Solar Storm: Electricity will go off in many countries, warning of terrible geomagnetic storm for the first time in 20 years, big disaster coming towards the Earth
20 साल से अधिक समय बाद सबसे शक्तिशाली सौर तूफान ( Solar Storm ) शुक्रवार को पृथ्वी से टकराने वाला है। अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी नेशनल ओशनिक एंट एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने सौर तूफान को लेकर चेतवानी जारी की है। उन्होंने कहा है कि इससे सैटेलाइट्स के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है। साथ ही पावर ग्रिड , कम्यूनिकेशन नेटवर्क और इलेकट्रोनिक उपकरणों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
सूर्य से निकला तूफान
8 मई के बाद से कई सौर ज्वालाएं और कोरोनल मास इजेक्शन यानी (CME) देखे गए थे, जिससे NOAA के SWPC ने सतर्कता बढ़ा दी थी। सूर्य बेहद विशाल है और इसपर कई धब्बे भी हैं, जिन्हें सनस्पॉट कहा जाता है। बयान में कहा गया कि बुधवार सुबह 5 बजे सनस्पॉट से कई मजबूत सौर ज्वालाएं निकली हैं। कम से कम पांच ज्वालाएं CME थीं, जो पृथ्वी की ओर आती हुई दिखीं। सूर्य से निकलने वाले तूफानों से पृथ्वी को खतरा न हो, इसके लिए निगरानी की जा रही है।
पृथ्वी पर क्या दिखेगा प्रभाव
हमारे ग्रह की ओर आने वाले ये भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी की कक्षा और ग्रह की सतह पर बुनियादी ढांचे के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं। NOAA की चेतावनी में कहा गया है कि यह नेविगेशन, रेडियो और सैटेलाइट संचालन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा संभावित इंटरनेट आउटेज के बारे में भी चिंताए हैं, जो आधुनिक संचार बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एजेंसी ने कहा कि CME सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का विस्फोट है। जब वे पृथ्वी से टकराते हैं तो भू-चुंबकीय तूफान पैदा करते हैं।
कब आएगा सौलर तूफान?
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, आज रात और हफ्ते के आखिरी में यह सौर तूफान धरती से टकराएगा, जिससे अमेरिकी एजेंसी की चिंता बढ़ गई है। वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार, ऐसा सौर तूफान अक्टूबर 2003 में देखा गया था। इसके बाद से ऐसी खगोलीय घटना कई वर्षों में नहीं देखी गई।
इससे बढ़ेंगे यह खतरे
यह भू-चुंबकीय तूफान चरम स्तर तक बढ़ गया है, जिसे स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने 5 में से 5 रेटिंग दी है। 2003 के बाद से ऐसी कोई सौर गतिविधि नहीं देखी गई है। सीएनएन के अनुसार, इससे क्मयूनिकेशन नेटवर्क, सैटेलाइट संचालन और हाई फ्रिक्वेंसी रेडियो वेव का खतरा बढ़ सकता है। इससे बाइडन प्रशासन सहित अधिकारियों को सतर्कता बरतनी पड़ेगी।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि सूर्य से निकलने वाली रेडिएशन और कोरोनल मास इजेक्शन में वृद्धि से पृथ्वी पर संचार बाधित हो सकता है। जीपीएस सिस्टम, अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों को भी इससे मुश्किलें आ सकती है।