PM Modi inaugurated India’s first underwater metro, now travel by train under water… distance of 520 meters in 45 seconds, know the specialty of the metro tunnel,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 6 मार्च को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) की अपनी 10 दिवसीय यात्रा के हिस्से के रूप में कोलकाता में 15,400 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. पांच दिनों के भीतर पश्चिम बंगाल का यह उनका दूसरा दौरा है. पीएम मोदी ने कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड का उद्घाटन किया, जो पानी के नीचे मेट्रो सेवाओं में भारत के पहले उद्यम का संकेत है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का 4.8 किलोमीटर लंबा हिस्सा 4,965 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और यह हावड़ा में भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा – जो जमीनी स्तर से 30 मीटर नीचे है. यह गलियारा आईटी हब साल्ट लेक सेक्टर V जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेगा.
यह देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो टनल है, जो हुगली नदी के दोनों छोर पर बसे दो शहरों को जोड़ेगी. 3.8 किलोमीटर की दो अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं, जिसमें 520 मीटर का हिस्सा पानी के नीचे है. पानी की सतह में ही Ventilation और Evacuation के शाफ्ट भी लगे हैं.
अंडरग्राउंड टनल लगभग 10.8 किलोमीटर लंबी है. इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है. ये सुरंग नदी की सतह से 13 मीटर नीचे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. साथ ही ये भी कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकती.
क्या है यह परियोजना?
यह सुरंग कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का हिस्सा है, जो हुगली नदी के नीचे बनी है. इस मार्ग पर कुल 12 स्टेशन हैं. इस मेट्रो रूट के चार प्रमुख स्टेशन एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान हैं.
इस मेट्रो टनल का काम 2017 में शुरू हुआ था. इसके साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन गया है.
फरवरी 2020 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साल्ट लेक सेक्टर वी और साल्ट लेक स्टेडियम को जोड़ने वाले कोलकाता मेट्रो के पूर्व-पश्चिम मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया था. 16.5 किलोमीटर लंबी यह मेट्रो लाइन हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ती है.
हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का रास्ता करीब 4.8 किलोमीटर लंबा है. इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है. अंडरग्राउंड पूरी टनल करीब 10.8 किलोमीटर लंबी है. पानी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को 1 मिनट से भी कम (45 सेकंड) समय लगेगा.
अंडरवाटर ट्रेन सुरंग कोलकाता में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर तक फैली होगी. इसका निर्माण कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) द्वारा किया जा रहा है.
पानी के नीचे कैसे तैयार की गई सुरंग?
पानी के भीतर सुरंग बनाने के लिए कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है, जो इसे जलरोधी बनाता है. जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया. इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 8,600 करोड़ रुपये है.
कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 16.6 किलोमीटर लंबा है. अंडरवाटर ट्रेन सुरंग कोलकाता में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर तक फैली होगी. कोरोना महामारी के दौरान दो सालों के भीतर इस मेट्रो परियोजना के काम को पूरा किया गया.
कोलकाता में अंडरग्राउंड रेल टनल बनाने के लिए रूस की कंपनी Transtonnelstroy के साथ ज्वाइंट वेंचर किया गया. इस कंपनी को ईरान में अंडरवाटर सड़क तैयार करने का अनुभव है. इसी कंपनी ने कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो तैयार करने में मदद की.
सुरंग को पानी के भीतर उपयोग के योग्य बनाने के लिए, इसके कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है. जो इसे जलरोधी बना देता है.
अंडरवाटर मेट्रो टिकट का किराया
अंडरवाटर मेट्रो के लिए टिकट 5 रुपये से शुरू होती है और यात्रा की गई दूरी के आधार पर 50 रुपये तक किराया होगा। पहले दो किलोमीटर के लिए किराया 5 रुपये से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है, लंबी दूरी के लिए 50 रुपये तक पहुंच जाता है।