Hathras Satsang Baghdad Update: CM Yogi reached Hathras to meet the victims, 121 people have died so far
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह हाथरस पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सीएम योगी ने हाथरस पुलिस लाइन में अधिकारियों के साथ एक बैठक कर हालात का जायजा लिया। मंगलवार (2 जुलाई) को हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ की घटना में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अभी 28 लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। रेलवे ने हाथरस जिले में सत्संग में शामिल होने के बाद घर लौटने की कोशिश कर रहे करीब 3,000 लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की है।
सीएम योगी ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और अलीगढ़ के आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।
सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा, “इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
पहला केस दर्ज
मंचीय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सत्संग के प्रवचनकर्ता जब मंच से उतर रहे थे तब उनकी तरफ भक्तों की भीड़ जा रही थी और सेवादारों के रोकने पर वहां भगदड़ मची। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। हालांकि, इसमें ‘भोले बाबा’ का नाम नहीं है।
शिकायत में आरोप लगाया गया, “मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घायल तथा बेहोश लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं तथा सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया। कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। आयोजनकर्ताओं ने मौके पर छूटे लोगों के सामान, कपड़े और जूते-चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर साक्ष्य मिटाये।”
क्या बोले अखिलेश यादव?
हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “यह बहुत दर्दनाक है… जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है… कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं… क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?”
116 लोगों की गई जान
भीड़ प्रबंधन के प्रति लापरवाही के चलते मंगलवार को ब्रज के प्रवेश द्वार हाथरस में हुई एक भीषण घटना में 116 लोगों की हृदयविदारक मृत्यु हो गई। पूरे देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। मरने वालों में 108 महिलाएं, सात बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं।
मौके से फरार हुआ बाबा
यह सन 1954 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रदेश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है। घटना के बाद मौके से निकल कर बाबा देर रात मैनपुरी पहुंच गया। वंचित समाज के लोगों पर भोले बाबा का बड़ा प्रभाव माना जाता है।
सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
गहरा दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंचे
बताया जा रहा है कि इस सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की उपस्थिति की प्रशासनिक अनुमति थी, लेकिन मौके पर डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंच गए। इसके चलते भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था औंधे मुंह हो गई। लोग सड़क किनारे के फिसलन भरे गड्ढे में गिरने लगे। पीछे से भीड़ का दबाव, नदारद भीड़ प्रबंधन और इसके चलते हुई भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया।