What instructions did the court give in the VVPAT case? Appeal for verification of ‘micro controller’ to be made within 7 days
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 26 अप्रैल को EVM-VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दी थीं. अदालत ने इसके साथ ही VVPAT को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission)को कुछ बदलाव करने के आदेश दिए थे. अब चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल करते हुए सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) की हैंडलिंग और लोडिंग के साथ स्टोरेज के लिए प्रोटोकॉल में कुछ बदलाव किया है. चुनाव आयोग ने बुधवार (1 मई) को इसकी जानकारी दी.
चुनाव आयोग के प्रेस नोट में बताया गया कि सभी CEO को निर्देश दे दिए गए हैं कि वो नए प्रोटोकॉल्स को लागू कराने के लिए वे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रावधानों को बनवाएं. SLU मेमोरी यूनिट है, जिससे जरिए किसी खास सीट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवाकों के नाम और उनकी पार्टी का सिंबल VVPAT या पेपर ट्रेल मशीनों पर अपलोड किया जाता है.
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VVPAT मामले में अदालत ने दिए कौन से निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में चिह्न ‘लोड’ करने वाली स्टोर यूनिट्स को 45 दिनों के लिए ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ में सुरक्षित करने के निर्देश दिए. चूंकि कोई भी व्यक्ति परिणाम की घोषणा के 45 दिनों के अंदर निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकता है, इसलिए EVM और पर्चियां 45 दिनों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं, ताकि अदालत द्वारा रिकार्ड मांगे जाने पर उसे उपलब्ध कराया जा सके.
7 दिनों के अंदर करनी होगी ‘माइक्रो कंट्रोलर’ के वेरिफिकेशन की अपील
शीर्ष अदालत ने EVM निर्माताओं के इंजीनियरों को यह अनुमति दी कि वे परिणाम घोषित होने के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर मशीन के ‘माइक्रो कंट्रोलर’ को सत्यापित कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘माइक्रो कंट्रोलर’ के वेरिफिकेशन के लिए अपील नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले फीस देनी होगी. बेंच ने कहा, “अगर वेरिफिकेशन के दौरान यह पाया गया कि EVM से छेड़छाड़ की गई है, तो उम्मीदवार द्वारा दी गई फीस लौटा दी जाएगी.”
7 फेज में हो रहा चुनाव
बता दें कि लोकसभा चुनाव सात चरण में हो रहे हैं. पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को हो चुकी है. 7 मई को तीसरे फेज की वोटिंग होगी. 13 मई को चौथे दौर की वोटिंग है. पांचवें दौर की वोटिंग 20 मई को होगी. छठें दौर की वोटिंग 25 मई को है. 1 जून को सातवें फेज की वोटिंग होनी है. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे.
चुनाव आयोग के प्रेस नोट में क्या कहा गया?
ईसीआई के प्रेस नोट में बताया गया कि साल 2023 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 434 में देश की सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट) के 26 अप्रैल, 2024 के फैसले का पालन करते हुए ईसीआई ने सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) के संचालन और भंडारण के लिए नया प्रोटोकॉल जारी किया है.
कब मतदान और कब परिणाम?
ईसीआई ने यह प्रोटोकॉल ऐसे समय पर बदला है, जब देश में सात चरण में आम चुनाव कराए जा रहे हैं. दो चरण के तहत मतदान हो चुका है. पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को लोकसभा की 102 सीटों पर मतदान हुआ था, जबकि दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को 89 सीटों पर वोट डाले गए थे.
आम चुनाव के तहत पांच और फेज की वोटिंग बची है. अब तीसरे चरण के तहत सात मई को 94, चौथे चरण के तहत 13 मई को 96, पांचवें चरण के तहत 20 मई को 49, छठे चरण के तहत 25 मई को 57 और सातवें चरण के तहत एक जून को लोकसभा की 57 सीटों पर मतदान होगा. नतीजों की घोषणा चार जून, 2024 को होगी.