Ban imposed on these special designer jewelery coming from abroad, government strict on gold jewelery, know why
नई दिल्ली. अगर आप सोने के गहने खरीदते हैं तो यह खबर आपको निराश कर सकती है. क्योंकि, केंद्र सरकार ने रत्नों एवं कीमती पत्थरों से सुसज्जित कुछ खास तरह के स्वर्ण आभूषणों के आयात पर मंगलवार को अंकुश लगा दिया. यह कदम इंडोनेशिया और तंजानिया से इन उत्पादों के आयात को हतोत्साहित कर सकता है. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त शुल्क समझौते के तहत वैध शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) में आयात प्राधिकार के बगैर भी इन जड़ित स्वर्ण आभूषणों के आयात की मंजूरी होगी.
डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा कि मोती, कुछ खास किस्म के हीरे और अन्य कीमती एवं कम मूल्यवान पत्थरों से जड़े सोने के आभूषणों की आयात नीति को तत्काल प्रभाव से संशोधित कर ‘मुक्त से अंकुश’ कर दिया गया है.
लाइसेंस लेना होगा
अंकुश की श्रेणी में रखी गई वस्तुओं का आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस/ अनुमति लेने की जरूरत होती है. एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि इंडोनेशिया और तंजानिया से इन वस्तुओं के आयात में वृद्धि हुई है. भारत का इंडोनेशिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता है.
गोल्ड इंपोर्ट बढ़ा
बता दें कि भारत का गोल्ड इंपोर्ट वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया. इस साल मार्च में कीमती धातु का आयात 53.56 प्रतिशत घटकर 1.53 अरब डॉलर पर आ गया था. स्विट्जरलैंड, अप्रैल में भारत के लिए शीर्ष आयात गंतव्य के रूप में उभरा है, क्योंकि वहां से सोने की आवक बढ़ी है. इसके बाद चीन, इराक और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का स्थान है.
गोल्ड इंपोर्ट पर बड़ी खबर
गोल्ड ज्वेलरी के फ्री इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है. कुछ गोल्ड ज्वेलरी, उनके पार्ट्स पर बैन लगा है. DGFT ने आदेश का नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
सरकार का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा
पांच केटेगरी की गोल्ड ज्वेलरी इंपोर्ट से पहले लेनी मंजूरी होगी. CEPA के जरिए इंपोर्ट पर बैन नहीं है. अब तक इनके फ्री इंपोर्ट को मंजूरी थी. पिछले साल जुलाई में फ्री इंपोर्ट को मंजूरी मिली थी. इंपोर्ट FTA वाले देशों से अचानक बढ़ रहा था.
फ्री इंपोर्ट पर लगा बैन
मोती से जड़ा सोना
डायमंड से जड़ा सोना
प्रीशियस स्टोन से जड़ा सोना
सेमी प्रीशियस स्टोन से जड़ा सोना
सोने के पार्ट्स
ऐसा क्यों हुआ?
सरकार इस बात को लेकर चिंतिंत है कि अचानक उन देशों से सोने का इंपोर्ट बढ़ गया. जिन देशों के साथ एफटीए है.
गोल्ड ज्वैलरी इंपोर्ट पर सरकार ने कसा शिकंजा
नए फैसले के तहत गोल्ड ज्वैलरी के इंपोर्ट पर मंजूरी लेनी होगी. 5 कैटेगरी के ज्वैलरी इंपोर्ट पर मंजूरी जरूरी है. FTA देशों से ज्वैलरी इंपोर्ट अचानक बढ़ रहा था.
सरकार का कहना है कि एचएसएन कोड के तहत ज्वेलरी इंपोर्ट पर कोई रोक नहीं लगी है. बल्कि इसे सिर्फ इंपोर्ट में आई असामान्य तेजी के पीछे के कारण का पता लगाने और कहां से इतन इंपोर्ट हो रहा है. उसका पता लगाने के लिए निगरानी कैटेगिरी में रखा गया है.
भारत का कुल सोने का इंपोर्ट भी बढ़ा है. जिससे अप्रैल में वस्तु व्यापार घाटा 5 महीने के उच्चतम स्तर 19.1 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी 5 फीसदी से अधिक रही है. फिलहाल सोने पर 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है.
आपको बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा बड़ा उपभोक्ता है. यह इंपोर्ट मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है.
नोट एफटीए क्या होता है
FTA बोले तो… फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है यानी मुक्त व्यापार संधि कहलाती है. इसके जरिए दो देशों के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है. इस एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने पर काम किया जाता है.
जब दो देशों के बीच एफटीए साइन होता है तो उन देशों के बीच इंपोर्ट-एक्सपोर्ट यानि खरीदे और बेचे जाने वाले प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट टैक्स, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि में छूट दी जाती है या नियमों को आसान बना दिया जाता है.
इससे सामान बनाने वाली कंपनियों की लागत कम हो जाती है. लिहाज उन देशों के लोगों को सामान भी सस्ते में मिलता है और कंपनियों ज्यादा मुनाफा कमा पाती है. इससे व्यापार में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होती है.