Villager dies in police custody, beaten by police, even electrocuted, demand for action against policemen
लखीमपुर खीरी के मितौली में पकरिया जलालपुर गांव से लापता पांच साल की बच्ची अंशू की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए 50 वर्षीय आसाराम को हिरासत में लिया था। शुक्रवार रात उसकी मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही उसके परिजनों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने शनिवार को करीब छह घंटे तक हंगामा किया।
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लखीमपुर खीरी के मितौली क्षेत्र में गला दबाकर पांच साल की बच्ची अंशू की हत्या के मामले में पूछताछ को हिरासत में लिए गए व्यक्ति की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद आक्रोश फैल गया। आक्रोशित लोगों ने शनिवार सुबह करीब आठ बजे लखीमपुर-मैगलगंज मार्ग पर कस्ता चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया। लोगों की भीड़ जुटने पर स्थिति इतना बिगड़ गई कि पीएसी को बुलाना पड़ा। करीब छह घंटे तक सड़क पर जमकर हंगामा किया। अफसरों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए। इसके बाद जाम खुल सका।
यह है मामला
तीन अप्रैल को पकरिया जलालपुर गांव में लापता पांच साल की बच्ची अंशू की गला दबाकर हत्या की गई थी। लापता होने के 26 घंटे के बाद उसका शव घर से महज 100 दूरी पर बरामद हुआ था। इस मामले में ही पुलिस ने गांव के ही आसाराम को हिरासत में लिया था। रात में आसाराम की मौत हो गई। इससे पुलिस में खलबली मच गई। थानाध्यक्ष का कहना था कि बच्ची की हत्या में शुक्रवार की शाम चार बजे आसाराम को थाने लाया गया। आसाराम का पेट खराब था, उसको सीएचसी ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई।
आरोप: पुलिस ने पीटा, करंट भी लगाया
आसाराम के परिजन ने आरोप लगाया कि मितौली थाना परिसर में पुलिस ने आसाराम को बेरहमी से पीटा। करंट भी लगाया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब मौत हो गई, तब हम लोगों को सूचना दी। रात में ही पुलिस ने शव परिजनों को बीमारी से मौत होने की बात कहते हुए सौंप दिया था। सुबह गांव में तनाव फैल गया। परिजनों के साथ सैकड़ों ग्रामीण सड़क पर उतर आए। सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। हंगामा करने लगे। सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स पहुंच गई। पुलिस अफसर भी सक्रिय हो गए।
लोगों में जबरदस्त आक्रोश
आसाराम के परिजनों और ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश था। परिजन दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर अड़े थे। भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। एएसपी, सीओ समेत कई अफसर और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। कस्ता चौराहे पर लगे भीषण जाम को खुलवाने पहुंचे एडिशनल एसपी नैपाल सिंह ने हेलमेट पहनकर मोर्चा संभाला। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को रोका तो भिड़ने को तैयार हो गए। पुलिस से नोकझोंक के साथ धक्कामुक्की भी हुई।
पुलिस ने लोगों को कस्ता चौराहे पर जाने से रोकने का प्रयास किया। इससे लोग और आक्रोशित हो गए। परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मृतक की पीठ पर चोटों के निशान भी दिखाए। तनाव देखते हुए पीएसी भी बुला ली गई। चौराहा जाम होने से बड़ी संख्या में लोग फंस गए। मृतक आसाराम की पत्नी रो-रोकर बेहोश हो रही थी। अफसरों ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे बाद आक्रोशित लोग शांत हुए। दोपहर करीब 12.45 बजे कस्ता चौराहे से हटे। भीड़ के हटने से बाद आवागमन शुरू हो गया।
थाना मितौली क्षेत्र में हफ्ते भर पहले एक छह साल के बच्ची की हत्या कर दी गई थी। उसका शव घर से करीब दो सौ मीटर दूर झाड़ियों में बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रही थी। पुलिस बच्ची की हत्या के मामले में गांव पकरिया निवासी आशाराम को शुक्रवार की शाम करीब चार बजे पकड़कर थाना लाई थी। रात करीब दस बजे उसकी हालत बिगड़ गई।
पुलिस आशाराम को लेकर पहले सीएचसी पहुंची, जहां से हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल भेज दिया, जहां उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया। रोते बिलखते परिवार के लोग जिला अस्पताल पहुंच गए। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस ने आसाराम की जमकर पिटाई की है, जिससे उसकी मौत हुई है। उधर पुलिस पिटाई से मौत की खबर से लोगों में काफी रोष है।
प्रभारी निरीक्षक राजू राव का कहना है कि बच्ची की हत्या में शुक्रवार की शाम 4 बजे आशाराम को थाने लाया गया था। आशाराम का पेट खराब था। उसको सीएचसी ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रात करीब 10 बजे जिला अस्पताल में मौत हो गई। थाना मितौली व पोस्टमार्टम हाउस पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मौके पर पहुंचे एएसपी समेत कई पुलिस अफसर परिवार वालों को समझाने की कोशिश में जुटे हैं।