Congressmen’s lungi caught fire? What came to light during fact check while burning the effigy of PM Modi? What is the truth of this claim?
कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि जब पुतले को आग लगाई जा रही थी तो इसकी चपेट में आकर कांग्रेसियों की लुंगी में आग लग गई. दावा किया गया है कि इस घटना में कांग्रेस के पांच कार्यकर्ता घायल हुए हैं. वीडियो के साथ चेन्नई एक्सप्रेस मूवी का ‘लुंगी डांस’ गाने का ऑडियो भी जोड़ा गया है.
हालांकि, न्यूज चेकर ने जब इस दावे की पड़ताल शुरू की तो हकीकत कुछ और ही निकली. कीफ्रेम के साथ कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर न्यूज वेबसाइट आज तक पर 30 दिसंबर, 2015 को पब्लिश हुई एक खबर मिली. इस खबर में बताया गया कि तमिलनाडु में एआईएडीएमके के कार्यकर्ता पुतला जला रहे थे, इस दौरान इसके चपेट में आने से उनकी लुंगी में आग लग गई. हालांकि, फिर हमें पता चला कि वायरल वीडियो इस खबर से संबंधित नहीं है.
फैक्ट चेक के दौरान क्या सामने आया?
कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर पता चला कि लुंगी में आग लगने की घटना केरल की है. इस संबंध में 5 जुलाई 2012 को Asianetnews के यूट्यूब चैनल पर मलयालम भाषा में वीडियो अपलोड किया गया था. वीडियो में बताया गया कि केएसयू (केरल स्टूडेंट यूनियन) के कार्यकर्ता एमजी विश्वविद्यालय के वीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान चांसलर का पुतला फूंकते समय कुछ कार्यकर्ताओं की लुंगी में आग लग गई. इस घटना में दो कार्यकर्ता घायल हुए थे.
12 साल पुराना वीडियो कर्नाटक से नहीं जुड़ा
वहीं, जब कीवर्ड्स के जरिए केएसयू के बारे में डिटेल्स निकाली गई, तो इसकी ऑफिशियल वेबसाइट की जानकारी सामने निकलकर आई. इसमें पता चला कि केएसयू अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का स्टूडेंट यूनियन है, जो केरल में एक्टिव है. वीडियो से इस बात की भी पुष्टि हो गई कि वायरल वीडियो का कर्नाटक से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि ये केरल का है. साथ ही ये भी साफ हो गया कि करीब 12 साल पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
केरल स्टूडेंट यूनियन- केएसयू के बारे में जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो केएसयू की आधिकारिक वेबसाइट से पता चला कि यह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का राज्य में स्टूडेंट यूनियन है.
फैक्ट चेक के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो कर्नाटक का नहीं, बल्कि केरल का है, जहां केएसयू के कार्यकर्ताओं ने एमजी विश्वविद्यालय के चांसलर के खिलाफ प्रदर्शन किया था. करीब 12 साल पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
कैसे की पड़ताल?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें ये वीडियो 1 सितंबर 2012 के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां इस वीडियो को केरल का बताया गया है.
थोड़ा और सर्च करने पर हमें मीडिया संस्था “एशियानेट न्यूज” की यूट्यूब पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के बारे में बताया गया है. 5 जुलाई 2012 की इस रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना केरल के पतनमतिट्टा जिले में हुई थी.रिपोर्ट के मुताबिक केरल छात्र संघ के कार्यकर्ता एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति के विरोध में उनका पुतला जला रहे थे. लेकिन इस बीच वो खुद भी आग की चपेट में आ गए थे. एशियानेट न्यूज के वीडियो में ‘KSU’ के नीले झंडे भी नजर आ रहे हैं.
घटना को लेकर उस समय “द टाइम्स ऑफ इंडिया” ने एक खबर भी प्रकाशित की थी. इसमें बताया गया है कि ये छात्र कथित तौर पर एमजी यूनिवर्सिटी के कुलपति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे थे. आग की चपेट में आने से कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए थे और इन्हें अस्पातल में भर्ती कराया गया था.यहां स्पष्ट हो जाता है कि लगभग 12 साल पुराने केरल के वीडियो को कर्नाटक का बताकर फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.