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ड्रैगन को कड़ा संदेश,सिंगापुर पहुंचने से खुलासा, भारत ने चीन की नाक के नीचे तैनात किया नौसेना का पूर्वी बेड़ा

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Strong message to Dragon, revealed after reaching Singapore, India deployed Eastern Naval Fleet right under China’s nose

दक्षिण चीन सागर में नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती के हिस्से के रूप में तीन भारतीय नौसेना जहाज सिंगापुर पहुंचे हैं, जो दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित करता है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि रियर एडमिरल राजेश धनखड़ के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के जहाज दिल्ली, शक्ति और किल्टन सोमवार को सिंगापुर पहुंचा है।

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दोनों समुद्री देशों के बीच रिश्ते होंगे मजबूत

बयान में कहा गया कि मौजूदा तैनाती दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित करती है। सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के कर्मियों और सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त ने गर्मजोशी से स्वागत किया। यह यात्रा दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा है। यह यात्रा कई कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से दोनों समुद्री देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए तैयार है।

भारतीय नौसेना ने क्या बताया

भारतीय नौसेना ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा है। यह यात्रा कई कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से दोनों समुद्री देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है। बंदरगाह में जहाजों के प्रवास के दौरान, विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनाई गई है, जिसमें भारतीय उच्चायोग के साथ बातचीत, सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के साथ पेशेवर बातचीत के साथ-साथ अकादमिक और सामुदायिक आउटरीच सहित अन्य गतिविधियां शामिल हैं, जो दोनों नौसेनाओं के साझा मूल्यों को दर्शाती हैं।

भारत और सिंगापुर के बीच पुराने नौसैनिक संबंध

भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के बीच तीन दशकों के सहयोग, समन्वय और नियमित यात्राओं, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और पारस्परिक प्रशिक्षण व्यवस्थाओं के साथ मजबूत संबंध रहे हैं। वर्तमान तैनाती दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित करती है।

चीन पर कसेगी नकेल

चीन दक्षिण चीन सागर के 80 फीसदी इलाके पर अपना दावा करता है। हालांकि, दक्षिण चीन सागर से सटे बाकी देश इस दावे को नकारते हैं। चीन का भारत के साथ पुराना सीमा विवाद है। ऐसे में दक्षिण चीन सागर में भारतीय युद्धपोतों की मौजूदगी से चीन की टेंशन बढ़ जाएगी। चीनी नौसेना भी हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रही है। ऐसे में भारतीय नौसेना के उसकी नाक के नीचे रहने से चीन को दक्षिण चीन सागर पर भी अपना ध्यान लगाना पड़ेगा।

 

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