Farmers climbed trees and towers, demonstrated with skulls and bones, what is the demand of protesting farmers?
दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसान बुधवार को मोबाइल टावर पर चढ़ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें महिला समेत कई किसान हाथों में झंडे लेकर टावर पर काफी ऊंचाई तक चढ़ गए और नारे लगाए। सूचना पर पहुंची पुलिस की टीम ने किसानों को एक-एक कर नीचे उतारा। बता दें, किसान पिछले कई दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
इंडिया टुडे के मुताबिक, नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अय्याकन्नू ने बताया कि 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसलों का मुनाफा दोगुना करने और नदियों को जोड़ने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। किसानों ने कहा कि अगर केंद्र उनकी मांगों को नहीं सुनती तो वे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाकर प्रदर्शन करेंगे। बता दें, किसान अपने साथ कथित तौर पर आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ी-हड्डियां लाए हैं।
तमिलनाडु के कुछ किसानों ने बुधवार को कई मुद्दों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में एक महिला भी शामिल है। प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी जहां पेड़ पर जा चढ़े, वहीं कुछ मोबाइल टावर पर चढ़ गए।
किसानों की क्या है मांग?
अपनी फसलों के लिए बेहतर कीमतें
भारत में सभी नदियों को जोड़ने की मांग
5,000 रुपये की पेंशन
व्यक्तिगत बीमा
पुलिस ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि तमिलनाडु के बड़ी संख्या में किसान जंतर-मंतर पर एकत्र हुए हैं, जिनमें से कुछ ने पास के पेड़ों और एक मोबाइल टावर पर चढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों में से एक को मोबाइल टावर से वापस जमीन पर लाने के लिए फायर ब्रिगेड क्रेन का इस्तेमाल किया।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने बताया, ‘लगभग 50 लोग नदियों को जोड़ने के लिए आए हैं। उनमें से दो ने एक मोबाइल टावर पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन वे वापस जमीन पर लौट आए।’
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि तमिलनाडु के लगभग 100 किसानों ने प्रदर्शन में भाग लिया। किसानों ने कहा कि वे कृषि उपज से अपनी आय दोगुनी करने, 5,000 रुपये की पेंशन, व्यक्तिगत बीमा और भारत में सभी नदियों को जोड़ने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने ये भी कहा कि अगर मांगें नहीं हुईं पूरी तो वह प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे।
तमिलनाडु के 200 किसान पहुंचे दिल्ली
अपनी मांगों को लेकर करीब 200 किसानों का दल Tamil Nadu से Delhiआया है। यह किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऊंचे पेड़ों और टावर्स पर चढ़े हुए किसानों को नीचे उतारने के लिए, पुलिस को क्रेन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वहीं किसानों का कहना है, कि वे सिर्फ अपनी मांगें पूरी करवाना चाहता है। किसी भी राजनीतिक दल से उनका कोई नाता नहीं है।
ये है किसानों की मांग
किसान केंद्र सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करवाने Protest कर रहे हैं। इन मांगों में फसलों का दोगुना दाम मिलना, किसानों को 5,000 रुपये की पेंशन और इंश्योरेंस की मांगे प्रमुख हैं। इसके अलावा किसान दल देश में नदियों की इंटरलिंकिंग की मांग भी कर रहे हैं। कुछ किसानों का कहना है, कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे वाराणसी जाकर प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
पेड़ पर चढ़ीं महिला प्रदर्शनकारी
इस बीच एक महिला पेड़ पर चढ़ गई तो वहीं एक पुरुष मोबाइल टावर पर चढ़ गया। बताया जा रहा है कि महिला सुसाइड करने के लिए पेड़ पर चढ़ी थी। महिला को पेड़ पर और एक पुरुष को टावर पर चढ़ा देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए।इसके बाद नीचे उतारने के लिए फायर विभाग की टीम बुलानी पड़ी। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को नीचे उतारा जा सका। वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि इससे पहले उन्हें प्रदर्शन नहीं करने दिया गया था।
मांगे ने सुनी जाने पर पीएम के सामने चुनाव लड़ेंगे किसान
लेकिन इस बार वे कोर्ट से प्रदर्शन करने की परमिशन लेकर आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों का कहना है कि अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हम वाराणसी जाएंगे और पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी मांगों के लिए पहले भी विरोध प्रदर्शन किया है। हम पीएम के खिलाफ नहीं हैं या किसी राजनीतिक दल से हमारा कोई संबंध नहीं है
क्या है प्रदर्शनकारी किसानों की मांग
तमिलनाडु से दिल्ली आए किसानों की केंद्र सरकार से कई मांगें हैं। प्रदर्शनकारी किसानों फसलों के लिए बेहतर कीमतें, भारत में सभी नदियों को जोडऩे की मांग, पांच हजार रुपये की पेंशन और व्यक्तिगत बीमा योजना की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे। इस प्रदर्शन में तमिलनाडु के लगभग 100 किसानों ने प्रदर्शन में भाग लिए हैं।