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“कगार” ऑपरेशन दौरान बुसापुर के गिरफ्तारों को बताया निर्दोष, निशर्त रिहा करने नक्सलियों के पामेड़ एरिया कामेटी ने किया प्रेस नोट जारी

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बीजापुर@रामचन्द्रम एरोला – नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर जो आरोप लगाये उनमें से एक आत्मसमर्पण पर सवाल उठाए, कुछ दिन पहले 33 जनताना सरकार से जुड़े लोगों ने पुलिस की पुनर्वास से प्रभावित होने की बात करते सरेंडर किये। जिस पर बीजापुर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने मीडिया कांफ्रेंस कर कहा था जिले में पहली बार नक्सलियों से जुड़े अपने आप आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं यहां सरकार वा पुनर्वास योजना साथ ही साथ सिविल पुलिस, सीआरपीएफ की इसमें मुख्य भूमिका है। अब भाकपा माओवादियों के पामेड़ एरिया कामेटी ने इसे
माओवादी संघठन के सदस्य के नाम से डारा-धमका कर सरेंडर करवाना, सरेंडर न होने पर उन्हे जेल भेजना, ‘लोन वर्राट’ की धोखेबाजी सरेंडर योजना के तहत 25,000 रुपये उन्हें दिए जा रहे। ऐसे हमलों से, अपनों को लेकर बीवी-बच्चें, परिजन-रिश्तेदार सब चिंतित है कि कहीं इन्हें मुठभेड़ के नाम से हत्या या फर्जी गिरफ्तारी तो न करें. पुलिस-प्रशासन उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ के नाम से कडी यातनाएं तो नहीं दे रहा है. एक बात का जिक्र किया है “ऑपरेशन कगार” हमलें के अंतर्गत दिन दहड़े गांवों पर हमले की चलते आस-पास के लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं. ग्रामीण अपने गांव एवं एक गांव से दूसरे गांव या हॉट-बाजारों तक जाके खरीदारी के लिए, सगे-संबंधियों से मिलने जाने, शादी, त्यौहारों आदि में शामिल होने नहीं जा पा रहे हैं. 25 मई, 2024 को बीजापुर जिला मुख्यलाय से डीआरजी, उसूर थाना और गलगाम सिआरपीएफ बेस कैंप से, अवापल्ली, बासागुड़ा थाना क्षेत्र से सशास्त्र बलों ने संयुक्त रूप से बुसापुर गांव कों रात 02 बजे घेर लिया और सुबह 5:30 बजे चारों ओर घेर कर अपने घरों में सोये हुए ग्रामीणों को उटाकर अपने हिरासत में रखे. एवं शादी समारोह के लिए तैयार कर रहे जिन्हे भी पकड़े और अपने रिश्तेदारों से मिलने आये लोगों कों भी गिरफ्तार कर ले गये. इस गांव से 16 निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों को पकड़ कर उसूर थाने में ले जाकर उन्हे यातानाएं देते हुए पुछ-ताछ कर रहे है। वही ग्रामीणों के नाम मड़काम मंगडू, मड़काम बुधराल, पोड़ियम मूड़ा, कुहडाम हिडमा, कुहड़ाम भीमा, कुहड़ाम उर्राल, वेट्टी गणेश छात्र उसूर पोटाकेबिन में 7वीं पढ़ाई कर रहा है, स्कूल छुट्टी के चलते गांव में तेंदुपता में वाचर काम कर रह था, सोरी बीच्छेम, मड़काम लखमा, पुनेम पोदिया, ओयम पोज्जा, कोवासी भीमा, डोडी मंडगू है. इसमें मड़काम आयता का शादी 27 तारीख को होने वाला है. पुलिस बलों ने उनको भी गिरफ्तार कर ले गये. कोंजेर गावं का मिड़ियाम लखमा, गलगाम गावं में रिश्तेदारों में जाकर बुसापुर रूखा था। इनको भी गिरफ्तार किया गया. सुकमा जिला पनवर गांव का कुहड़म जोगा अपने रिश्तेदार या आया था उन्हे भी गिरफ्तार किया गया हैं. बीते 13 मई को बोट्टेम, रासापल्ली, पिन्नाचंदा के आम ग्रामीणों महिला-पुरुिष 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया. प्रशासन उन्हें फर्जी मुकदमे लगाकर जेल में भेजा वा आत्मसमर्पण दिखाएगी इस घटना में शामिल रहे पोलेमपल्ली शंकार, बोसके भीमा, मारूडबाका बंडारी रामेश, पुनेम चीनु, बंडारी शंकार, टेकुलगुड़ा रामा, गलगाम माड़वी रमेश, पावुरगुड़ा माड़वी चिनू डीआरजी को कड़ी से कड़ी सजा देना, और पद से बर्खास्त करना। दूसरी ओर जनता को जल-जंगल-जमीन से बेदखाल करने के लिए सुटबय, पोतकेल, नम्बीदारा, मुरदोंडा कैंपों से रॉकेट शेल से बम गिरा रहे है. इससे आस-पास के लोग और मावेशियों, पक्षीयां मरे जा रहे है. जैसे पुलिस प्रशासन की घोर कायराना हरकतों की कडे से कडे शब्दों में निंदा करें.

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