Speaker’s big action in Himachal, 15 BJP MLAs suspended
हिमाचल प्रदेश की सियासत से बड़ी खबर है. स्पीकर ने बजट सत्र (Himachal Budget Session) के दौरान भाजपा के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. सदन से सस्पेंड किए गए विधायकों में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर भी शामिल हैं. स्पीकर कुलदीप पठानिया (Speaker Kuldeep Pathania) ने सदन की कार्यवाही के दौरान उनके साथ बदसलूकी और गाली गलौज का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायकों (BJP MLA) को सस्पेंड कर दिया. इससे पहले, स्पीकर ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी.
बुधवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन सिंह सदन में बोल रहे थे. हर्षवर्धन ने कहा कि भाजपा ने स्पीकर के साथ गलत व्यवहार किया है उन्होंने जयराम ठाकुर, जनक राज, रणवीर निक्का आदी को निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद विधानसभा में हंगामा हो गया. स्पीकर ने सदन में प्रस्ताव पढ़ा और भाजपा सदस्यों को निष्कासित करने वाला प्रस्ताव पारित कर दिया. जिसके बाद बीजेपी के सदस्य सदन के वेल में आ गए. जिसके बाद सदन में स्पीकर के खिलाफ नारेबाजी होने लगी औऱ भारी हंगामा होते देख स्पीकर ने एक्शन की वार्निंग दी. स्पीकर के बीजेपी के 15 विधायकों को विधानसभा से सस्पेंड करने का आदेश दिया और मार्शल को आदेश दिया कि भाजपा सदस्यों को बाहर किया जाए.
इस दौरान स्पीकर की चेयर के पास आकर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की. भाजपा विधायकों को स्पीकर हाय-हाय के नारे लगाए गए. इस दौरान भाजपा सदस्यों ने सदन में स्पीकर की चेयर पर कागज फेंके. सचिव के टेबल पर कागज फेंके गए हैं. वहीं, भाजपा के विधायक हंस राज और अन्य ने मेरा रंग दे बंसती चोला गाना गाकर अपना विरोध दर्ज किया.
विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि- हमने पार्टी का हर हाल में साथ दिया है. कल भी कई तरह की अफवाहें चल रही थी लेकिन हम पार्टी हाईकमान के साथ रहे. लक्ष्मण रेखा लांघने वाला कोई कदम नहीं उठाएंगे लेकिन इस समय मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं. राज्यपाल और मुख्यमंत्री को आज इस्तीफा दूंगा. आने वाले समय में बी सही का समर्थन और गलत का विरोध करूंगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रो पड़े विक्रमादित्य सिंह
मुझे जो दबाने की कोशिश करेगा उसे सहन नहीं करूंगा. प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इस स्थिति से अवगत करवाया है. मैंने हाइकमान को जानकारी दी है. अब हाईकमान के पाले में गेंद है. भारी मन से कहूंगा कि जिस व्यक्ति का नाम लेकर कांग्रेस की सरकार बनी उसे भुला दिया गया. जिस वीरभद्र सिंह के नाम पर सरकार बनी उनकी मूर्ति के लिए शिमला के रिज पर जगह नहीं मिली. मुझे पद का लालच नहीं है. बार-बार बोलने के बाद भी वीरभद्र सिंह की प्रतिमा नहीं लगाई गई जिससे मैं आहत हूं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है