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विधायक विक्रम मंडावी ने विधान सभा में उठाया मनरेगा के तहत रोज़गार नहीं देने का मामला

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प्रदेश सरकार रोजगार देने में नाकाम, ग्रामीण रोजगार की तलाश करने सीमावर्ती राज्यों में कर रहे है पलायन- विक्रम मंडावी

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बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – छत्तीसगढ़ विधान सभा में बुधवार 28/02/2024 को स्थगन प्रस्ताव के दौरान बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने विधान सभा में कहा कि राज्य में लाखों ग्रामीण रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे हैं, क्योंकि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार अपने कानूनी दायित्व को पूरा करने में असमर्थ हैं। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में खरीफ फसल समाप्त होने के पश्चात् रोजगार की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, तब रोजगार का कोई अन्य साधन मानसून के आने तक उपलब्ध नहीं होता है। विधायक विक्रम मंडावी ने विधानसभा में आगे यह भी कहा कि अक्टूबर 2023 के पश्चात् महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत पूर्व में किये गये कार्यों की मजदूरी का भुगतान भी बंद है क्योंकि मोदी की गारंटी के अन्तर्गत केंद्र से इसके लिए पर्याप्त धनराशि के आवंटन प्राप्त नहीं हो रहे हैं। यह स्थिति भारतीय जनता पार्टी के तथाकथित अमृत काल का दुष्परिणाम है। राज्य सरकार सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। राज्य के मुख्य मंत्री तथा मंत्री दिल्ली जाकर गिड़गिड़ा चुके है परंतु उन्हे खाली हाथ लौटना पड़ा है। पोल खुल जाने के डर से इतने गंभीर मामले मेंविधानसभा के पटल पर डबल ईजन की सरकार के द्वारा सही स्थिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ के मजदूर अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित एवं भयभीत हैं। विधायक विक्रम मंडावी ने विधानसभा में कहा कि रोजगार गारंटी का कानून इस राज्य के लिए व्यर्थ हो गया है। भाजपा सरकार के मंत्रीगण मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी बोलते हुए थक नहीं रहे है, इससे गरीब का पेट नहीं भरने वाला है, जीवन यापन के लिए मुफ्त का चावल पर्याप्त नहीं है, अन्य जरूरतों के लिए नगद रकम चाहिए। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। विक्रम मंडावी ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत न्यूनतम 100 दिवस के रोजगार की कानूनी गारंटी है। मोदी की गारंटी तो एक जुमला है, मोदी की गारंटी का कोई वैधानिक आधार नहीं है। मोदी जी से इस कानूनी गारंटी को पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि का आबंटन ही नहीं दिया गया, यह हमारे राज्य के गरीबों के साथ बहुत बड़ा अन्याय और धोखा है । आखिर पत्नि और बच्चों का पेट भरने की चिंता से ग्रस्त परिवार का मुखिया करे तो करे क्या, किसके पास जाए, किसके सामने हाथ फैलाए। इसलिए उसके सामने परिवार सहित पलायन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। सदन की कार्यवाही रोककर इस गंभीर अतिसंवेदनशील विषय पर स्थगन के माध्यम से चर्चा कराई जाने की माँग बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने विधान सभा में की है।

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