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,AstraZeneca का बड़ा फैसला……..साइड इफेक्ट्स पर हुआ था विवाद,दुनियाभर से वापस मंगाई कोविड वैक्सीन,इसी फॉर्मूले से भारत में बनी है कोवीशील्‍ड,

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Big decision of AstraZeneca… There was controversy over side effects, Covid vaccine was recalled from all over the world, Covishield is made in India with the same formula,

ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर मचे बवाल के बाद दुनियाभर के बाजारों से वैक्सीन वापस मंगवाने का ऐलान किया है। हालांकि, कंपनी ने कहा कि वो वैक्सीन साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं, बल्कि व्यावसायिक कारणों से वापस मंगवा रही है। इस वैक्सीन को भारत कोविशील्ड नाम से जाना जाता था, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाया था।
कंपनी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद जिस तरह से कोविड वैक्सीन की सप्लाई की गई, उससे बाजार में जरूरत से ज्यादा वैक्सीन हो गई थी, इसलिए कंपनी ने वैक्सीन वापस लेने का फैसला किया है। वैक्सीन की मांग कम हो गई है जब से कई प्रकार की वैक्सीन बाजार में आई हैं। इसका निर्माण और निर्यात पहले ही बंद कर दिया गया है।

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फरवरी में एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की हाई कोर्ट में माना था कि उसकी कोरोना वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। TTS से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं या फिर प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती है, जिसके चलते ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है। TTS की वजह से अकेले ब्रिटेन में कम से कम 81 लोगों की मौत हुई है।

ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका 50 से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के चलते जिन लोगों की मौत हुई हैं, उनके परिजनों ने ये मुकदमे दायर किए हैं, जिनमें क्षतिपूर्ति और मुआवजे की मांग की गई है। ब्रिटेन की एक कोर्ट में कंपनी के खिलाफ 1,000 करोड़ के मुआवजे वाला मामला भी चल रहा है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार की थी।
कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी ने दायर इस याचिका में मांग की गई है कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव और जोखिम की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में मामले की जांच हो। वैक्सीन लगाने के बाद अपनी-अपनी बेटियां खोने वाले 2 परिवार भी SII पर मुकदमे की तैयारी कर रहे हैं। एस्ट्राजेनेका ने कहा, “वैश्विक महामारी समाप्त करने में हमें अपनी कोरोना वैक्सीन पर गर्व है। स्वतंत्र अनुमान के मुताबिक, इस्तेमाल के सिर्फ पहले साल में 65 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर 300 करोड़ से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई। हमारी कोशिशों को दुनियाभर की सरकारों ने मान्यता दी और व्यापक रूप से वैक्सीन को वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना गया है।

कंपनी ने फैसले की वजह कुछ और बताई

हालांकि AstraZeneca कंपनी ने ये स्‍पष्‍ट किया है कि फैसला साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं लिया गया है. ये डिसीजन व्‍यावसायिक कारणों से लिया गया है. अब मार्केट में कई एडवांस्‍ड वैक्‍सीन उपलब्‍ध हैं जो कई तरह के वेरिएंट से लड़ सकती है. फिलहाल कंपनी की ओर से वैक्‍सीन की मैन्‍युफैक्‍चरिंग और सप्‍लाई को बंद कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन 5 मार्च को किया गया था जो 7 मई तक प्रभावी हुआ.

क्‍या है TTS

TTS वो स्थिति है जिसमें शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है. हालांकि इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा का कहना है कि जिन लोगों ने कोवीशील्‍ड वैक्‍सीन लगवाई है, उन्‍हें इसको लेकर बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि कंपनी की ओर से वैक्‍सीन के बाद TTS की स्थिति अति दुर्लभ मामलों में सामने आने की बात कही गई है. वैक्सीन का असर 1 लाख लोगों में से दो पर होने की बात कही गई है, जो .0002 परसेंट है. ऐसे में इस बात को लेकर टेंशन लेने से अच्‍छा है कि हम और आप ये समझें कि शरीर में क्‍लॉट बनता किस वजह से है और इससे बचा कैसे जाए क्‍योंकि क्‍लॉट बनने की समस्‍या आपकी तमाम आदतों की वजह से भी हो सकती है.

क्‍लॉट बनने की वजह

शरीर में क्‍लॉट बनने की वजह खून का गाढ़ा होना है. इसके अलावा ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से न होना, लंबे समय तक असंतुलित भोजन लेना, सिगरेट आदि की लत वगैरह-वगैरह. क्‍लॉट की वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्‍ट्रोक, ब्रेन हेमरेज समेत कई तरह की जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं. इसलिए अगर इस समस्‍या से बचाव करना है, तो जरूरी है कि वो तरीके और आदतें जिंदगी में शामिल की जाएं, जिनके कारण खून पतला रहे और शरीर में रक्‍त का प्रवाह अच्‍छे से होता रहे.

खून को पतला करने के लिए क्‍या करें

सबसे पहले अपनी डाइट में फैट का इनटेक कम करें.

वजन को कंट्रोल रखें.

ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीएं.

नमक का सेवन कम करें. खासकर अगर आप बीपी के पेशेंट हैं तो.

फिजिकल एक्टिविटीज बेहद जरूरी है. कम से कम 30 से 40 मिनट रोजाना धीमी

गति से चलें.

प्राणायाम और व्‍यायाम को लाइफस्‍टाइल का हिस्‍सा जरूर बनाएं.

बाहरी फूड को खाने के शौकीन हैं, तो इस आदत को कंट्रोल करें.

सिगरेट, शराब आदि से परहेज करें. सिगरेट से भी खून गाढ़ा और चिपचिपा होने का

रिस्‍क बढ़ता है.

बीपी, कोलेस्‍ट्रॉल, शुगर, हार्ट या कोई अन्‍य गंभीर बीमारी है, तो समय-समय पर जांच कराते रहें.

अगर कोई दवा चल रही है, तो समय पर लें. लापरवाही न करें.

दवा को अपने मन से अचानक न छोड़ें. किसी तरह की समस्‍या है तो विशेषज्ञ से परामर्श करें.

अधिक मिर्च मसाले वाली चीजें खाने से परहेज करें.

हरी सब्जियां और फल आदि को डाइट में शामिल करें.

रोज रात को हल्‍के गुनगुने पानी में पैर डालें.

अर्जुन की छाल और दालचीनी मिलाकर काढ़ा पीएं

भारत में कोवीशिल्ड के नाम से वैक्सीन का हुआ इस्तेमाल

वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन 5 मार्च को किया गया था जो 7 मई तक

प्रभावी हुआ। एस्ट्राजेनेका ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर

कोरोना वैक्सीन बनाई थी। इसके फॉर्मूले के इस्तेमाल करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाती है।

कंपनी ने क्या दी जानकारी?

एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को यह कहा था कि बाजार में जरूरत से ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है इसलिए कंपनी ने बाजार से सभी टीके वापस लेने का फैसला किया है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कंपनी ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। जैसे वैक्सीन की वजह से खून का जम जाना और ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाना।
बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक 220 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी है।

 

 

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