Hathras Stampede: Police reached the ashram, ‘Bhole Baba’s’ servants told these things during interrogation in Kanpur
बिधनू। कानपुर के बिधनू करसुई गांव स्थित करीब छह एकड़ जमीन पर बने बाबा नारायण साकार विश्व हरि के आश्रम गुरुवार सुबह पुलिस पड़ताल करने पहुंची। पुलिस को देख पहले आश्रम के सेवादार छिपने लगे। पुलिस के न डरने का भरोसा देने पर सभी सामने आए। पुलिस ने करीब एक घंटे आश्रम का भ्रमण कर पड़ताल की। साथ ही सेवादारों व ग्रामीणों से बाबा के बारे में जानकारी ली। जिसपर सेवादारों ने बाबा के आश्रम कभी नहीं आने की बात बताई।
पुलिस की नौकरी छोड़कर नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा बने सूरज पाल का बिधनू करसुई गांव में भी सम्राज्य फैला रखा है। यहान करीब छह एकड़ जमीन पर आश्रम बना हुआ है। अभी आश्रम का कुछ भाग निर्माणाधीन है। वर्ष 2018-19 में बाबा ने सेवादारों के जरिये यहां जमीन खरीदकर आश्रम का निर्माण कराया था। यहां बाबा ने अपना मंदिर भी बनवा रखा है।
पुलिस को देख छिपने लगे सेवादार
हाथरस घटना के बाद गुरुवार सुबह बिधनू थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह फोर्स संग आश्रम पहुंचे, जहां पुलिस को देख आश्रम के सेवादार छिपने लगे। पुलिस ने उन्हें न डरने का भरोसा दिलाकर सामने आने को बोला। जिसपर सभी आश्रम के बाहर आये। पुलिस ने उनके साथ पूरे आश्रम का भ्रमण किया। इस दौरान पुलिस ने सेवादारों व एकत्र हुए ग्रामीणों से बाबा के बारे में पूछताछ की, जिसपर सेवादार अनिल ने बताया कि बाबा आश्रम बनने के बाद कभी यहां नहीं आए। उनके सत्संगी सेवादार ही अक्सर आकर यहान सत्संग का आयोजन करते रहते हैं।
हर रोज सैकड़ों की संख्या में मत्था टेकने आते हैं भक्त
आश्रम को लेकर जमीन के विवाद की बात पर सेवादार व ग्रामीणों ने किसी भी प्रकार के विवाद से इनकार कर दिया। सेवादारों ने बताया आश्रम में हर रोज सैकड़ों की संख्या में मुराद लेकर भक्त मत्था टेकने आते हैं। साथ ही आसपास गांवों के भक्त आकर यहां सत्संग करते रहते हैं। आश्रम में बनी रसोई हर रोज संचालित होती है। जहां प्रत्येक दिन 200 से 300 भक्त भोजन करते हैं। करीब एक घंटे आश्रम में पड़ताल करने के बाद पुलिस वापस लौट गई।
आश्रम निर्माण के दौरान सेवादारों से हुआ था विवाद
नौबस्ता निवासी मोहित सचान का साल 2021 में आश्रम निर्माण के दौरान सेवादारों के साथ विवाद हुआ था। उनका आरोप था कि आश्रम के नजदीक उनकी जमीन पर भी निर्माण कराया जा रहा था और बदले में आश्रम के पीछे की जमीन दी जा रही थी। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। उसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने पैमाइश कर जमीन अलग-अलग कर विवाद खत्म कराया था।
विवाद के बाद छोड़ दिया था कार्यक्रम
बाबा का 2015 में गल्लामंडी के पास स्थित एक गेस्ट हाउस में सत्संग हुआ था। इस सत्संग के दौरान आयोजक मंडल के सदस्यों में विवाद हो गया, जिसके बाद बाबा सत्संग बीच में छोड़कर चले गए। इसके बाद सजेती में सत्संग हुआ, इसके बाद वे कानपुर नहीं आए। लोगों का कहना है कि भक्तों की संख्या बढ़ने के बाद ही बाबा ने बिधनू में जमीन खरीदकर आश्रम का निर्माण शुरू कराया।
बिधनू में बाबा के आश्रम में के बारे में जानकारी मिली है। इसको लेकर कोई विवाद है या नहीं, कोई रिपोर्ट दर्ज हुई थी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। जांच की जा रही है। ग्रामीणों की समस्याओं का पता चला है, जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इन सवालों का नहीं मिला है जवाब
देर रात 1 घंटे से ज्यादा का वक्त पुलिस का आश्रम में अंदर रुकना कई सवाल खड़े कर गया है. हाथरस भगदड़ कांड के बाद से ही बाबा के आश्रम पर चारों तरफ पुलिस की पहरेदारी है, तो फिर आधी रात में पुलिस कौनसी सुरक्षा का जायजा लेने आई थी? क्या कोई विशेष इनपुट मिला था, जिसके लिए आधी रात में आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था देखने पुलिस अफसर दल बल के साथ गए? पुलिस ने माना कि आश्रम में महिला श्रद्धालु भी थीं, लेकिन पुलिस की टीम में कोई महिला पुलिस कर्मी क्यों नहीं थी? ये कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब पुलिस की ओर से अभी तक नहीं मिला है.