मुंगेली जिला से हरजीत भास्कर की रिपोर्ट
मुंगेली – लोरमी-अचानकमार टाईगर रिजर्व के वनग्राम छपरवा में तड़के सुबह एक बाघ ने भैंस व उसके बच्चे पर हमला कर दिया जिससे दोनो की मौत हो गई। घटना बुड़वा नाला की है जहां पर साटा पानी बीट 189-190 में हुआ है। भैंस के मालिक छपरवा सरपंच मनोज यादव ने इसकी सूचना एटीआर प्रबंधन को दी जिससे मौके पर एसडीओ, रेजर सहित सहायक परिक्षेत्राधिकारी ने मौके पर देखा तो बाघ के काफी मात्रा में पगमार्क मिले है। पीड़ीत सरपंच ने मुआवजे की मांग की है। ज्ञात हो कि अचानकमार टाईगर रिजर्व में लगातार बाघो के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में प्रयास किऐ जा रहे है, कुछ दिन पहले हुऐ बाघो की गणना में एटीआर में 10 से अधिक बाघ होने की पुष्टि हुआ था, संरक्षित वन क्षेत्रो में लगातार हो रहे प्रयास के चलते अब बाघ आबादी क्षेत्रो में पहुच कर मवेशियों को अपना निशाना बना रहे है। छपरवा के साटा पानी बीट 189-190 में घटना घटित हुई है वहां पर अनेको पगमार्क मिले है जिससे आंशका जताई जा रही है कि एक से अधिक बाघ हो सकते है। अधिकारियों के द्वारा घटना स्थल पर ट्रैप कैमरे लगाये गऐ है।
914 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है एटीआर- मनोरम, नैसर्गिक, नयनाभिराम सौंदर्य से समृद्ध अचानकमार टाइगर रिजर्व सतपुड़ा के लगभग 914 वर्ग किमी के एक क्षेत्र पर विशाल पहाड़ियों के मैकल रेंज में साल, बांस और सागौन के साथ अन्य वनस्पतियों को समाहित किया हुआ है। अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया। अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव एवं 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजीतियों के पक्षी देखे जा सकते हैं