The country’s largest solar energy battery storage installed in Chhattisgarh, producing more than 5 lakh units of electricity every day, know in which district it is? What is the specialty?
छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और साढ़े लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए सोलर एनर्जी का देश का सबसे बड़ा प्लांट लगाया गया है. ये प्लांट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित है. जिसे राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ रोड पर ढ़ाबा के आसपास के 9 गांवों के पहाड़ी क्षेत्र में स्थापित किया गया है.संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के मदद से रात से समय भी बिजली गांवों को दी जाएगी. इस सोलर सिस्टम से 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन होगा. साथ ही साथ 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का दावा किया गया है.
100 मेगावाट का सोलर संयंत्र स्थापित
क्रेडा ने राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा था. इस कंपनी ने इसी महीने संयंत्र स्थापना कर कार्यशील किया है. अफसरों का दावा है कि ये देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है, जिसमें 100 मेगावाट का सोलर संयंत्र स्थापित है. इस प्लांट की प्रमुख विशेषता ये है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं. जिससे पैनल के दोनों ओर से प्राप्त सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का निर्माण किया जा रहा है. इसकी कुल परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये है, जो कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर अगले सात सालों तक मिल जाएगी.
उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा
इस पार्क के जरिए प्रति दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. जिससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है और हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह परियोजना देश और प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा.
कब हुई परियोजना की शुरुआत ? :
छत्तीसगढ़ शासन ने राजनांदगांव जिले के बैरन पहाड़ी क्षेत्र में देश और प्रदेश के प्रथम सोलर पार्क की स्थापना का निर्णय लिया था.साल 2016 में परियोजना की शुरुआत की गई. इसके तहत ग्रिड कनेक्टेड मेगा साईज सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम शुरु किया गया. क्रेडा ने दो चरणों में सोलर पार्क की स्थापना का प्लान बनाया.जिसके लिए 17 गांव की 626.822 हेक्टेयर शासकीय भूमि की मांग की गई.जिसमें 9 गांवों की 377.423 हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन राजनांदगांव ने दी.
सोलर पार्क स्थापना के प्रथम चरण में 05 गांव के (16 खसरे) कुल 181.206 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया, इनमें प्रमुखतः ग्राम ढाबा, कोहका, रेंगाकठेरा, डुंडेरा, अमलीडीह तहसील व डोंगरगांव सम्मिलित थे तथा द्वितीय चरण में 04 गांव के 196-217 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया। इनमें प्रमुखतः ग्राम ओडारबंध, गिरगांव, टोलागांव, घुघुवा तहसील डोंगरगांव सम्मिलित थे।