30 children participants from Narayanpur district of Chhattisgarh had a wonderful experience of visiting Mumbai
नारायणपुर – नेहरू युवा केंद्र संगठन और भारत सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी बच्चों को देश के बड़े शहरों में भ्रमण कराने का उद्देश्य उन्हें देश के विकास और विविधता से परिचित कराना है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से 30 प्रतिभागियों ने मुंबई का दौरा कर लौटने के बाद अद्भुत अनुभव साझा किया।
शिविर का उद्देश्य और समयावधि
यह विशेष शिविर मुंबई में 12 दिसंबर से 18 दिसंबर तक आयोजित किया गया था। इसमें न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि उड़ीसा जैसे राज्यों के प्रतिभागियों ने भी भाग लिया। कुल 250 से अधिक प्रतिभागियों ने इस शिविर में हिस्सा लेकर अपने जीवन के लिए नई प्रेरणाएं अर्जित की।
संस्कृति और प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन
नारायणपुर जिले के बच्चों ने अपनी संस्कृति को प्रस्तुत कर मुंबई जैसे मंच पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।
भाषण प्रतियोगिता:
नारायणपुर जिले के हर्ष कुमार ने भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर पूरे जिले का मान बढ़ाया। उनके अलावा बिरू सलाम ने भी तृतीय स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
डांस प्रतियोगिता:
डांस प्रतियोगिता में भी नारायणपुर के बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और जिले को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
भ्रमण के दौरान अनुभव:
इस शिविर में बच्चों ने मुंबई के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दौरा किया। उन्होंने गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, जुहू बीच, और सिद्धिविनायक मंदिर जैसे स्थलों पर जाकर महानगर की जिंदगी को करीब से समझा।
शिक्षाप्रद यात्रा:
यह भ्रमण नारायणपुर के बच्चों के लिए न केवल यादगार रहा, बल्कि उनके जीवन को नई दिशा देने वाला भी साबित हुआ।
उन्होंने आत्मविश्वास, टीम वर्क और जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने की प्रेरणा प्राप्त की।
शिविर के माध्यम से उन्होंने यह सीखा कि बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत और दृढ़संकल्प जरूरी है।
माओवाद प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए उम्मीद की किरण
माओवाद प्रभावित क्षेत्रों से आकर देश के सबसे बड़े शहरों में अपनी संस्कृति और प्रतिभा का प्रदर्शन करना इन बच्चों के लिए एक नई शुरुआत है। यह अनुभव उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
नेहरू युवा केंद्र और भारत सरकार की यह पहल इन बच्चों के लिए शिक्षा, जागरूकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।