Chhattisgarh government is farmer friendly and encouraged towards agriculture and organic farming
जनादेश परब : किसान सम्मेलन सह कृषि मेला में किसानों को दी गई योजनाओं की जानकारी
रायपुर / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर राजनांदगांव के नवीन कृषि उपज मंडी परिसर बसंतपुर में जनादेश परब के उपलक्ष्य में कृषि विभाग द्वारा किसान सम्मेलन सह कृषि मेला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश, “विष्णु की पाती”, किसानों को भेंट की गई, जिसे पाकर किसानों ने प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की हितैषी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए धान खरीदी, बोनस वितरण, कृषक उन्नति योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करके इसका लाभ राज्य के किसानों को दिलाया है। उन्होंने किसानों को जल संरक्षण और जैविक खेती को अपनाने की अपील की।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि खेती-किसानी को अधिक फायदेमंद बनाने के लिए फसल विविधीकरण और सामूहिक खेती को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा देने और जल संरक्षण के प्रयासों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। दिनों-दिन गिरते जा रहे भू-जल स्तर को बचाने के लिए उन्होंने बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए डबरी, तालाब एवं अन्य जल संरचनाओं के निर्माण पर जोर दिया।
गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले में कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 1,23,121 किसानों को 642 करोड़ 15 लाख 30 हजार रुपये का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से वर्ष 2024 में जिले के 1,19,853 किसानों को 75 करोड़ 87 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 17 हजार से अधिक आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन और सहकारिता विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को जैविक खेती, पोषक अनाज, उद्यानिकी फसलों और सहकारी समितियों से जुड़ने के लाभों की जानकारी दी। किसानों को फसल बीमा कराने, सामूहिक खेती और उच्च लाभकारी फसलों को अपनाने की सलाह दी गई। लघु धान्य फसलों से बने पोषक उत्पाद जैसे रागी, कोदो, बाजरा के लड्डू और अन्य जैविक खाद्य पदार्थ आकर्षण का केंद्र रहे। किसानों को मत्स्य पालन और उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए जागरूक किया गया। हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत सामग्री का वितरण किया गया।