Home छत्तीसगढ़ भगवान राम के प्राण प्रतिश्ठा कार्यक्रम की आंखो देखी

भगवान राम के प्राण प्रतिश्ठा कार्यक्रम की आंखो देखी

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पुसौर
अध्योध्या में हुये भगवान रामलला के प्राण प्रतिश्ठा कार्यक्रम के लिये तुरंगा आर्श गुरूकुलम के आचार्य राकेष को विधिवत् निमंत्रण मिला था जिसमें ये अपने दो साथी पुर्व सोसायटी अध्यक्ष घनष्याम पटेल व पुर्व पार्शद जगन्नाथ प्रधान को लेकर 21 जनवरी को अयोध्या पहुंच चुके थे। इनके मुताविक अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के साथ ही वहां चुडामणि चैराहा, हनुमान गढी, कनक भवन, तुलसी स्मारक, सरयू घाट, दषरथ महल सहित अन्य जगहों का नये ढंग से नामकरण किया जाकर उसे नये कलेवर में स्थापित किया गया है। चुडामणि चैराहा माता सीता के कंगन को दर्षाते हुये दिखाया गया है जिसमें राम चरित मानस के दोहा चैपाई सहित कई ऐसे ष्लोक अंकित हैं जो माता सीता और भगवान के प्रति समर्पित है। उक्त स्थल में ये तीनों सर्वप्रथम सभी स्थानों का स्थानीय पुलिस प्रषासन के प्रमुख लोगों से मिलते हुये जानकारी ली और क्रमषः सभी स्थानों पर जाकर वहां के अप्रतिम दृश्यों को साझा किया है। इन्हौने बताया यहां लतामंगेष्कर चैक है जहां एक विणा स्थापित किया है और उसके चारों सजाया गया है जिससे उक्त चैक संगीत की सरिता बहता हुआ प्रतीत होता है। दूसरे दिन ठीक प्राण प्रतिश्ठा के समय इन्हौने अलग अलग मंदिर दाखिल हुये चूंकि वहां एक साथ जाना संभव नहीं था बावजुद इसके प्राण प्रतिश्ठा के 84 सेंकेण्ड के मुहुर्त के साक्षी बने और अपने को धन्य महषुश किये। समुचा अयोध्या भगवान का राम का दरबार है और 200 मीटर मंें सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हर्श और उल्लास है। पुलिस कर्मी भी यहां अपनी रोबदार बातें भुलकर जय श्रीराम से मुखातिब हो रहा है। हर व्यक्ति एक सहयोग और सहिश्णुता की भाव से दूसरे के साथ व्यवहार कर रहा है ऐसे भावनाओं से ओतप्रोत अयोध्या की बातें साझा करते हुये घनष्याम जी ने कहा कि अयोध्या धाम विष्व पटल में अपना नाम अंकित कर चुका है इसी कडी में इन्हौने कहा कि पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का कोई असुविधा नहीं है रहने बसने खाने पीने की सारी व्यवस्था वहां के सेवादारों द्वारा किया जा रहा है ऐसे स्थिति में भी श्रद्धालु जन यथा संभव सहयोग करना आवष्यक है चूंकि सेवा के बदले में अंषदान अवष्यक होनी चाहिये।

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