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जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न को लेकर चल रही जांचपांच लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR; संदेशखाली मामले में एक्शन मोड में CBI

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Investigation underway regarding land grabbing and sexual harassment, FIR registered against five people; CBI in action mode in Sandeshkhali case

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखाली मामले में 5 लोगों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की है। CBI अधिकारियों ने बताया कि यह प्राथमिकी जमीन पर जबरन कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के मामले में दर्ज किया गया है। CBI ने अभी आरोपियों और पीड़ितों के नाम उजागर नहीं किए हैं। मामले में 80 से अधिक शिकायत दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है।

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CBI ने ईमेल जारी की थी

कलकत्ता हाई कोर्ट ने 10 अप्रैल को मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में CBI को करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि मामले की निष्पक्ष जांच होना जरूरी है। कोर्ट के आदेश पर ही CBI ने लोगों की शिकायत प्राप्त करने के लिए ईमेल जारी की थी, जिसमें काफी बड़ी संख्या में शिकायत प्राप्त हुई है। CBI का यह भी कहना है उन्होंने कई शिकायतों के दस्तावेज बशीरहाट पुलिस और नैजाट पुलिस थाने से जमा किए हैं।

क्या है पूरा मामला?

CBI संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हुए हमले की जांच कर रही थी, जिसमें पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। इसकी जांच कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI को दी। इसके बाद स्थानीय महिलाओं ने TMC नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमीन कब्जाने और रेप का आरोप लगाया। 29 फरवरी को पुलिस ने शाहजहां को गिरफ्तार किया। अप्रैल में कोर्ट ने यह मामला भी CBI को दे दिया।

संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न, ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद पहले सीबीआई ने टीएमसी के पूर्व नेता शेख शाहजहां और उसके एसोसिट्स को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को आदेश दिया था कि संदेशखाली में महिलाओं से उत्पीड़न और जबरन जमीन हड़पने के अपराध के और भी इससे संबंधित मामलों की जांच सीबीआई करे। जनता सीधे सीबीआई से सम्पर्क कर सकती है, जिसके बाद सीबीआई ने ईमेल आईडी जारी करके और उत्तर 24 परगना के डीएम को पब्लिक नोटिस निकालकर पब्लिक से सीबीआई को शिकायत करने की अपील की थी।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच तेज

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए सीबीआई को संदेशखाली क्षेत्र में कई कथित अपराधों की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। कथित तौर पर इन अपराधों में अवैध भूमि अधिग्रहण और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और यौन उत्पीड़न के मामले शामिल हैं।

बड़े पैमाने पर महिलाओं के शोषण का आरोप

बड़े पैमाने पर आपराधिक गतिविधियों और पिछड़े वर्ग के शोषण के आरोपों के बाद सीबीआई का यह कदम आया है। एफआईआर सीबीआई द्वारा गहन जांच की शुरुआत को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलाना और रिपोर्ट किए गए अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
ये लगे हैं आरोप
इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के कथित मामलों की अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने का निर्देश दिया था। मामले में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाएं सत्तारूढ़ टीएमसी और उसके नेता शाहजहां शेख के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं थी और शाहजहां और उनके सहयोगियों पर अत्याचार करने और उनकी जमीन भी हड़पने का आरोप लगाया।

महिलाओं ने शाहजहां शेख पर लगाए गंभीर आरोप

बता दें कि कई महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर जबरदस्ती “जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न” का आरोप लगाया। बशीरहाट कोर्ट ने शाहजहां को सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। कोर्ट से निकलने के बाद शाहजहां को रोते हुए देखा गया था।

ईडी अधिकारियों पर हुए थे हमले

वहीं, इसके पहले ईडी के अधिकारी राशन घोटाले के मामले में टीएमसी नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने पहुंचे थे. उस दौरान उन अधिकारियों पर हमले हुए थे. आरोप लगा था कि ईडी अधिकारियों पर शेख शाहजहां के समर्थकों ने हमला बोला था. इस में शेख शाहजहां के तीन अधिकारी घायल हो गये थे

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