Home Blog Bangladesh Violence: देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू; 300 मौतें… हजारों घायल , आखिर...

Bangladesh Violence: देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू; 300 मौतें… हजारों घायल , आखिर हिंसा की आग में क्यों धधक रहा बांग्लादेश?

0

Bangladesh Violence: Indefinite curfew in the country; 300 deaths… thousands injured, why is Bangladesh burning in the fire of violence?

ढाका। बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 300 लोगों की जान चली गई है। हिंसा में हजारों लोग घायल हुए हैं।
बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही प्रदर्शन को दबाने के लिए देश में इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया गया है। हाईवे और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों पर पुलिस गोली मारने के साथ में आंसू गैस के गोले छोड़ रही है।

Ro.No - 13129/79

स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षण रिजर्व

इन नौकरियां में से 30 फीसदी आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा 10 फीसदी आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए और 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण रिजर्व है। इसके अलावा पांच प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित है।

आरक्षण को लेकर क्या है विवाद?

इसमें भी बांग्लादेश की आरक्षण प्रणालियों में से विवाद 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को दिए गए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है, जो शेख हसीना सरकार का समर्थन करते हैं। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही हैं।

पिछले महीने हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए

बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण की कोटा प्रणाली को लेकर पिछले महीने हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जैसे-जैसे यह प्रदर्शन तेज होता गया, सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया, जिसमें से 3 प्रतिशत सेनानियों के रिश्तेदारों को दिया गया।

प्रदर्शनकारियों की पुलिस से 20 जिलों में झड़प

छात्र देश में असहयोग अभियान चला रहे हैं। रविवार को पुलिस बलों और प्रदर्शनकारियों की कम से कम 20 जिलों में झड़प हुई। प्रदर्शनकारी लगातार प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाए रखना चाहते हैं।

क्या है प्रदर्शनकारियों की डिमांड?

बांग्लादेश(Bangladesh)में हाल ही में सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर विवाद संभावित हो गया है, जिसके कारण देशव्यापी हिंसा की घटनाएं फैल गई हैं। यहां आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों और समर्थकों के बीच टकराव हो रहा है। बांग्लादेश (Bangladesh)में सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण का प्रावधान है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवार के लिए विशेष आरक्षण शामिल है।इस विवाद के बारे में जानकारी देने वाले समाचारों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप है कि आरक्षण प्रणाली में अन्यायपूर्णता है और यह उनके संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।

वे आरक्षण के प्रति विरोध प्रकट करके सरकार से उसकी समाप्ति और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।इस समय, बांग्लादेश में हालात बहुत तनावपूर्ण हैं और शांति स्थिति को बनाए रखने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जैसे कि कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाना। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसात्मक संघर्ष भी रिपोर्ट किए गए हैं, जिसमें कई लोगों की मौत और घायल होने की खबरें हैं।

जानें क्या है आरक्षण विवाद?

बांग्लादेश (Bangladesh)में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप है कि सरकार द्वारा दी गई 30% आरक्षण, जो स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवार वालों के लिए है, उसमें अन्यायपूर्णता है। उनका कहना है कि इस आरक्षण के चलते मेरिट के आधार पर नौकरियां देने में बाधा उत्पन्न हो रही है और यह सिस्टम उनके भविष्य को उजाड़ रहा है।

इस विवाद के संबंध में छात्रों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार इस आरक्षण प्रणाली का समर्थन कर रही है, जिससे वे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवारों के समर्थन में दिखाई दे रही हैं। इसके बजाय, वे मांग कर रहे हैं कि सरकार को मेरिट और समानता के सिद्धांत पर नौकरियां प्रदान करनी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here