For the first time in the country, Bharat Ratna was received in record 15 days and 5 days, Modi government announced the awards, something like this happened during the Atal government in 1999
नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल पहली बार 5 शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की है. इनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन, पूर्व प्रदानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर घोषणा की है.
बता दें कि यह पुरस्कार न केवल इन्हें प्राप्त करने वाले लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने उत्कृष्ट योगदान दिया है जिसका भारत की प्रगति और विकास पर स्थायी प्रभाव पड़ा है. भारत रत्न देने की परंपरा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 2 जनवरी 1954 से शुरू की थी. शुरुआत में ये सम्मान साहित्य, कला, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्र में किसी शख्सियत के उसके विशिष्ट योगदान के लिए दी जाती थी. बाद में इसका दायरा बढ़ा दिया गया.
इस चुनावी वर्ष के दौरान मोदी सरकार ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न के वितरण के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 15 दिनों में ही, पांच प्रमुख हस्तियों को राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देते हुए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्राप्तकर्ताओं में दो पूर्व प्रधान मंत्री, एक पूर्व उप प्रधान मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक प्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं। विशेष रूप से, उनमें से चार को मरणोपरांत सम्मानित किया जा रहा है। इन पांच नामों की घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
अटल सरकार ने 4 हस्तियों को दिया था सम्मान
भारत रत्न सम्मानों में यह उछाल 1999 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने चार प्रतिष्ठित हस्तियों को यह सम्मान दिया था। सम्मान पाने वालों के इस नवीनतम दौर को महत्वपूर्ण बनाने वाली बात यह है कि वे विविध पृष्ठभूमि से आते हैं – दो बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद से जुड़े हैं, जबकि दो का संबंध कृषक और दलित समुदायों से है। पांचवें सम्मानित व्यक्ति एक प्रमुख कृषि वैज्ञानिक हैं। जबकि एमएस स्वामीनाथन बड़े कृषि वैज्ञानिक हैं.
भारत रत्न देने का नियम क्या है?
ये बात याद रहे कि भारत रत्न सम्मान एक कैटेगरी में एक साथ तीन से ज्यादा शख्सियतों को नहीं दिया जा सकता. भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्यता देने के लिये दिया जाता है. भारत रत्न सम्मान राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है.
‘भारत रत्न’ सम्मान की शुरूआत तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने दो जनवरी 1954 को की थी. स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में पहली बार इस सम्मान से नवाजा गया था.