Mentally ill woman gets judicial and legal aid support
कांकेर। नरहरपुर थाना और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का सराहनीय कदम कांकेर 5 दिसंबर 2024 को ग्राम भनसुली थाना नरहरपुर निवासी बसदेव शोरी द्वारा अपनी पत्नी हरियानो बाई की मानसिक स्थिति खराब होने की जानकारी विधिक स्वयंसेवी को दी गई। इस मानवीय समस्या को गंभीरता से लेते हुए विधिक स्वयंसेवी द्वारा तुरंत नरहरपुर थाना प्रभारी सुरेश राठौर को सूचित किया गया। थाना नरहरपुर और जिला न्यायालय का त्वरित सहयोग
नरहरपुर थाना टीम ने सक्रियता दिखाते हुए महिला को उचित उपचार के लिए जिला न्यायालय लाने में सहायता प्रदान की। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आनंद कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन और प्राधिकरण सचिव भास्कर मिश्रा के निर्देशानुसार, महिला को जिला अस्पताल कांकेर ले जाया गया।
मनोरोग विशेषज्ञ द्वारा मेडिकल परीक्षण – जिला अस्पताल कांकेर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. विमल भगत ने महिला की मानसिक स्थिति का परीक्षण किया। परीक्षण के बाद, उन्होंने महिला को उचित और उन्नत इलाज के लिए बिलासपुर स्थित सेंदरी मानसिक स्वास्थ्य केंद्र भेजने की सिफारिश की। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार कार्रवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेंद्र वासनीकर के आदेश पर नरहरपुर थाना की महिला आरक्षक पूर्णिमा मरकाम और विधिक स्वयंसेवी वर्षा पोया ने हरियानो बाई को सुरक्षित तरीके से बिलासपुर सेंदरी भेजा।
मानवता और कानून का अनोखा उदाहरण – यह घटना मानवता और कानून के संगम का उत्कृष्ट उदाहरण है। नरहरपुर थाना और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय ने यह सुनिश्चित किया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को तुरंत और प्रभावी चिकित्सा सुविधा मिल सके।
समाज के लिए प्रेरणादायक कदम – इस तरह की घटनाएं यह संदेश देती हैं कि न्याय प्रणाली और पुलिस विभाग सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए भी तत्पर हैं। ग्राम स्तर से शुरू होकर जिला और राज्य स्तर तक समन्वय का यह प्रयास सराहनीय है और अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।हरियानो बाई को सही उपचार के लिए भेजने की यह पहल समाज में मानवता और विधिक सहायता की भूमिका को सशक्त करती है। नरहरपुर थाना और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कांकेर ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन और मानवता साथ आते हैं, तो समस्याओं का समाधान निश्चित होता है।