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जनेऊ संस्कार के साथ ब्राह्मणों का जीवन के प्रति उद्देश्य स्पष्ट होता है- अरुण पंडा

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With the sacred thread ceremony, the purpose of Brahmins’ life becomes clear – Arun Panda

घरघोड़ा समाजिक ब्रतोपनयन में 9 बटुकों ने ली ब्राह्मणत्व की दीक्षा

Ro.No - 13207/159

तहसील अध्यक्ष भारत पंडा और युवा टीम रही बधाई के पात्र

रायगढ़ जगन्नाथ भवन घरघोड़ा में उत्कल ब्राह्मण समाज घरघोड़ा तहसील के द्वारा रामनवमी के पावन पर्व पर 9 बटुकों का ब्रतोपनयन संस्कार किया गया जिसमे जिले भर के विप्रजन उपस्थित होकर बटुकों को शुभाशीर्वाद प्रदान किये। जिलाध्यक्ष अरुण पंडा ने बताया कि जनेऊ संस्कार के साथ हम ब्राह्मणों का जीवन के प्रति उद्देश्य स्पष्ट होता है.
उपनयन संस्कार जीवन का श्रेष्ठ क्रम है जो बटुक के जीवन को संवारता है,जनेऊ का यह धागा, मात्र धागा ना होकर आध्यात्मिकता, पवित्रता, शुद्धता, और निर्मलता का प्रतीक है, यह संस्कार जीवन को सात्विक और पवित्र बनाता है।ब्रतोपनयन संस्कार के साथ जीवन का एक नया अध्याय शुरू होता है एक अध्याय जो ज्ञान, विज्ञान, और आध्यात्मिकता से भरा होता है वही यह संस्कार जीवन को एक नई दिशा प्रदान करता है ।
विदित हो कि उत्कल ब्राह्मण समाज घरघोड़ा तहसील के तत्वाधान में उपनयन संस्कार का शुभारंभ 5 अप्रेल को महाप्रभु जगन्नाथ जी को स्मरण कर बेदी पूजा के साथ किया गया । मुख्यआचार्य दयानन्द पंडा के प्रभावी वेदमंत्रोचार की ध्वनि उस पर संचालनकर्ता अक्षय होता द्वारा महिलाओं से हुलहुली का आह्वान करता हुआ प्रतिध्वनि! उप आचार्य अभय चरण पंडा के बटुकों को श्लोकों के मध्य मार्गदर्शन इन सबके मध्य राधेश्याम मिश्रा का संगीतमय वातावरण, एक भेषभूषा में खूबसूरत लग रहे नौ बटुकों का उपाचार्यों के समक्ष अपने माता पिता मामा मामी के साथ बेदी की शोभा,वहाँ उपस्थितों के लिये अविस्मरणीय कर गया।

सामूहिक ब्रतोपनयन संस्कार में नौ उत्कल ब्राह्मण बच्चों को हजारों सामाजिक लोगों के उपस्थिति में विधि विधान के साथ मंत्रोचार के मध्य जनेऊ धारण करवाया गया साथ ही पांच अप्रेल की रात्रि समाज का सांस्कृतिक कार्यक्रम में छोटे, नन्हें बच्चो का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा, साथ में स्वादिस्ट भोजन, जलपान समयबद्ध तरिके से सहजता के साथ उपलब्ध रहा,वही 6 अप्रेल रामनवमी पर बटुकों समेत विप्रजनों ने भव्य शोभायात्रा निकाली।
ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष अरुण पंडा ने बताया कि

उपनयन संस्कार जीवन का श्रेष्ठ क्रम है जो बटुक के जीवन को संवरता है।जनेऊ का यह धागा, मात्र धागा ना होकर आध्यात्मिकता, पवित्रता, शुद्धता, और निर्मलता का प्रतीक है, यह संस्कार जीवन को सात्विक और पवित्र बनाता है।ब्रतोपनयन संस्कार के साथ,जीवन का एक नया अध्याय शुरू होता है,एक अध्याय जो ज्ञान, विज्ञान, और आध्यात्मिकता से भरा होता है।यह संस्कार जीवन को एक नई दिशा देता है,एक ऐसा दिशा जो जीवन को सार्थक और सफल बनाता है।जनेऊ संस्कार के साथ हम ब्राह्मणों का जीवन के प्रति उद्देश्य स्पष्ट होता है. और ऐसे महत्वपूर्ण संस्कार को सामाजिक सरोकार से जोड़कर घरघोड़ा तहसील उत्कल ब्राह्मण समाज ने अपने सामाजिक दायित्व को बेहतर से बेहतरीन किया है वही

कार्यक्रम के सुब्यवस्थित संचालन हेतु ब्रतोपनयन समिति बनाकर राहुल पंडा, विद्याधर देवता, प्रवीण शर्मा, मनोज सतपथी जैसे ऊर्जावान युवाओं के कंधों पर भार सौंपा,जिसे इन युवाओं ने पुरे जिले के युवाओं को साथ लेकर शानदार तरिके से अपने कर्तब्यों का निर्वहन किया जो निःसंदेह बधाई के पात्र हैं,साथ ही विजया पंडा की अगुवाई में घरघोड़ा महिला समिति का सेवाभाव उल्लेखनीय रहा, महिलाओं द्वारा किया गया समुचित ब्यवस्था की प्रशंसनीय है साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने दोनो दिन सदैव की भांति सुशील होता, दुष्यन्त पंडा, देवेंद्र पंडा, अम्बिका पंडा, राजेंद्र शर्मा, युधिष्ठिर पंडा सहित अनेक वरिष्ठ जनों के निरंतर परिश्रम से कार्यक्रम शानदार रहा।
उत्कल ब्राह्मण समाज के महासचिव सत्यदेव शर्मा ने कार्यक्रम की भव्यता और व्यवस्था को देखते हुए आयोजन समिति को हृदयतल से साधुवाद दिया ।

कार्यक्रम में पुरे समय जिला उत्कल ब्राह्मण विकास संगठन एवं कल्याण समिति के संरक्षक गण, जिलाअध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष गण, जिला सचिव, जिला कोषाध्यक्ष,सहित अन्य तहसीलों के अध्यक्ष पदाधिकारीयों के उपस्थिति में घरघोड़ा तहसील उत्कल ब्राह्मण समाज द्वारा सम्पन्न सामाजिक ब्रतोपनयन संस्कार ऐतिहासिक यादों के साथ निर्विघ्न रूप से समापन हुआ.घरघोड़ा तहसील अध्यक्ष भारत पंडा के अध्यक्ष बनने पश्चात प्रथम आयोजन उनके और उनकी टीम के अथक मेहनत से सफल रहा।

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