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राजनांदगांव से पीड़ित परिवार पहुंचा था रायपुर उपचार कराने IVF ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत! परिजन का आरोप-जिंदा बताकर लाश घुमाता रहा स्टाफ

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The victim’s family from Rajnandgaon had reached Raipur for treatment. Woman died during IVF operation! Family’s allegation – staff kept moving the dead body by pretending it was alive

रायपुर। राजधानी के पंडरी स्थित इंदिरा आईवीएफ में राजनांदगांव से उपचार कराने आई महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही दोषी डाॅक्टरों पर उचित कार्रवाई की मांग को लेकर देवेंद्र नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
परिजनों द्वारा दी लिखित शिकायत के मुताबिक, राजनांदगांव लखोली दुर्गा चौक वार्ड-35 निवासी मनोज साहू अपनी पत्नी नीलम साहू का उपचार पंडरी स्थित आईवीएफ हास्पिटल में करवा रहा था। दोनों की शादी 2018 में हुई थी। दोनों की संतान नहीं थी। इसलिए मनोज साहू पत्नी का उपचार इंदिरा आईवीएफ में करवा रहा था। 19 अप्रैल को अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा था। यहां पर उसकी बातचीत डॉक्टर रश्मि दिलीप कुमार से हुई। डाॅक्टर ने कहा कि एक सर्जरी करनी होगी। सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी, इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। इसके बाद महिला ने आपरेशन से पहले ही एक सेल्फी परिजनों के साथ ली। जिसके बाद डाॅक्टरों की टीम ने सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक ऑपरेशन चला। इस बीच उसकी पत्नी नीलम साहू की स्थिति गंभीर होने लगी।
हाॅस्पिटल के स्टाॅप ने मरीज को ऑपरेशन थियेटर से निकाल कर अनन-फनन में एंबुलेंस से दूसरे हाॅस्पिटल शिफ्ट करने लगे। इसी दौरान परिजनों ने जब नीलम के स्वास्थ्य को लेकर सवाल किया तो डाॅक्टरों ने कहा कि इमरजेंसी है, पर घबराने की जरूरत नहीं है।

परिजनों ने आरोप लगाया कि डाॅक्टरों ने मरीज को अकेले ही एम्बुलेंस से लेकर पंडरी के ममता हाॅस्पिटल पहुंचे थे। परिजन जब हाॅस्पिटल पहुंचे तो वहां के डाॅक्टरों ने बताया कि मरीज मृत अवस्था में है। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज की मौत आईवीएफ हास्पिटल में उपचार के दौरान हो गई थी। डाॅक्टरों ने इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी। और चोरी छुपे, बीना हाॅस्पिटल से छुट्टी दिए न इलाज के पेपर तैयार किये सीधे दूसरे हाॅस्पिटल में भेजा गया। हाॅस्पिटल के डाॅक्टरों की गंभीर लापरवाही से मरीज की जान चले गई।

इस मामले में परिजनों ने देवेंद्र नगर थाने में एक लिखित शिकायत देकर मामले में उचित कार्रवाई व मुआवजे की मांग की है। वहीं एनपीजी ने जब इस मामले में इंदिरा आईवीएफ हाॅस्पिटल में काॅल कर डाॅक्टरों से बात करने की कोशिश की तो काॅलर ने जानकारी नहीं होने की बात कहकर फोन रख दिया। फिलहाल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है और मामले की जांच की जा रही है।

सेंटर का नंबर बंद

जब इस मामले में इंदिरा आईवीएफ सेंटर के रिसेप्शन के नंबर 7412031841 पर लगातार संपर्क किया तो यह बंद बता रहा था। परिजनों ने भी बताया कि महिला की मौत के बाद से इस नंबर को स्वीच ऑफ कर दिया गया है।

दूसरे अस्पताल कर दिया रेफर

फिर अस्पताल प्रबंधन ने ममता अस्पताल से एंबुलेंस बुलाकर वहां रेफर कर दिया। दोपहर साढ़े 3 के आसपास ममता अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। हालांकि सीपीआर दिया गया लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हुई।

छोटा सा ऑपरेशन है कहकर ले गए ओटी में

अस्पताल में 10 बजे के आसपास महिला डॉक्टर ये कहते हुए ओटी ले गई कि गर्भाशय का परदा हटाना है, छोटा सा ऑपरेशन है, एक-डेढ़ घंटे में हो जाएगा। महिला के देवर रूपेंद्र साहू के अनुसार दोपहर एक बजे के आसपास जब उन्हें ओटी में बुलाया तो उनकी नीलम की जीभ बाहर निकली हुई थी। मॉनीटर में सब कुछ जीरो था। तब स्टाफ ने कुछ कागजात पर हस्ताक्षर भी कराने चाहे, लेकिन महिला के पति ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

टेस्ट ट्यूब बेबी की चाह में पहुंचे सेंटर

लखौली वार्ड, राजनांदगांव की नीलम पति मनोज साहू की शादी पांच साल पहले हुई थी। जब वह तीन बार गर्भवती हुई तो चौथे-पांचवें महीने में गर्भपात हो जाता था। इसके बाद वे आईवीएफ सेंटर आकर टेस्ट ट्यूब बेबी सिस्टम से संतान की चाह में रायपुर आ गए। इलाज जारी था। शुक्रवार को सुबह वे ट्रेन से 8 बजे के आसपास अस्पताल पहुंच गए। महिला को जब इंदिरा आईवीएफ सेंटर से लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस को खबर कर दी गई है। पोस्टमार्टम में मौत का खुलासा हो सकता है।

 

 

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