Who is Manoj Kumar Singh IAS? Who was made the Chief Secretary of UP
नई दिल्ली। आईएएस मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। उनके पास अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) व सीईओ यूपीडा का भी पद साथ में रहेगा। रविवार की शाम को मुख्य सचिव कार्यालय पहुंचकर उन्होंने दुर्गा शंकर मिश्र से मुलाकात की और औपचारिक रूप से उनसे पदभार संभाल लिया। आइए जानते हैं कौन हैं मनोज कुमार सिंह?
कौन हैं आईएएस मनोज कुमार सिंह?
मनोज कुमार सिंह मूल रूप से झारखंड के रांची के रहने वाले हैं। उनका जन्म 25 जुलाई, 1965 को हुआ है।
मनोज कुमार की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है।
वे जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। अभी तक उनके पास आइआइडीसी, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, सीईओ यूपीडा जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी।
वे 1990 में सबसे पहले मैनपुरी के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बने थे। इसके बाद उनको अहम जिम्मेदारियां मिलती रहीं। ललितपुर, गौतमबुद्धनगर, पीलीभीत, मुरादाबाद व अलीगढ़ में डीएम भी रह चुके हैं।
मनोज कुमार सिंह से सीनियर दो अधिकारी 1987 बैच व एक अधिकारी 1988 बैच के हैं। इनमें 1987 बैच के अरुण सिंघल व लीना नंदन हैं। दोनों ही अधिकारी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। अरुण सिंघल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं लीना नंदन उपभोक्ता मामले विभाग में सचिव हैं। 1988 बैच के डा. रजनीश दुबे इस समय राजस्व परिषद के चेयरमैन हैं। उनका रिटायरमेंट इसी वर्ष अगस्त माह में है।
कोरोना काल में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना काल में पहले टीम 11 और फिर टीम 9 में शामिल मनोज कुमार सिंह ने गांवों में कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ‘बैंकिंग एट योर डोर’ की परिकल्पना को साकार करने वाली मुख्यमंत्री योगी की ‘बीसी सखी’ योजना आज पूरे देश में मॉडल के रूप में स्वीकारी जा रही है. इसकी रूपरेखा तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक में उनका बड़ा योगदान है. यह योजना महिला स्वावलंबन और वित्तीय समावेशन का अद्भुत उदाहरण बनकर राष्ट्रीय पटल पर प्रशंसा पा रही है. 2019 के दिव्य-भव्य कुंभ को ग्लोबल इवेंट बनाने में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है. कुंभ-2019 में बतौर नोडल अधिकारी हर एक तैयारी उन्हीं के नेतृत्व में की गई.
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के रूप में भी उन्होंने सीएम योगी के मिशन को धरातल पर उतारा. आज प्रदेश के सभी 75 जनपद खुले में शौच से मुक्त हैं और सबसे ज्यादा शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं, जिसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. 40 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्रदेश में लाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के हर चरण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. जीआईएस से पहले सीएम योगी का संदेश लेकर विभिन्न देशों में गई ‘टीम यूपी’ में मनोज कुमार सिंह प्रमुखता से शामिल थे.
दुर्गाशंकर मिश्र को नहीं मिला विस्तार
इसके अलावा आपको बता दें कि यूपी के मऊ से आने वाले IAS अफसर दुर्गाशंकर मिश्र को चौथी बार सेवा विस्तार नहीं मिल सका, इससे पहले उन्हें तीन बार सेवा विस्तार दिया गया। आज इनका कार्यकाल समाप्त हो गया, दुर्गाशंकर मिश्र को दिसंबर 2021 में रिटायर्ड होने से ठीक पहले सेवा विस्तार देते हुए UP का मुख्य सचिव बनाया गया था।
खास बात यह है कि 2022 में भी उनको सेवा विस्तार देते हुए फिर से मुख्य सचिव बनाया गया था। साल 2023 में उनके कार्यकाल समाप्त होने से पहले लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।
परफॉर्मर
1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को ‘परफॉर्मर’ के तौर पर जाना जाता है. वरिष्ठतम अधिकारियों में से एक के रूप में, उन्होंने अपने व्यापक अनुभव, दक्षता, समर्पण और योग्यता के कारण नौकरशाही में एक शानदार प्रतिष्ठा अर्जित की है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे कार्यकाल में सिंह पर लगातार भरोसा दिखाया है. अक्सर कहा जाता है कि मनोज कुमार सिंह ने योगी के ‘समय पर डिलीवरी’ के मंत्र को पूरी तरह से अपनाया है.
डिलिवर ऑन टाइम
पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव के रूप में मनोज कुमार सिंह ने सीएम योगी के मिशन को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू किया. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने और राज्य में सबसे अधिक शौचालयों के निर्माण में उनके प्रयासों की अहम भूमिका रही. मनोज कुमार सिंह ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हर चरण का नेतृत्व किया, जिससे उत्तर प्रदेश में 40 लाख रुपये से अधिक का निवेश आया. शिखर सम्मेलन से पहले, वह ‘टीम यूपी’ के प्रमुख सदस्य थे, जिसने सीएम योगी के संदेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा की. सिंह ने जीआईएस के मुख्य कार्यक्रम के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.