नई दिल्ली (विश्व परिवार)। देश-दुनिया में लोकप्रिय हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, भारत की अध्यक्षता में जी20 के आयोजन ने समग्र विकास की स्वर्णिम रेखा खींची है। वैश्विक कल्याण के लिए भारत के दृष्टिकोण की विश्व आज सराहना कर रहा है। भारतीय अध्यक्षता में जी20 का आयोजन ऐतिहासिक बन गया है। इस वृहद आयोजन के दौरान जी20 के कृषि कार्य समूह (एडब्ल्यूजी) की बैठकें भी देश के कुछ प्रमुख शहरों में आयोजित की गई, जिनमें कृषि वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों तथा आला अधिकारियों के साथ ही जी20 के सदस्य व विशेष आमंत्रित देशों के कृषि मंत्रियों ने शिरकत करके इस जी20 आयोजन की थीम “एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य” की दिल खोलकर प्रशंसा करने के साथ ही समूचे कृषि परिदृश्य को किसानों-कृषि क्षेत्र की भलाई के लिए सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई व इस पर आगे मिल-जुलकर काम करते रहने का संकल्प व्यक्त किया है।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय, दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करने वाली कृषि मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार और संवर्धन, न केवल खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए बल्कि भारत जैसे विकासशील देशों में गरीबी को कम करने के लिए भी एक सशक्त कार्यनीति है। अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में विकास की तरह, कृषि विस्तार में ग्रामीण गरीबी से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता है। परिणामत:, विकासशील देशों में विकास, आर्थिक उन्नति और कृषि मूल्य श्रृंखलाओं के सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता देना किसानों के सामने आने वाली सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के समाधान के लिए सबसे प्रभावशाली उपागमों में से एक साबित हो सकता है। कुशलतापूर्वक संचालित कृषि मूल्य श्रृंखला छोटे पैमाने के किसानों को आवश्यक हितधारकों एवं उन्नत प्रक्रियाओं से जोड़ती है। यह उन्हें अन्य लाभों के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, अत्याधुनिक तकनीक, कड़े गुणवत्ता मानकों, सुविधाजनक ऋण विकल्प और प्रसंस्करण तथा बाजार के अवसरों के लिंक तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।
इसे समझते हुए, भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत कृषि कार्य समूह के तत्वावधान में चर्चा के लिए उप-विषयों में से एक के रूप में समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणालियों को चुना। चर्चा छोटे व सीमांत किसानों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से अवसंरचना को मजबूत करने, प्रौद्योगिकी साझाकरण और निवेश के माध्यम से मूल्य श्रृंखलाओं की लचीलापन और दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित थी। भारत की अध्यक्षता इस संबंध में हुई यह पहल एक मील के पत्थर के रूप में है। जी20 देशों ने ऐसे स्केलेबल समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जो सतत खाद्य प्रणालियों की दिशा में परिवर्तन का समर्थन करते हैं। जी20 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने टिकाऊ और मजबूत खाद्य प्रणाली स्थापित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया । उन्होंने स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ाने और विविधीकरण का आह्वान किया, जिसका लक्ष्य भोजन, कृषि इनपुट और उत्पादों तक किफायती पहुंच की सुविधा प्रदान करना है। कृषि कार्य समूह ने बाजार में सुधार लाने, व्यापार विश्वास बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा एवं पोषण का समर्थन करने के लिए कृषि-खाद्य व्यापार के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए एक बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के महत्व को भी पहचाना।
इसके अलावा, विश्व स्तर पर फसलों से लेकर खुदरा बिक्री तक खाद्य की एक महत्वपूर्ण मात्रा नष्ट हो जाती है, जिससे भोजन की हानि और बर्बादी की रोकथाम बिना किसी अतिरिक्त संसाधन लागत के अतिरिक्त उत्पादन करने के समान हो जाती है। भोजन की हानि और बर्बादी का समाधान करना एक गंभीर मुद्दा है, जिससे कमियों को दूर करने की दिशा में एक उत्तरदायी प्रतिबद्धता की भावना आती है। जी20 देशों ने किसानों, सरकारों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, शिक्षाविदों और विकास भागीदारों जैसे हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर व प्रशिक्षण, वित्त तक बेहतर पहुंच एवं बेहतर बाजार कनेक्शन के माध्यम से छोटे किसानों का सहयोग करके खाद्य हानि एवं अपशिष्ट में कमी को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध किया है। उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, ज्ञान साझा करके, जागरूकता बढ़ाकर, समर्थन मांगकर और देशों में सर्वोत्तम परिपाटियों का आदान-प्रदान करके संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में भोजन की हानि और बर्बादी को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को लचीला और सतत बनाने तथा जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इसके लाभों का उपयोग करने हेतु यह आवश्यक है कि छोटे किसानों, महिलाओं, युवाओं और स्वदेशी लोगों को श्रृंखला में शामिल किया जाएं। जी20 इन समूहों को कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं में सशक्त बनाने और एकीकृत करने, लैंगिक असमानताओं को दूर करने तथा किसान संगठनों, कृषि में महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने व उद्यमियों के रूप में युवाओं को शामिल करने जैसी पहलों के माध्यम से मितव्ययिता हासिल करने के लिए समावेशी एवं विविध उपागमों को बढ़ावा देने पर सहमत हुआ है । यह समूह सूचना प्रसार को सुविधाजनक बनाने, नवाचारों को बढ़ावा देने तथा उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों एवं परिपाटियों को स्थायी रूप से अपनाने को बढ़ावा देने के लिए क्षमता विकास, प्रशिक्षण व विस्तार सेवाओं के लिए भी सहायता प्रदान करेगा।
जी20 के कृषि कार्य समूह की ये उपलब्धियां कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को समावेशी, सतत और अनुकूल बनाने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करेगी और जनसामान्य की खाद्य सुरक्षा एवं पोषण और करोड़ों किसानों की आर्थिक समृद्धि के व्यापक लक्ष्य को भी निश्चित रूप से प्राप्त करेगी ।