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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: CJI बोले- बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाने वाले ऑफिसर पर चले मुकदमा, SC ने मंगाए सभी रिकॉर्ड

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Chandigarh Mayor Election: CJI said – Case should be filed against the officer who put cross on the ballot paper, SC asked for all the records

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. दोनों दलों ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव अधिकारी का वायरल हुआ वीडियो सबूत के तौर पर शीर्ष अदालत में पेश किया था, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी पर भड़क गए थे. कोर्ट में आज उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था.

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सुप्रीम कोर्ट में आज पेश हुए रिटर्निंग ऑफिस अनिल मसीह से बेंच ने पूछा कि क्या उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था या नहीं. इस बात को रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने कुबूल किया कि उन्होंने ऐसा किया था क्योंकि आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आ कर बैलेट पेपर ले कर फाड़ा और भागे थे. इसपर बेंच ने पूछा लेकिन आफ क्रॉस क्यों लगाया था, तो अनिल मसीह ने कहा कि वे पेपर पर निशान देने की कोशिश कर रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से पूछा कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे? इस पर मसीह ने कहा कि वहां बहुत शोर हो रहा था. पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे. तभी मैंने उधर देखा कि क्या बात है.

अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सीजेआई ने अनिल मसीह से सवाल किया कि आप बैलट पेपर खराब क्यों कर रहे थे? इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मैं साइन कर रहा था. इस पर सीजेआई ने फिर कहा कि लेकिन आप मार्क भी लगाते दिख रहे थे. जिस पर मसीह ने कहा कि जिन पेपर में पहले से खराबी की गई थी. उन पर मैंने निशानी बनाई.

इस जवाब पर डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था. आप पर मुकदमा चलना चाहिए. सीजेआई ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को निर्देश देंगे कि वह एक निष्पक्ष निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करे. नए सिरे से चुनाव हो. निगरानी के लिए एक न्यायिक अधिकारी की भी नियुक्ति हो.

कितने बैलेट पेपर और पार्षद हैं: सीजेआई
इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अदालत में याचिका दोबारा चुनाव कराने के लिए दायर की गई थी। सीजेआई ने पूछा कि हमारे पास कितने मतपत्र हैं? याचिकाकर्ता ने बताया 36। फिर सीजेआई ने पूछा कि कितने पार्षद हैं? याचिकाकर्ता ने बताया कि 35 पार्षद और एक सांसद हैं, जिनके पास निर्णायक वोट है। सीजेआई ने पूछा कि क्या सभी 36 मतपत्र मौजूद हैं? याचिकाकर्ता ने कहा, हां। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस बात का डर पहले से था कि इससे विधायकों की खरीद-फरोख्त होने वाली है और अब वही हुआ है।

सीजेआई ने पूछे नियम
सीजेआई ने पूछा कि क्या बैलेट पेपर से यह पता लगाना संभव है कि निशानों की अनदेखी करके किसे वोट दिया गया? याचिकाकर्ता ने हां में जवाब दिया। सीजेआई ने इससे जुड़े नियमों के बारे में जानकारी ली। याचिकाकर्ता ने बताया कि अगर कोई सदस्य एक से अधिक उम्मीदवारों के लिए वोट करता है या यदि आप मतदाता की पहचान करने वाला कोई निशान छोड़ते हैं या यदि वोटों को इंगित करने वाले निशान यह संदिग्ध बनाते हैं कि वोट किसे दिए गए हैं…तो इस मामले में मतपत्र अमान्य होगा। इस मामले में ये तीनों शर्तें नहीं हैं।

दलबदल को लेकर जताई चिंता
डीवाई चंद्रचूड़ ने इस दौरान अनिल मसीह को मंगलवार को होने वाली सुनवाई के दौरान भी मौजूद रहने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि वहां दलबदल की घटनाएं हो रही हैं. चुनाव भी जल्द होना जरूरी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले 18 फरवरी की देर रात चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.

सीजेआई ने कहा कि आप कह रहे हैं कि जहां चरण पहुंच चुका है वहां से आगे बढ़ें, वोटों की गिनती करने और नतीजे घोषित करने के लिए एक नया रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करें? याचिकाकर्ता ने हां जवाब दिया। सीनियर वकील मनिंदर सिंह (प्रतिवादी) बोले, ऐसा नहीं है कि याचिकाकर्ता जो कह रहे हैं नियम इसकी इजाजत नहीं देते। सीजेआई ने पूछा रिटर्निंग ऑफिसर कहां है? उन्हें अदालत के सामने आने को कहें.

इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर मसीह पेश हुए। सीजेआई ने कहा मसीह, मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं। यदि आप सच नहीं बोलेंगे तो आप पर मुकदमा चलाया जाएगा। यह एक गंभीर मामला है। हमने वीडियो देखा है, आप बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाते हुए कैमरे की ओर देखकर क्या कर रहे थे? आप निशान क्यों लगा रहे थे? मसीह ने जवाब दिया कि चुनाव के बाद मुझे बैलेट पेपपर चिन्ह लगाना था, जो विकृत हो गए थे, उन्हें अलग करना पड़ा.. सीजेआई ने कहा वीडियो से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आप कुछ बैलेट पेपर पर क्रॉस का निशान लगा रहे थे। क्या आपने कुछ मतपत्रों पर X चिह्न लगाए हैं? मसीह ने इसका जवाब हां दिया। CJI ने पूछा कि कितने मतपत्रों पर निशान लगाए गए? मसीह ने बताया 8।
सीजेआई ने पूछा कि वो बैलेट पेपर को खराब क्यों कर रहे थे? आपको केवल कागजात पर हस्ताक्षर करने थे। नियमों में यह कहां प्रावधान है कि आप मतपत्रों में अन्य चिह्न लगा सकते हैं। मसीह ने बताया कि बैलेट पेपर को उम्मीदवारों ने विकृत कर दिया, छीन लिया और नष्ट कर दिया… सीजेआई ने सॉलिसिटर से कहा कि उस पर मुकदमा चलाना होगा, वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। मसीह ने कहा कि वह मतदाताओं द्वारा खराब किए गए बैलेट पेपर को अलग से चिह्नित कर रहे हैं, ताकि उनमें गड़बड़ी न हो।

सीजेआई ने कहा हम ऐसा करने का क्या प्रस्ताव रखते हैं। हम उपायुक्त को एक नया रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देंगे, जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो। प्रक्रिया को उस चरण से तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जाएगा जहां यह परिणाम घोषित होने से पहले रुकी थी। सीजेआई ने आगे कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा लगाए गए किसी भी निशान को नजरअंदाज करते हुए नतीजे घोषित किए जाएं। इस प्रक्रिया की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक रूप से की जानी चाहिए।

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