BJP’s bumper victory, full list of candidates who won all seven seats in Delhi
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं और यह फैसला हो गया है कि किस क्षेत्र से कौन सा उम्मीदवार अब जनता की आवाज उठाने के लिए संसद पहुंचेगा. दिल्ली में सभी सात सीटों के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
कांग्रेस से कन्हैया कुमार इस बार उत्तर-पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के दो बार के सांसद और अभिनेता से नेता बने मनोज तिवारी के खिलाफ मैदान में थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. 2019 में कन्हैया कुमार ने बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ा था और उन्हें इस दौरान भी हार का मुंह देखना पड़ा था.
दिल्ली में बीजेपी के किस उम्मीदवार की जीत?
चांदनी चौक- प्रवीण खंडेलवाल (बीजेपी)
उत्तर-पूर्वी दिल्ली- मनोज तिवारी (बीजेपी)
पूर्वी दिल्ली- हर्ष दीप मल्होत्रा (बीजेपी)
दक्षिण दिल्ली- रामवीर सिंह बिधूड़ी (बीजेपी)
पश्चिमी दिल्ली- कमलजीत सिंह सहरावत (बीजेपी)
नई दिल्ली- बांसुरी स्वराज (बीजेपी)
उत्तर पश्चिम दिल्ली- योगेंद्र चंदौलिया (बीजेपी)
किस सीट पर किसके बीच मुकाबला रहा?
बीजेपी के योगेंद्र चंदौलिया ने कांग्रेस के उदित राज को शिकस्त दी है. चांदनी चौक सीट से बीजेपी के प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल को हराया. वोटों का मार्जिन 89 हजार 325 रहा. वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को 1 लाख 38 हजार 778 वोटों से हराया. पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के हर्ष मल्होत्रा ने आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मात दी. वोटों का मार्जिन 93 हजार 663 रहा.
जीत का अंतर कम
भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर और आम आदमी पार्टी (AAP)-कांग्रेस गठबंधन की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटें जीत लीं। बहरहाल, 2019 के चुनावों की तुलना में उसकी जीत का अंतर काफी कम हो गया है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उनके उम्मीदवारों ने शहर में भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। पार्टी ने कहा कि लोगों ने भाजपा की “घृणा और तानाशाही” की राजनीति के खिलाफ वोट दिया है।
2014 और 2019 में भी क्लीन स्वीप
राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन से था। भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में भी दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी।बीजेपी की इस बड़ी जीत से यह साफ हो गया है कि दिल्ली में उनका जनाधार अभी भी मजबूत है और विपक्षी दलों के गठबंधन के बावजूद वे अपनी स्थिति को मजबूत बनाए हुए हैं।