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ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ जवानों को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा था भूपतिनगर ब्लास्ट केस में भेजा था समन

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CRPF jawans accompanying the ED team had to lathi charge the crowd and summons were sent in the Bhupatinagar blast case.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम पर शनिवार (06 अप्रैल) की सुबह पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में उस समय हमला किया गया जब अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर पर 2022 विस्फोट मामले की जांच के लिए वहां पहुंचे थे. हाई कोर्ट के निर्देश पर एनआईए की टीम भूपतिनगर विस्फोट मामले की जांच करने पहुंची थी. इस घटना में किसी को पूछताछ के लिए लाते समय केंद्रीय एजेंसी के वाहन की खिड़कियां तोड़ दी गईं, एनआईए ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें निशाना बनाया गया.

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की ओर से उन्हें सुरक्षा दिए जाने से पहले ही एनआईए अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि अगर लिखित शिकायत मिलती है तो जांच की जाएगी. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम शनिवार को सुबह-सुबह वहां गई थी, जब उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा और उन पर कथित तौर पर हमला किया गया.

क्या है मामला?

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में 2022 में विस्फोट हुआ था, जिसकी जांच एएनआईए कर रही है. इस विस्फोट में एक मकान धराशाई हो गया था और तीन लोगों की मौत भी हुई थी. मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के आठ नेताओं से पूछताछ की जानी है. जिन्हें पेश होने के लिए बीते शनिवार को बुलाया था लेकिन ये नेता एक बार फिर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के समक्ष पेश नहीं हुए. केंद्रीय जांच एजेंसी किसी अन्य तारीख पर इन आठों नेताओं को फिर से समन जारी कर सकती है.

मामले पर टीएमसी-बीजेपी आमने सामने

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने इस घटना के संबंध में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि एनआईए जांच के पीछे बीजेपी नेताओं का हाथ है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने ही पूर्वी मेदिनीपुर के टीएमसी नेताओं की लिस्ट एनआईए को दी है. एजेंसी उनके घरों पर छापेमारी और उन्हे गिरफ्तार करने की योजना बना रही है.

संदेशखाली में ED की टीम पर हुआ था हमला

दो महीने पहले भी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ED की टीम पर हमला हुआ था. तब केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने गए थे. शेख के समर्थकों ने ईडी टीम के साथ गए केंद्रीय बल के जवानों पर भी हमला किया था. पत्थरबाजी में घायल ईडी के तीन अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

शाहजहां शेख बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक का करीबी है और संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण के आरोप में फिलहाल सीबीआई की गिरफ्त में है. ज्योति प्रिया मल्लिक पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाला केस में आरोपी हैं. उन्हें ईडी ने पिछले साल के आखिरी में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल में हैं.

बोनगांव में ईडी टीम के सामने आ गई थी उग्र भीड़

राशन घोटाला मामले में ही बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को इस साल 6 जनवरी को गिरफ्तार करने पहुंची ईडी की टीम को उग्र भीड़ का सामना करना पड़ा था. भीड़ ने कथित तौर पर ईडी अधिकारियों को आद्या को अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की थी और उनके वाहनों पर पथराव किया था.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ जवानों को भीड़ पर लाठीचार्ज करना पड़ा था. केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर 24 परगना जिले के टीएमसी नेता शंकर आध्या को बोनगांव के सिमुलटोला में उनके आवास से गिरफ्तार किया था. ईडी टीम ने गिरफ्तारी से पहले आध्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की 17 घंटे तक तलाशी ली थी.

 

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