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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रायगढ़ द्वारा विजयादशमी उत्सव का आयोजन, पथ संचलन और शस्त्र पूजन

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Organizing Vijayadashmi festival, procession and weapon worship by Rashtriya Swayamsevak Sangh Raigarh

रायगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) रायगढ़ नगर द्वारा आगामी 6 अक्टूबर 2024 को विजयादशमी उत्सव मनाया जाएगा। यह उत्सव संघ के स्थापना दिवस का प्रतीक भी है, जो सन 1925 में विजयादशमी के दिन ही स्थापित हुआ था। इस वर्ष संघ अपनी 99वीं वर्षगांठ पूरी कर रहा है और शताब्दी की ओर अग्रसर है। विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और इस अवसर पर रायगढ़ नगर के स्वयंसेवक पारंपरिक शस्त्र पूजन और पथ संचलन का आयोजन करेंगे। संघ की ओर से अपील की गई है कि लोग इस पवित्र अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर संघ के इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आयोजन का हिस्सा बनें।

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शताब्दी की ओर अग्रसर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में विजयादशमी के दिन की गई थी। तब से लेकर संघ ने समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण और सांस्कृतिक संगठन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 99 वर्षों की इस यात्रा में संघ ने विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्यों का संचालन करते हुए समाज को एकजुट करने का प्रयास किया है। विजयादशमी का यह पर्व संघ के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन संघ के स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

विजयादशमी: शस्त्र पूजन और पथ संचलन

हर वर्ष की तरह इस बार भी विजयादशमी उत्सव में संघ के स्वयंसेवक परंपरागत रूप से शस्त्र पूजन करेंगे और नगर में पथ संचलन का आयोजन करेंगे। शस्त्र पूजन का संघ में विशेष महत्व है, क्योंकि यह शक्ति और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में पूजित होते हैं। इसके बाद स्वयंसेवक अनुशासित रूप से पथ संचलन करेंगे, जो कि एकता और समरसता का प्रतीक है।

इस पथ संचलन में स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाते हुए नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरेंगे, जो समाज में एकता और अनुशासन का संदेश फैलाएगा। इस संचलन का मुख्य उद्देश्य समाज में संगठन, अनुशासन और सेवा भाव को बढ़ावा देना है। संचलन के दौरान लोगों के बीच देशभक्ति, एकता और समाज के प्रति कर्तव्य की भावना जाग्रत की जाती है।

रामलीला मैदान में होगा मुख्य आयोजन

इस वर्ष का मुख्य आयोजन रायगढ़ नगर के रामलीला मैदान में 6 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से होगा। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के द्वारा राष्ट्र निर्माण, सामाजिक एकता और संगठन की महत्ता पर चर्चा की जाएगी। स्वयंसेवकों के अलावा नगर के गणमान्य नागरिक, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और आम जनता भी इस उत्सव में शामिल होंगे।

विजयादशमी: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज में एकजुटता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों का कितना महत्व है। संघ के पथ संचलन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन और सेवा के भाव को अपनाता है, तो समाज को संगठित और समरस बनाया जा सकता है। इस संचलन का उद्देश्य सभी लोगों के हृदय में एकता और संगठन की भावना उत्पन्न करना है, ताकि समाज में आपसी सहयोग और सेवा का माहौल बन सके। विजयादशमी का यह पर्व संघ के कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपने कर्तव्यों को पुनः स्मरण कर राष्ट्र सेवा की दिशा में और भी सशक्त होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

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