Checkup and treatment is available completely free in government hospitals
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन से जिले के टीबी मरीजों को मिल रहा बेहतर इलाज
कार्यक्रम का लाभ लेेकर अब तक 16 हजार 676 मरीज पूर्ण रूप से हुए स्वस्थ
रायगढ़ / कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं सीएमएचओ डॉ. बी.के.चंद्रवंशी के मार्गदर्शन में जिले में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम का सफल संचालन किया जा रहा है। जिसके सीधा लाभ टीबी मरीजों को मिलता दिखाई दे रहा है, जिसके कारण आज हजारों लोग स्वास्थ्य विभाग के बेहतर इलाज एवं मॉनिटरिंग के पश्चात आज टीबी मुक्त हो चुके है।
ऐसी ही कहानी रायगढ़ के धनेश्वर जिनकी तबीयत पूर्व वर्षो अचानक से खराब होने लगी, कई जगह डॉक्टरों से ईलाज कराने पर भी इनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था। परिजन की सलाह पर उन्होंने मितानिन के माध्यम से जिला चिकित्सालय रायगढ़ में स्थित जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र में अपने बलगम की जॉच कराई गई। जिसमें टी.बी. मरीज के रूप में पुष्टि हुई। टीबी मरीज की पुष्टि उपरांत जिला अस्पताल से ही इनकी टी.बी. की दवा प्रारंभ की गई जो कि इनको पूर्णत: नि:शुल्क 06 माह तक उपलब्ध कराया गया तथा दवा के साथ-साथ इनको निरंतर प्रत्येक माह पोषण आहार के रूप में फुड बास्केट भी उपलब्ध कराया गया। वहीं शासन द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत प्रति माह 500 रुपए सीधे इनके बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से प्रदान किया गया। उनके द्वारा टीबी की दवा के नियमित सेवन एवं दवा पूर्ण होने के उपरांत इनका जॉच परिणाम टीबी निगेटिव पाया गया। आज धनेश्वर पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं टीबी चैम्पियन के रूप में कार्यक्रम से जुड़कर तथा डाट्स की दवा एवं उपचार के संबंध में जनजागरूकता का कार्य भी कर रहे है।
इसी प्रकार माधुरी को काफी दिनों से खांसी की शिकायत थी। जिसके पश्चात उन्होंने विकासखण्ड घरघोड़ा के सामु.स्वा.केन्द्र घरघोड़ा में नि:शुल्क बलगम जॉच, खून जॉच एवं एक्स-रे कराया गया, जॉच उपरांत टीबी की पुष्टि हुई। पुष्टि उपरांत सामु.स्वा.केन्द्र घरघोड़ा से ही इनकी टीबी की दवा प्रारंभ की गई जो कि उन्हें 06 माह तक पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया तथा दवा के साथ-साथ इनको निरंतर प्रत्येक माह पोषण आहार के रूप में फुड बास्केट भी उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही शासन के योजनांतर्गत प्रत्येक माह 500 रुपए बैंक खाते में डीबीटी के में माध्यम से प्रदान किया गया। टीबी की दवा पूर्ण करने के पश्चात आज माधुरी का टीबी निगेटिव पाया गया साथ ही आज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
उल्लेखनीय है कि टीबी मरीजों को द्वारा टीबी का ईलाज निजी चिकित्सालय में कराए जाने पर हजारों रूपयें का खर्च करना पड़ता है जबकि जॉच एवं उपचार शासकीय संस्था में पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध है। वही शासन की राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गाईडलाईन अनुसार सभी संदेहास्पद मरीजों को नि:शुल्क उच्च तकनीक के द्वारा जॉच कर टीबी की पुष्टि होने पर उचित एवं नियमानुसार उपचार कर रोगमुक्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत पंजीकृत टीबी मरीजों को उपचार के दौरान प्रतिमाह अतिरिक्त पोषण के रूप में फुड बास्केट एवं निक्षय पोषण योजना अंतर्गत 500 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदाय किया जाता था जो नवम्बर 2024 से 01 हजार रुपये हो चुका है। ट्रायबल एवं पहाड़ी क्षेत्र के टीबी मरीजों को यात्रा भत्ता के रूप में यात्रा भत्ता के रूप में 750 रुपए प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2017 से अब तक 16 हजार 676 मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ्य एवं लाभान्वित हो चुके है।