्मान प्रदान करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन भी उपस्थित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड के लिए चयन होने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंड लॉक प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में छठवें स्थान पर हैं। यह उपलब्धि हमारे राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है। छत्तीसगढ़ मछली बीज उत्पादन के मामले में न सिर्फ पूरी तरह से आत्मनिर्भर है, बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी मछली बीज निर्यात कर रहा है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कुल 1,29,039 जल स्त्रोत उपलब्ध है, जिसका जल क्षेत्र 2.032 लाख हेक्टेयर है, जिनमें 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। 3571 कि.मी का नदीय जलक्षेत्र भी उपलब्ध है। सघन मत्स्य पालन हेतु अतिरिक्त जलक्षेत्र निर्मित किया जा रहा है. अब तक कुल 6783 हेक्टर जलक्षेत्र निर्मित हो चुका है। एक समय था जब छत्तीसगढ़ मत्स्य बीज के लिए पश्चिम बंगाल राज्य पर निर्भर था। कुल 82 नवीन हैचरी निर्मित कर 115 हैचरियों के माध्यम से 546 करोड़ मत्स्य बीज का प्रति वर्ष उत्पादन होने से राज्य न सिर्फ आत्मनिर्भर हुआ अपितु अन्य राज्यों को भी मत्स्य बीज निर्यात कर रहा है।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में प्रति वर्ष 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। राज्य अन्तर्देशीय मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। राज्य में अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन हेतु जलाशयों एवं बंद खदानों में अब तक 9551 केज, 415 बायोफ्लॉक, 06 आर.ए.एस. एवं 253 बॉयोफलॉक पॉण्ड स्थापित किए गए हैं। रायपुर, दुर्ग बिलासपुर एवं जांजगीर में थोक मत्स्य बाजार की स्थापना की गई। प्रदेश के मत्स्य पालकों का एन.एफ.डी.पी. योजना अंतर्गत पंजीयन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।

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